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'मन की बात' में बोले पीएम मोदी- विकास करना चाहते हों तो विद्यार्थी बने रहें - मन की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के 62वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया. संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश के बच्चों और युवाओं में साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रति रुचि बढ़ रही है. पढ़ें पूरी मन की बात...

पीएम मोदी
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Published : Feb 23, 2020, 7:09 AM IST

Updated : Mar 2, 2020, 6:23 AM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के 62वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया. बता दें कि यह पीएम मोदी का इस वर्ष दूसरा रेडियो कार्यक्रम है.

'मन की बात' में पीएम मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री ने कहा, 'अगर हम जीवन में प्रगति करना चाहते हैं, विकास करना चाहते हैं, कुछ कर गुजरना चाहते हैं तो पहली शर्त यही होती है, कि हमारे भीतर का विद्यार्थी कभी मरना नहीं चाहिए. हमारी 105 वर्ष की भागीरथी अम्मा, हमें यही प्रेरणा देती है.'

मोदी ने कहा कि 10 साल से कम उम्र में उन्हें (भागीरथी अम्मा) अपना स्कूल छोड़ना पड़ा था. 105 साल की उम्र में उन्होंने फिर स्कूल शुरू किया, पढ़ाई शुरू की. इतनी उम्र होने के बावजूद उन्होंने स्तर-4 की परीक्षा दी और 75% अंक प्राप्त किए.


'मन की बात' में देशवासियों को संबोधित करते पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले महीने एडवेंचर खेलों के लिए बहुत उपयुक्त हैं. भारत की भौगोलिक स्थिति ऐसी है, जो हमारे देश में एडवेंचर खेलों के लिए ढेरों अवसर प्रदान करती है. आप अपने जीवन को एडवेंचर के साथ जरूर जोड़ें.

पीएम ने कहा, 'मैं आपके साथ 12 साल की बेटी काम्या कार्तिकेयन की उपलब्धि की चर्चा जरूर करना चाहूंगा. काम्या ने सिर्फ 12 साल की उम्र में ही एकांकगुआ चोटी को फतेह करने का कारनामा कर दिखाया है. यह दक्षिण अमेरिका में एडनस पर्वत की सबसे ऊंची चोटी है. जो करीब 7,000 मीटर ऊंची है.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन महिलाओं ने सरकार के सहयोग से मलबरी-उत्पादन समूह बनाए. इसके बाद उन्होंने कोकून से रेशम के धागे तैयार किए फिर उन धागों से खुद ही साड़ियां बनवाना शुरू कर दिया जो अब हजारों रुपयों में बिक रही हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले इस इलाके की महिलाएं, शहतूत या मलबरी के पेड़ पर रेशम के कीड़ों से कोकून तैयार करती थीं. जिसका उन्हें बहुत मामूली दाम मिलता था. आज पूर्णिया की महिलाओं ने एक नई शुरुआत की और पूरी तस्वीर ही बदल कर के रख दी.

उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्णिया की कहानी देश के लोगों को प्रेरणा से भर देने वाली है. विषम परिस्थितियों में पूर्णिया की कुछ महिलाओं ने एक अलग रास्ता चुना.

हमारा नया भारत अब पुराने तरीके के साथ चलने को तैयार नहीं है. खासतौर पर नए भारत की हमारी बहनें और माताएं तो आगे बढ़कर उन चुनौतियों को अपने हाथों में ले रही हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि 31 जनवरी 2020 को लद्दाख़ की खूबसूरत वादियां, एक ऐतिहासिक घटना की गवाह बनी. लेह के कुशोक बाकुला रिम्पोची एयरपोर्ट से भारतीय वायुसेना के AN-32 विमान ने जब उड़ान भरी तो एक नया इतिहास बन गया. इस उड़ान में 10 फीसद इंडियन बॉयो जेट ईधन का मिश्रण किया गया था.

