नवरात्र का चौथा दिन : दर्शन को मंदिरों में लगी भक्तों की कतारें, मांगी मन्नत

🎬 Watch Now: Feature Video

thumbnail

वाराणसी : चैत्र नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा का विधान है. मां को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है, क्योंकि उनकी आठ भुजाएं हैं. इन भुजाओं में कमंडल, धनुष-बाण, कमल पुष्प, शंख चक्र, गदा, हस्त और सभी सिद्धियों को देने वाली जपमाला है. मां के हाथों में इन सभी चीजों के अलावा कलश भी है. माता के दर्शन के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें दिखाई दीं. वाराणसी के दुर्गाकुंड क्षेत्र में मां का प्राचीन मंदिर स्थापित है. मंदिर की वजह से ही क्षेत्र का नाम दुर्गाकुंड पड़ा है, जोकि काशी के प्रमुख मंदिरों में से एक है.


मंदिर का महत्व : कुष्मांडा देवी मां के नौ रूपों में से एक हैं. इसे जिले के दुर्गा मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर बहुत ही पुरातन मंदिर है. इस मंदिर का उल्लेख काशी खंड में भी मिलता है. इस मंदिर में माता दुर्गा यंत्र के रूप में विराजमान हैं. मंदिर के निकट ही अन्य देवी-देवताओं के मंदिर हैं. भैरवनाथ, सरस्वती देवी, लक्ष्मी देवी और माता काली की मूर्ति भी स्थापित है. मंदिर के पास एक अति प्राचीन पोखरा है. शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र में यहां पर बहुत ही भीड़ होता है. ऐसी मानता है कि नौ दिन दर्शन करने से मनोकामना पूर्ण होती है.



सोनू महाराज ने बताया कि 'आज मां कुष्मांडा के दर्शन पूजन का दिन है. आज मां के चतुर्थ स्वरूप का दर्शन किया जा रहा है. पूरे प्रांत से माताएं, बहनें, भाई चुनरी नारियल लेकर मां को चढ़ा रहे हैं. वैश्विक महामारी ने पूरे विश्व को परेशान किया. आज मां के दरबार में सब लोग अपने परिवार बच्चे के स्वस्थ रहने कामना कर रहे हैं. यहां पर सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है.'

यह भी पढ़ें : UP Weather Update : यूपी के पश्चिमी इलाकों में बारिश के साथ तेज हवा चलने की चेतावनी, जानिए अन्य जिलों का हाल

ABOUT THE AUTHOR

author-img

...view details

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.