मुसलमानों से प्रशासन की अपील, शब-ए-बारात में कब्रिस्तान न जाकर घरों में करें इबादत
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मुस्लिम समुदाय के लिए शब-ए-बारात इबादत और फजीलत की रात होती है. इस्लामिक विद्वानों के मुताबिक अगर इस रात को सच्चे दिल से इबादत की जाए और गुनाहों से तौबा की जाय तो अल्लाह हर गुनाह से पाक कर देता है. मुस्लिम समुदाय के लोग कब्रिस्तान पहुंचकर दुआएं करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संकट को देखते हुए लोगों को कब्रिस्तान न जाकर घरों पर ही दुआएं करने की अपील की जा रही है.