Lucknow News : शिक्षक अभ्यर्थियों ने घेरा बेसिक शिक्षामंत्री का आवास, नियुक्ति को लेकर कही ये बात
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लखनऊ : 6800 शिक्षक अभ्यर्थी नियुक्ति रद्द होने के मामले में अपनी मांगों को लेकर नाराज अभ्यर्थियों ने सोमवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया. अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार उनके आरक्षण के मामले को जल्द से जल्द निपटा कर उनकी नियुक्ति का रास्ता साफ करे. अभ्यर्थियों का कहना है कि 'मुख्यमंत्री उनको न्याय दिलाएं या फिर आत्महत्या करने की अनुमति दें.'
ज्ञात हो कि बीते 13 मार्च को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 5 जनवरी 2022 को जारी 6800 शिक्षकों की चयन सूची को रद्द कर दिया था. ऐसे में नियुक्ति पा चुके के 6800 अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा मंत्री से लगातार इस मामले में न्याय करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि 'सरकार उनके आरक्षण को खत्म करने का काम कर रही है, जिसे अभ्यर्थी बर्दाश्त नहीं करेंगे.'
भारी संख्या में पुलिस बल तैनात : अभ्यर्थियों ने पहले ही 27 मार्च को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी. अभ्यर्थियों का कहना है कि 'सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि उसे इस मामले को जल्द से जल्द डबल बेंच पर ले जाना चाहिए था. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद लगातार इस मामले में आगे की कार्रवाई पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा निदेशक, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा व निदेशालय तक पर प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पर कोई भी विचार सरकार की ओर से नहीं किया जा रहा है. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि लगातार प्रदर्शन करने के बाद आहत होकर सोमवार को शिक्षा मंत्री का आवास का घेराव किया. अभ्यर्थियों के मंत्री के घर पहुंचने पर भारी संख्या में पुलिस बल आवास पर तैनात कर दिया गया, ताकि किसी तरह प्रदर्शन पर काबू किया जा सके.
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि 'एक ओर सरकार अति पिछड़ों और दलितों के न्याय की बात करती है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित सभी बड़े नेता दलितों के हक में निर्णय लेने के घोषणाएं करते हैं, लेकिन 6800 शिक्षक अभ्यर्थियों के मामले में सरकार का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है.' अभ्यर्थियों का कहना था कि 'सरकार ने वादा किया था कि उनके साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि 'तैयारी करने के लिए वह अपने घर व खेत तक बेचें हैं. अभी तक दो अभ्यर्थियों ने आत्महत्या कर ली है. सरकार इस मामले पर गंभीर नहीं दिख रही है. ऐसे में अभ्यर्थियों के सामने आत्महत्या करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है.' अभ्यर्थियों का कहना है कि 'मुख्यमंत्री उनको न्याय दिलाएं या फिर आत्महत्या करने की अनुमति दें.'
मंत्री ने दिया आश्वासन : प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने बेसिक शिक्षा मंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की. मंत्री से मिलकर निकले प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि 'सरकार हमारे मामले को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है. शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि 'इस मामले पर सरकार विधिक राय ले रही है, किसी भी अभ्यर्थी का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि हमने मंत्री को 15 से 20 दिन का समय दिया है. इस दौरान अगर सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो हम दोबारा प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे.'