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चारधाम यात्रा 2022: शंकराचार्य की समाधि होगी आकर्षण का केंद्र, पहली बार यात्रियों की होगी जियो टैगिंग - Registration mandatory for Chardham Yatra

चारधाम यात्रा में इस बार केदारनाथ मंदिर के बगल में बनी आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि आकर्षण का केंद्र रहेगी. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि केदारनाथ धाम में जाने वाले सभी श्रद्धालु आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के भी दर्शन कर सकते हैं. चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए पहली बार शासन ने रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है, साथ ही यात्रियों की जियो टैगिंग भी की जाएगी.

Chardham Yatra 2022
चारधाम यात्रा 2022
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Published : Apr 9, 2022, 3:56 PM IST

देहरादून: चारधाम यात्रा आगामी 3 मई से शुरू होने जा रही है. इसको लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति के साथ-साथ पर्यटन विभाग भी अपनी तैयारियों में जुटा है. चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इस बार यात्रा पर ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. ऐसे में चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए पहली बार शासन ने रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है, साथ ही जियो टैगिंग की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा में इस बार आदिगुरू शंकराचार्य की मूर्ति आकर्षण का केंद्र रहेगी.

ज्यादा यात्रियों के दबाव की चुनौती: पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस बार सरकार के पास जो इनपुट हैं, उसके अनुसार चारधाम यात्रा में यात्रियों का जबरदस्त दबाव देखने को मिल सकता है. उन्होंने बताया कि ट्रैवल एजेंटों से मिली जानकारी के अनुसार भारी संख्या में पूरे देश से चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों द्वारा बुकिंग कराई जा रही है. इस संबंध में शासन प्रशासन लगातार अपने स्तर पर तैयारियां कर रहा है, जिसमें मुख्य सचिव स्तर और उसके बाद मुख्यमंत्री स्तर पर भी बैठक ली जा चुकी है.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि इस बार एक तो यात्रा थोड़ी देर से शुरू हो रही है और 15 जुलाई मॉनसून सीजन की शुरुआत मानी जाती है. ऐसे में यात्रा के लिए बेहद सीमित समय मिल रहा है और इस सीमित समय में यात्रियों का काफी ज्यादा दबाव रहने वाला है, ऐसे में चारधाम यात्रा को सुचारू करना शासन प्रशासन की यह एक बड़ी चुनौती होगी.

निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के निर्देश: पर्यटन सचिव ने जानकारी दी है कि चारधाम यात्रा रूट पर चल रहे सड़क निर्माण के कार्यों को लेकर सभी कार्यदायी संस्थाओं को यह निर्देशित कर दिया गया है कि यात्रा के दौरान किसी भी तरह का बड़ा निर्माण कार्य नहीं चलेगा. हालांकि, छोटे निर्माण कार्य के लिए छूट रहेगी लेकिन वह भी दिन के समय नहीं, बल्कि रात में करने होंगे.

इसके साथ ही चारधाम यात्रा रूट पर मौजूद संवेदनशील भूस्खलन वाली जगहों पर जल्द से जल्द मार्ग खुलवाने को लेकर मशीनें तैनात करने के भी निर्देश दिए गए हैं. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस विंटर सीजन में केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में काफी अधिक मात्रा में बर्फबारी हुई थी. लेकिन दोनों धामों के मार्ग खोल दिए गए हैं. धामों पर प्रशासन की आवाजाही हो रही है. केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण के कार्यों को लेकर दिलीप जावलकर ने जानकारी दी कि ज्यादातर पुनर्निर्माण के काम पूरे हो चुके हैं. कुछ बचे हुए कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन जिस समय यात्रा चलेगी उस समय निश्चित तौर से इन निर्माण कार्यों की गति में कमी आएगी, जिसके लिए कार्यदायी संस्थाओं को जानकारी दे दी गई है.