पीएम ने कहा कि बच्चों के, युवाओं के उत्साह को बढ़ाने के लिए उनमें साइंटिफिक टैंपर को बढ़ाने के लिए एक और व्यवस्था शुरु की गई है. अब आप श्रीहरिकोटा से होने वाले रॉकेट लॉंचिंग को सामने बैठकर देख सकते हैं. हाल ही में इसे सबके लिए खोल दिया गया है.

उन्होंने कहा कि दिनों हमारे देश के बच्चों और युवाओं में साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रति रूचि लगातार बढ़ रही है. अंतरिक्ष में रिकॉर्ड सैटेलाइट का प्रक्षेपण, नए-नए रिकॉर्ड, नए-नए मिशन हर भारतीय को गर्व से भर देते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले, मैंने दिल्ली के हुनर हाट में एक छोटी सी जगह में हमारे देश की विशालता, संस्कृति, परम्पराओं, खानपान और जज्बातों की विविधताओं के दर्शन किए थे.

गौरतलब है कि 26 जनवरी को 'मन की बात' को संबोधित करते हुए पीएम ने लोगों से नए दशक में एक नए-नए संकल्पों के साथ भारत माता की सेवा करने का आग्रह किया था और आशा व्यक्त की कि भारत उन उम्मीदों को पूरा करेगा, जो दुनिया को उससे मिली हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह नया दशक आप में से प्रत्येक के लिए और देश के लिए नए संकल्प और नई उपलब्धियों को ला सकता है.

पीएम मोदी ने कहा था कि भारत निश्चित रूप से उन उम्मीदों को पूरा करने के लिए क्षमताओं को प्राप्त कर सकता है, जो दुनिया को भारत से है. इस विश्वास के साथ, आइए एक नए दशक की शुरुआत करें.

पढ़ें : ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है 21वीं सदी : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने लोगों से जल संरक्षण के लिए प्रयास करने और दूसरों को प्रेरित करने के लिए जलशक्ति फॉर इंडिया के साथ चित्रों और वीडियो के माध्यम से अपने प्रयासों की कहानियों को साझा करने का भी अनुरोध किया था.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के 62वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया. बता दें कि यह पीएम मोदी का इस वर्ष दूसरा रेडियो कार्यक्रम है.

'मन की बात' में पीएम मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री ने कहा, 'अगर हम जीवन में प्रगति करना चाहते हैं, विकास करना चाहते हैं, कुछ कर गुजरना चाहते हैं तो पहली शर्त यही होती है, कि हमारे भीतर का विद्यार्थी कभी मरना नहीं चाहिए. हमारी 105 वर्ष की भागीरथी अम्मा, हमें यही प्रेरणा देती है.'

मोदी ने कहा कि 10 साल से कम उम्र में उन्हें (भागीरथी अम्मा) अपना स्कूल छोड़ना पड़ा था. 105 साल की उम्र में उन्होंने फिर स्कूल शुरू किया, पढ़ाई शुरू की. इतनी उम्र होने के बावजूद उन्होंने स्तर-4 की परीक्षा दी और 75% अंक प्राप्त किए.


'मन की बात' में देशवासियों को संबोधित करते पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले महीने एडवेंचर खेलों के लिए बहुत उपयुक्त हैं. भारत की भौगोलिक स्थिति ऐसी है, जो हमारे देश में एडवेंचर खेलों के लिए ढेरों अवसर प्रदान करती है. आप अपने जीवन को एडवेंचर के साथ जरूर जोड़ें.

