जिनेवा : डब्लूएचओ कार्यकारी बोर्ड की बैठक 22 मई को आयोजित होनी है. डॉ हर्षवर्धन को इस बोर्ड का प्रमुख चुना गया है. इससे पहले बुधवार को डॉ हर्षवर्धन ने 73वीं वर्ल्ड हेल्थ एसेंब्ली में शिरकत की.
बैठक के दौरान डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना महामारी से दुनियाभर में हुई मौतों पर शोक जाहिर किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, 'भारत में कोरोना महामारी की चुनौती को लेकर राजनीतिक रूप से भी दृढ़संकल्प दिखाया गया है.' उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से खुद इसकी निगरानी की है और इस कारण कोरोना महामारी के खिलाफ भारत ने सक्रिय और वर्गीकृत तरीके से प्रतिक्रिया दी है.
भारत सहित 10 राष्ट्रों को तीन साल की अवधि के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कार्यकारी बोर्ड अध्यक्ष मंगलवार को चुना गया. विश्व स्वास्थ्य सभा, डब्ल्यूएचओ के निर्णय लेने वाली संस्था ने अपने 73वें सम्मेलन के दौरान बोत्सवाना, कोलंबिया, घाना, गिनी-बिसाऊ, मेडागास्कर, ओमान, रूस, कोरिया गणराज्य और यूनाइटेड किंगडम के साथ भारत को चुना.
इससे पहले डब्ल्यूएचओ द्वारा कोरोना वायरस संकट की प्रतिक्रिया की जांच के आह्वान के बाद भारत को नामित किया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को अपने अधिकांश सदस्यों से एक स्वतंत्र जांच शुरू करने की बात की. कोरोना वायरस की अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया को कैसे प्रबंधित करता है, जिस पर अमेरिका ने चीन पर इस महामारी को लेकर उंगली उठाई है.जिससे तीन लाख से अधिक लोग मर गए और वैश्विक अर्थव्यवस्था गिर गया है.
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक महामारी के लिए डब्ल्यूएचओ और चीन को निशाना बनाया है. उन्होंने कोरोना वायरस प्रकोप के प्रारंभिक चरण के दौरान चुप्पी के लिए विशेष रूप से चीन को दोषी ठहराया.
ट्रंप ने 'बहुत दुखद काम' करने के लिए डब्ल्यूएचओ को दोष दिया और कहा कि वह इस बात पर विचार कर रहा है कि क्या सालाना अमेरिकी फंडिंग 450 मिलियन डॉलर प्रति वर्ष से 40 मिलियन डॉलर तक कटौती करना है.
ट्रंप ने कहा कि जब तक 'डब्ल्यूएचओ' अगले 30 दिनों में व्यापक सुधार नहीं करता है, तब तक वह यूएस फंडिंग को अस्थायी रूप से निलंबित कर देगें.