चारधाम यात्रा में पहली बार होगी यात्रियों की जियो टैगिंग.

बदरी-केदार मंदिर समिति तैयारियों में जुटी: पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि धामों तक पहुंचने की जहां एक तरफ पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की है. तो वहीं, मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के दर्शन कराने की पूरी जिम्मेदारी केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम के लिए बदरी केदार मंदिर समिति की है और गंगोत्री यमुनोत्री में वहां के मंदिरों की समीति है. जावलकर ने बताया कि चारों धामों में रावल का भी स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा चुका है.

ये भी पढ़ें - चारधाम यात्रा: केदारनाथ के लिए हेली बुकिंग शुरू, जानिए किराया और कैसे कराएं ऑनलाइन टिकट

जियो टैगिंग के लिए मंगाए गए हैंड होल्ड डिवाइसेस: पर्यटन सचिव ने संभावना जताई है कि इस बार यात्रियों की संख्या काफी मात्रा में बढ़ सकती है. ऐसे में शासन प्रशासन भी अलर्ट पर है. इस बार मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार यह सुनिश्चित किया गया है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी यात्रियों का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित किया जाए, जिसके लिए पर्यटन विभाग के पोर्टल पर यात्रियों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है.

तो वहीं, कुछ खास जगहों पर हैंड होल्ड डिवाइस के साथ अधिकारियों की तैनाती की जाएगी, जिनके जरिए यात्रियों की जियो टैगिंग भी की जाएगी. पर्यटन सचिव ने बताया कि इस बार पर्यटन विभाग हाथों में बांधने के लिए बैंड में क्यूआर कोड की व्यवस्था कर रहा है, ताकि हर एक यात्री की लोकेशन ट्रैक की जा सके. उन्होंने कहा कि अभी यात्रियों की संख्या का अनुमान लगाना बिल्कुल भी मुमकिन नहीं है, लेकिन जिस तरह की व्यवस्था इस बार की जा रही है. यह एक नई व्यवस्था है और इससे आने वाली यात्रियों की संख्या का काफी हद तक सही आकलन किया जा सकता है. उसी के अनुसार व्यवस्थाओं को भी अपग्रेड किया जा सकता है.

बदरीनाथ मास्टर प्लान को लेकर अपडेट: पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि बदरीनाथ धाम के लिए मास्टर प्लान के तहत करीब 277 करोड़ के कार्य प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगने से पहले घोषित किए गए थे, जिन पर काम शुरू हो चुका है. कंसल्टेंट टीम और इंजीनियर की टीम तकनीकी पहलुओं को देखते हुए बदरीनाथ धाम में सर्वे का काम कर रही है. इसके अलावा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी लगातार चल रही है, जिसमें 166 करोड़ का अधिग्रहण होना था, जिसमें से 65 करोड़ की धनराशि जिलाधिकारी को स्तर पर दी जा चुकी है. उन्होंने बताया कि बदरीनाथ धाम में जगह उपलब्ध करवाने के लिए कई भवनों का ध्वस्तीकरण होना था, जिनमें से शासकीय भवनों का ध्वस्तीकरण हो चुका है. ध्वस्तीकरण के बाद अल्टरनेटिव व्यवस्था भी की जा चुकी है.

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आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि रहेगी आकर्षण का केंद्र: चारधाम यात्रा के दौरान इस बार केदारनाथ धाम में स्थापित की गई आदिगुरू शंकराचार्य की मूर्ति आकर्षण का केंद्र रहेगी. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस समाधि की स्थापना के समय ऑफ सीजन था. लेकिन अब यह पहला मौका होगा, जब यात्रा सीजन में आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के भी यात्री दर्शन कर पाएंगे.

