नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर शीला दीक्षित सरकार द्वारा शुरू की गईं लाडली योजना को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि लाडली योजना को लेकर AAP सरकार ने बेरुखी दिखाई है. नतीजा है कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को देने के लिए करोड़ों रुपए पड़े हैं मगर सरकार इसे देने में गंभीर नहीं है. इसका जिक्र सीएजी की रिपोर्ट में भी हुआ है.
मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए अजय माकन ने कहा कि महिला सम्मान योजना के तहत आम आदमी पार्टी सरकार ने 2100 रुपये देने का चुनावी वादा किया है. सरकार महिलाओं के सम्मान, बच्चियों के बारे में इतनी ही सजग होती तो आज लाडली योजना को लेकर बेरुखी नहीं दिखाती. अजय माकन बोले, भारतीय संस्कृति में बेटियों को न केवल उसका हक दिया जाता है बल्कि उसके प्रति जीवन ही सेवा का भाव मन में रहता है. बेटियों का हक जो खा जाए वह पाप और श्राप दोनों का भागी होता है.
2013-14 में 'लाडली योजना' में कुल रजिस्ट्रेशन की संख्या 1,39,346 थी, जो कम होते हुए 2020-21 के अंदर मात्र 43,415 रह गई।
— Delhi Congress (@INCDelhi) January 28, 2025
दिल्ली की जनसंख्या बढ़ रही है, तो इस रजिस्ट्रेशन को भी बढ़ना चाहिए, लेकिन यह बढ़ने की जगह लगातार कम होती जा रही है।
'लाडली योजना' बच्चियों का हक है, लेकिन… pic.twitter.com/4aH4KHkCaA
अजय माकन ने कहा उत्तर भारत के अंदर कई राज्यों के अंदर लिंगानुपात सही नहीं है. उसमें फीमेल की संख्या बहुत कम है और उसका एक कारण भ्रूण हत्या है. इसको रोकने के लिए वर्ष 2008 में दिल्ली में कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार ने लाडली योजना शुरू की. शीला दीक्षित द्वारा शुरू नई योजना की चर्चा पूरे विश्व के अंदर हुई. अजय माकन बोले, इस योजना के तहत एक गरीब परिवार के अंदर जैसे ही बच्ची पैदा होती है तो 10 हज़ार रुपये सीधे उस परिवार को दे दिया जाता है. बच्ची अगर हॉस्पिटल में कहीं पैदा हुए तो 11 हज़ार रुपए देने का प्रावधान था.
'AAP के पाप' की कड़ी में हम बताना चाहते हैं कि कैसे केजरीवाल सरकार ने बच्चियों के साथ अन्याय किया है।
— Delhi Congress (@INCDelhi) January 28, 2025
2008-09 में जब लाडली योजना शुरू हुई तो उसमें दो हिस्से थे।
पहला: बच्ची के जन्म के समय ही रजिस्ट्रेशन करके पैसे दिए जाएं।
दूसरा: यदि जन्म के समय रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया, तो… pic.twitter.com/rrCoCZtSgx
अजय माकन बोले, जैसे ही बच्ची पैदा होती थी उसके परिवार को राशि दिया जाता था. बच्ची की फर्स्ट क्लास में एडमिशन होती थी 5000 रुपये उसके खाते में जमा हो जाते थे. छठी क्लास में 5000 रुपये और दे दिए जाते थे. 9 वीं क्लास में 5000 और दे दिए जाते थे. दसवीं जैसे पास करती पांच हज़ार रुपये और दे दिए जाते हैं और जब 12वीं में एडमिशन लेती तो 5000 रुपये दे दिए जाते हैं. जैसे ही वह बच्ची 18 वर्ष की होती थी, बच्ची के नाम पर एक लाख रुपये ट्रांसफर हो जाते थे. अजय माकन बोले इस तरह की स्कीम बनाई गई थी, जिसकी चर्चा देश ही नहीं विदेश में भी की जाती थी.
आप सरकार ने योजना को लागू करने में नहीं दिखाई दिलचस्पी: अजय माकन बोले, वर्ष 2008 में जब इस योजना की शुरुआत हुई तो पहले साल 2008 में कुल 20,212 पंजीकरण हुए, दूसरे साल 2009 में 23,871, तीसरे साल 20,793 पंजीकरण और सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2013 से लगातार इसमें कमी दर्ज की गई. रिपोर्ट में वर्ष 2020-21 में 3,153 पंजीकरण होने का जिक्र है. जो बताता है आम आदमी पार्टी सरकार ने इस योजना के प्रचार प्रसार में ध्यान नहीं दिया. जिस स्कीम की पूरी दुनिया में चर्ची होती थी उस पर केजरीवाल सरकार ने सुध नहीं ली. 700 परसेंट की गिरावट इसमें आ गई. इतना ही नहीं 3.20 लाख पंजीकृत बच्चियों को देने के लिए 618 करोड़ रुपये सरकार के पास बैंक में पड़ें हैं, लेकिन उस योजना के तहत पंजीकृत बच्चियों की उम्र 25-26 साल हो गयी है, उसे भी सरकार ने पैसा नहीं दिया. इस पर सीएजी की रिपोर्ट में भी सवाल उठाए गए हैं.