मौनी अमावस्या पर्व 2022ः घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, यह है मान्यता - मौनी अमावस्या दान
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माघ माह की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या पर्व (Mauni Amavasya Parv) के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या तिथि (Mauni Amavasya Date) पर स्नान और दान का विशेष महत्व है. पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन गंगा नदी में सभी देवगण स्वर्ग से उतर कर स्नान करने आते हैं. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में मौन होकर स्नान करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है. पावन पर्व की अवसर पर आज प्रयागराज त्रिवेणी संगम पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. ठंड और घने कोहरे के बीच संगम सहित सभी प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं ने देर रात से ही डुबकी लगानी शुरू कर दी. स्नान पर्व की भारी भीड़ को देखते हुए घाटों की लंबाई की संख्या बढ़ाई गई है. श्रद्धालुओं को असुविधा न हो इसके लिए सिविल डिफेंस वालंटियर (Civil Defense Volunteer) जगह-जगह पर मार्गदर्शन करते दिखे. त्रिवेणी घाट, वी आई पी, अरैल, राम घाट, दशासुमेर, झूंसी और छतनाग घाट पर श्रद्धालुओं के साथ कोई घटना न हो इसके लिए जल पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. साथ ही साफ-सफाई के लिए स्वच्छता की टीमें तैनात की गई. मौनी अमावस्या के पर्व पर प्रयागराज संगम पर आज 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना जताई गई है.