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काशी विश्वनाथ मंदिर में धोती और साड़ी में ही कर सकेंगे दर्शन, न्यास कर रहा प्रस्ताव लाने की तैयारी - प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय

देश के कई प्रमुख मंदिरों में दर्शन के आकांक्षी भक्तों के लिए ड्रेस कोड (dress code) लागू है. जल्द ही श्री काशी विश्वनाथ धाम (Shri Kashi Vishwanath Dham) में भी यह व्यवस्था लागू हो सकती है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष ने इस बात के संकेत दिए हैं कि दर्शन के लिए धोती और साड़ी को अनिवार्य किया जा सकता है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 27, 2023, 5:44 PM IST

प्रस्ताव के बारे में जानकारी देते न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय.

वाराणसी : श्री काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों की बढ़ रही भीड़ के बीच नई व्यवस्था लागू करने पर मंथन शुरू हो गया है. एक तरफ यहां निशुल्क कार्य करने वाले शास्त्री और अन्य लोगों को एक व्यवस्थित तरीके से सुविधा देने की तैयारी की जा रही है तो वहीं श्रद्धालुओं के लिए भी ड्रेस कोड लागू करने पर विचार चल रहा है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि अगली बैठक में इसका प्रस्ताव लाया जा सकता है.

प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने बताया कि अन्य ज्योतिर्लिंग मंदिरों में यह व्यवस्था लागू है कि एक ड्रेस कोड के तहत ही लोग दर्शन करते हैं. ऐसी ही व्यवस्था श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी होनी चाहिए. कहा पहले का समय कुछ और था जब लोग किसी भी तरह के कपड़े पहन कर बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में पहुंच जाते थे, लेकिन परिवर्तन हो रहा है. इसलिए ऐसी स्थिति में अब ऐसे कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश दिया जाना चाहिए जो संयमित और आंखों को अच्छा लगने वाले हो.

सनातन धर्म के हिसाब से धोती-कुर्ता और साड़ी उत्तम : न्यास अध्यक्ष ने कहा कि उनका मानना है कि हमारे धर्म संस्कृति के अनुसार पहने जाने वाले कपड़ों के साथ ही आने वाले दिनों में मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाए. कहा कि पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी सनातन धर्म के हिसाब से सबसे उत्तम पहनावा माना जाता है. कहा कि न्यास की अगली बैठक में इसका प्रस्ताव रखने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा मंदिर में कार्य करने वाले कर्मचारी चाहे वह निशुल्क शास्त्री हों चाहे अन्य पुजारी, उनको एक व्यवस्थित और सम्मानजनक मानदेय देने के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी मिलनी चाहिए. यह प्रस्ताव भी न्यास अपनी बैठक में रखेगा.

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में पूजा का आधिकार देने की याचिका खारिज

यह भी पढ़ें : Kashi Vishwanath का होगा खुद का फायर स्टेशन, जगह की तलाश शुरू हुई

प्रस्ताव के बारे में जानकारी देते न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय.

वाराणसी : श्री काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों की बढ़ रही भीड़ के बीच नई व्यवस्था लागू करने पर मंथन शुरू हो गया है. एक तरफ यहां निशुल्क कार्य करने वाले शास्त्री और अन्य लोगों को एक व्यवस्थित तरीके से सुविधा देने की तैयारी की जा रही है तो वहीं श्रद्धालुओं के लिए भी ड्रेस कोड लागू करने पर विचार चल रहा है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि अगली बैठक में इसका प्रस्ताव लाया जा सकता है.

प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने बताया कि अन्य ज्योतिर्लिंग मंदिरों में यह व्यवस्था लागू है कि एक ड्रेस कोड के तहत ही लोग दर्शन करते हैं. ऐसी ही व्यवस्था श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी होनी चाहिए. कहा पहले का समय कुछ और था जब लोग किसी भी तरह के कपड़े पहन कर बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में पहुंच जाते थे, लेकिन परिवर्तन हो रहा है. इसलिए ऐसी स्थिति में अब ऐसे कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश दिया जाना चाहिए जो संयमित और आंखों को अच्छा लगने वाले हो.

सनातन धर्म के हिसाब से धोती-कुर्ता और साड़ी उत्तम : न्यास अध्यक्ष ने कहा कि उनका मानना है कि हमारे धर्म संस्कृति के अनुसार पहने जाने वाले कपड़ों के साथ ही आने वाले दिनों में मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाए. कहा कि पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी सनातन धर्म के हिसाब से सबसे उत्तम पहनावा माना जाता है. कहा कि न्यास की अगली बैठक में इसका प्रस्ताव रखने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा मंदिर में कार्य करने वाले कर्मचारी चाहे वह निशुल्क शास्त्री हों चाहे अन्य पुजारी, उनको एक व्यवस्थित और सम्मानजनक मानदेय देने के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी मिलनी चाहिए. यह प्रस्ताव भी न्यास अपनी बैठक में रखेगा.

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