उन्होंने बताया कि आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि का डिजाइन बिल्कुल ओपन टू स्काई था, जिसे पूरी सर्दियों में मॉनिटरिंग की गई, जिसमें पाया गया कि मूर्ति पूरी बर्फबारी के बावजूद भी बिल्कुल सुरक्षित है. तो वहीं, अब बाद मूर्ति के आसपास बर्फ भी हट गई है. अब जो भी केदारनाथ के दर्शन करने जाएगा वो आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के भी दर्शन कर सकता है. इसमें किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा.

देहरादून: चारधाम यात्रा आगामी 3 मई से शुरू होने जा रही है. इसको लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति के साथ-साथ पर्यटन विभाग भी अपनी तैयारियों में जुटा है. चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इस बार यात्रा पर ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. ऐसे में चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए पहली बार शासन ने रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है, साथ ही जियो टैगिंग की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा में इस बार आदिगुरू शंकराचार्य की मूर्ति आकर्षण का केंद्र रहेगी.

ज्यादा यात्रियों के दबाव की चुनौती: पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस बार सरकार के पास जो इनपुट हैं, उसके अनुसार चारधाम यात्रा में यात्रियों का जबरदस्त दबाव देखने को मिल सकता है. उन्होंने बताया कि ट्रैवल एजेंटों से मिली जानकारी के अनुसार भारी संख्या में पूरे देश से चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों द्वारा बुकिंग कराई जा रही है. इस संबंध में शासन प्रशासन लगातार अपने स्तर पर तैयारियां कर रहा है, जिसमें मुख्य सचिव स्तर और उसके बाद मुख्यमंत्री स्तर पर भी बैठक ली जा चुकी है.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि इस बार एक तो यात्रा थोड़ी देर से शुरू हो रही है और 15 जुलाई मॉनसून सीजन की शुरुआत मानी जाती है. ऐसे में यात्रा के लिए बेहद सीमित समय मिल रहा है और इस सीमित समय में यात्रियों का काफी ज्यादा दबाव रहने वाला है, ऐसे में चारधाम यात्रा को सुचारू करना शासन प्रशासन की यह एक बड़ी चुनौती होगी.

निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के निर्देश: पर्यटन सचिव ने जानकारी दी है कि चारधाम यात्रा रूट पर चल रहे सड़क निर्माण के कार्यों को लेकर सभी कार्यदायी संस्थाओं को यह निर्देशित कर दिया गया है कि यात्रा के दौरान किसी भी तरह का बड़ा निर्माण कार्य नहीं चलेगा. हालांकि, छोटे निर्माण कार्य के लिए छूट रहेगी लेकिन वह भी दिन के समय नहीं, बल्कि रात में करने होंगे.

इसके साथ ही चारधाम यात्रा रूट पर मौजूद संवेदनशील भूस्खलन वाली जगहों पर जल्द से जल्द मार्ग खुलवाने को लेकर मशीनें तैनात करने के भी निर्देश दिए गए हैं. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस विंटर सीजन में केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में काफी अधिक मात्रा में बर्फबारी हुई थी. लेकिन दोनों धामों के मार्ग खोल दिए गए हैं. धामों पर प्रशासन की आवाजाही हो रही है. केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण के कार्यों को लेकर दिलीप जावलकर ने जानकारी दी कि ज्यादातर पुनर्निर्माण के काम पूरे हो चुके हैं. कुछ बचे हुए कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन जिस समय यात्रा चलेगी उस समय निश्चित तौर से इन निर्माण कार्यों की गति में कमी आएगी, जिसके लिए कार्यदायी संस्थाओं को जानकारी दे दी गई है.

चारधाम यात्रा में पहली बार होगी यात्रियों की जियो टैगिंग.

बदरी-केदार मंदिर समिति तैयारियों में जुटी: पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि धामों तक पहुंचने की जहां एक तरफ पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की है. तो वहीं, मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के दर्शन कराने की पूरी जिम्मेदारी केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम के लिए बदरी केदार मंदिर समिति की है और गंगोत्री यमुनोत्री में वहां के मंदिरों की समीति है. जावलकर ने बताया कि चारों धामों में रावल का भी स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा चुका है.