पीएम ने कहा, 'मैं आपके साथ 12 साल की बेटी काम्या कार्तिकेयन की उपलब्धि की चर्चा जरूर करना चाहूंगा. काम्या ने सिर्फ 12 साल की उम्र में ही एकांकगुआ चोटी को फतेह करने का कारनामा कर दिखाया है. यह दक्षिण अमेरिका में एडनस पर्वत की सबसे ऊंची चोटी है. जो करीब 7,000 मीटर ऊंची है.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन महिलाओं ने सरकार के सहयोग से मलबरी-उत्पादन समूह बनाए. इसके बाद उन्होंने कोकून से रेशम के धागे तैयार किए फिर उन धागों से खुद ही साड़ियां बनवाना शुरू कर दिया जो अब हजारों रुपयों में बिक रही हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले इस इलाके की महिलाएं, शहतूत या मलबरी के पेड़ पर रेशम के कीड़ों से कोकून तैयार करती थीं. जिसका उन्हें बहुत मामूली दाम मिलता था. आज पूर्णिया की महिलाओं ने एक नई शुरुआत की और पूरी तस्वीर ही बदल कर के रख दी.

उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्णिया की कहानी देश के लोगों को प्रेरणा से भर देने वाली है. विषम परिस्थितियों में पूर्णिया की कुछ महिलाओं ने एक अलग रास्ता चुना.

हमारा नया भारत अब पुराने तरीके के साथ चलने को तैयार नहीं है. खासतौर पर नए भारत की हमारी बहनें और माताएं तो आगे बढ़कर उन चुनौतियों को अपने हाथों में ले रही हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि 31 जनवरी 2020 को लद्दाख़ की खूबसूरत वादियां, एक ऐतिहासिक घटना की गवाह बनी. लेह के कुशोक बाकुला रिम्पोची एयरपोर्ट से भारतीय वायुसेना के AN-32 विमान ने जब उड़ान भरी तो एक नया इतिहास बन गया. इस उड़ान में 10 फीसद इंडियन बॉयो जेट ईधन का मिश्रण किया गया था.

पीएम ने कहा कि बच्चों के, युवाओं के उत्साह को बढ़ाने के लिए उनमें साइंटिफिक टैंपर को बढ़ाने के लिए एक और व्यवस्था शुरु की गई है. अब आप श्रीहरिकोटा से होने वाले रॉकेट लॉंचिंग को सामने बैठकर देख सकते हैं. हाल ही में इसे सबके लिए खोल दिया गया है.

उन्होंने कहा कि दिनों हमारे देश के बच्चों और युवाओं में साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रति रूचि लगातार बढ़ रही है. अंतरिक्ष में रिकॉर्ड सैटेलाइट का प्रक्षेपण, नए-नए रिकॉर्ड, नए-नए मिशन हर भारतीय को गर्व से भर देते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले, मैंने दिल्ली के हुनर हाट में एक छोटी सी जगह में हमारे देश की विशालता, संस्कृति, परम्पराओं, खानपान और जज्बातों की विविधताओं के दर्शन किए थे.

गौरतलब है कि 26 जनवरी को 'मन की बात' को संबोधित करते हुए पीएम ने लोगों से नए दशक में एक नए-नए संकल्पों के साथ भारत माता की सेवा करने का आग्रह किया था और आशा व्यक्त की कि भारत उन उम्मीदों को पूरा करेगा, जो दुनिया को उससे मिली हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह नया दशक आप में से प्रत्येक के लिए और देश के लिए नए संकल्प और नई उपलब्धियों को ला सकता है.

पीएम मोदी ने कहा था कि भारत निश्चित रूप से उन उम्मीदों को पूरा करने के लिए क्षमताओं को प्राप्त कर सकता है, जो दुनिया को भारत से है. इस विश्वास के साथ, आइए एक नए दशक की शुरुआत करें.

पढ़ें : ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है 21वीं सदी : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने लोगों से जल संरक्षण के लिए प्रयास करने और दूसरों को प्रेरित करने के लिए जलशक्ति फॉर इंडिया के साथ चित्रों और वीडियो के माध्यम से अपने प्रयासों की कहानियों को साझा करने का भी अनुरोध किया था.

Last Updated : Mar 2, 2020, 6:23 AM IST
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