नई दिल्ली : कोरोना वायरस (कोविड-19) के हालात को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक बुलाई. इस उच्च स्तरीय बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल सहित गृह मंत्रालय के अन्य अधिकारी शामिल हुए.
बैठक में यह तय किया गया कि रेलवे दिल्ली सरकार को कोरोना के लिए बेड बनाने के लिए 500 कोच देगी. इनमें आठ हजार बिस्तर बनाए जाएंगे.
गृहमंत्री ने कहा कि अगले दो दिनों में दिल्ली में कोरोना वायरस जांच की संख्या दोगुनी की जाएगी और छह दिनों बाद इसे तीन गुना तक बढ़ाया जाएगा,
गृह मंत्री ने कहा कि कुछ दिनों में दिल्ली के निषेध क्षेत्रों में हर मतदान केंद्र पर कोविड-19 की जांच शुरू की जाएगी और संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए अधिक प्रभावित क्षेत्रों यानी हॉटस्पॉट्स में घर-घर जाकर व्यापक स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराया जाएगा.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मरीजों के लिए बिस्तरों की कमी के मद्देनजर केंद्र दिल्ली को 500 रेलवे बोगियां भी उपलब्ध कराएगा.
बैठक में मुख्य रूप से इस पर बल दिया गया
- घर से घर मैपिंग
- टेस्टिंग डबल करें
- कंटेनमेंट जोन में सख्ती करें
- संक्रमण पहचानने के लिए रणनीति बनाएं
- कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के जरिए संक्रमण की पहचान करें
- रेलवे के 500 कोच दिल्ली सरकार को दिए जाएंगे
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि जारी है. लगातार दूसरे दिन दो हजार से अधिक संक्रमण के मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों की संख्या 39 हजार के करीब पहुंच गई. बता दें, केजरीवाल 17 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी बैठक करेंगे.
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में मृतकों का आंकड़ा 1271 तक पहुंच गया. प्रदेश में अभी 22,742 कोरोना केस एक्टिव हैं.
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को 2,134 नए मामले सामने आए. इसके बाद यहां कुल संक्रमितों की संख्या 38,958 हो गई, जबकि मौत के 57 नए मामलों के साथ ही मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,271 हो गया.
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यह दूसरा दिन है जब एक ही रोज में संक्रमण के मामले दो हजार से अधिक पाए गए हैं. इससे पहले, शुक्रवार को 2,137 मामले सामने आए थे. कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के लिहाज से महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद देश में दिल्ली तीसरे स्थान पर है.
राजधानी में कोविड-19 की स्थिति से निबटने के तरीकों और अस्पतालों में मरीजों के लिये बिस्तरों की उपलब्धता नहीं होने व प्रयोगशालाओं में जांच में आ रही मुश्किलों को लेकर अलग-अलग वर्गों द्वारा आलोचना हो रही है.
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को शहर की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दिल्ली की अस्पतालों की स्थिति बेहद भयावह है और कोविड-19 मरीजों के पास शव रखे दिख रहे हैं.