ये भी पढ़ें - चारधाम यात्रा: केदारनाथ के लिए हेली बुकिंग शुरू, जानिए किराया और कैसे कराएं ऑनलाइन टिकट

जियो टैगिंग के लिए मंगाए गए हैंड होल्ड डिवाइसेस: पर्यटन सचिव ने संभावना जताई है कि इस बार यात्रियों की संख्या काफी मात्रा में बढ़ सकती है. ऐसे में शासन प्रशासन भी अलर्ट पर है. इस बार मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार यह सुनिश्चित किया गया है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी यात्रियों का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित किया जाए, जिसके लिए पर्यटन विभाग के पोर्टल पर यात्रियों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है.

तो वहीं, कुछ खास जगहों पर हैंड होल्ड डिवाइस के साथ अधिकारियों की तैनाती की जाएगी, जिनके जरिए यात्रियों की जियो टैगिंग भी की जाएगी. पर्यटन सचिव ने बताया कि इस बार पर्यटन विभाग हाथों में बांधने के लिए बैंड में क्यूआर कोड की व्यवस्था कर रहा है, ताकि हर एक यात्री की लोकेशन ट्रैक की जा सके. उन्होंने कहा कि अभी यात्रियों की संख्या का अनुमान लगाना बिल्कुल भी मुमकिन नहीं है, लेकिन जिस तरह की व्यवस्था इस बार की जा रही है. यह एक नई व्यवस्था है और इससे आने वाली यात्रियों की संख्या का काफी हद तक सही आकलन किया जा सकता है. उसी के अनुसार व्यवस्थाओं को भी अपग्रेड किया जा सकता है.

बदरीनाथ मास्टर प्लान को लेकर अपडेट: पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि बदरीनाथ धाम के लिए मास्टर प्लान के तहत करीब 277 करोड़ के कार्य प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगने से पहले घोषित किए गए थे, जिन पर काम शुरू हो चुका है. कंसल्टेंट टीम और इंजीनियर की टीम तकनीकी पहलुओं को देखते हुए बदरीनाथ धाम में सर्वे का काम कर रही है. इसके अलावा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी लगातार चल रही है, जिसमें 166 करोड़ का अधिग्रहण होना था, जिसमें से 65 करोड़ की धनराशि जिलाधिकारी को स्तर पर दी जा चुकी है. उन्होंने बताया कि बदरीनाथ धाम में जगह उपलब्ध करवाने के लिए कई भवनों का ध्वस्तीकरण होना था, जिनमें से शासकीय भवनों का ध्वस्तीकरण हो चुका है. ध्वस्तीकरण के बाद अल्टरनेटिव व्यवस्था भी की जा चुकी है.

ये भी पढ़ें - Chardham Yatra 2022: तीन मई को खुलेंगे यमुनोत्री धाम के कपाट

आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि रहेगी आकर्षण का केंद्र: चारधाम यात्रा के दौरान इस बार केदारनाथ धाम में स्थापित की गई आदिगुरू शंकराचार्य की मूर्ति आकर्षण का केंद्र रहेगी. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस समाधि की स्थापना के समय ऑफ सीजन था. लेकिन अब यह पहला मौका होगा, जब यात्रा सीजन में आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के भी यात्री दर्शन कर पाएंगे.

उन्होंने बताया कि आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि का डिजाइन बिल्कुल ओपन टू स्काई था, जिसे पूरी सर्दियों में मॉनिटरिंग की गई, जिसमें पाया गया कि मूर्ति पूरी बर्फबारी के बावजूद भी बिल्कुल सुरक्षित है. तो वहीं, अब बाद मूर्ति के आसपास बर्फ भी हट गई है. अब जो भी केदारनाथ के दर्शन करने जाएगा वो आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के भी दर्शन कर सकता है. इसमें किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा.

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