ट्रेन हादसे की कहानी, यात्री की जुबानी: 'पल भर में लाशों के ढेर और मदद को चीखते नजर आए लोग'
ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच ट्रेन दुर्घटना हुई, जिसमें कम से कम 261 लोगों की मौत हो गई. वहीं, 650 घायल हो गए हैं. इस भयावह हादसे के बारे में कोरोमंडल एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे यात्री ने बताया. उन्होंने बताया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की गति लगभग 110-115 किमी प्रति घंटा थी. यह सुचारू रूप से चल रही थी, लेकिन अचानक दुर्घटना हुई और 30-40 सेकंड के भीतर हमने इतने सारे लोगों को जगह-जगह मृत और घायल अवस्था में मदद के लिए चिखते-चिल्लाते हुए देखा. ट्रेन के डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़ गए थे. पटरियां टूटी हुईं और हर तरफ हमने खून के छींटे देखे. यात्री अनुभव दास जो कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार थे, उस पल को याद करते हुए यह बात कही. उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, यह ट्रेन दुर्घटना भारत में चौथी सबसे घातक हादसा है. ये हादसा बालासोर जिले के बहांगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास हुई, जो कोलकाता से लगभग 250 किमी दक्षिण और भुवनेश्वर से 170 किमी उत्तर में है.