वाराणसी: भगवान बुद्ध की पहली उपदेश स्थली को स्मार्ट पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा. इसके लिए यूपी सरकार और वर्ल्ड बैंक ने 100 करोड़ रुपये की एक विशेष योजना तैयार की है. विश्व बैंक की सहायता से सारनाथ जाने-वाले सभी मुख्य मार्गों को इंटरनेशनल लुक दिया जाएगा. इसके लिए पर्यटन विभाग के साथ वर्ल्ड बैंक की टीम डीपीआर तैयार कर रही है.
हाईटेक होगा वाराणसी का सारनाथ. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के लिहाज से सारनाथ काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. यही वजह है कि सारनाथ को अंतरराष्ट्रीय लुक देने की तैयारी वर्ल्ड बैंक के साथ शुरू की गई है. पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि सारनाथ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने की दिशा में कार्य शुरू किया गया है. इस संदर्भ में नगर निगम, जल निगम, जलकल और विद्युत विभाग समेत अन्य विभागों के साथ एनओसी संदर्भित एक महत्वपूर्ण बैठक की गई है. पर्यटन विभाग के मुताबिक सारनाथ जाने वाले रास्ते में सुहेलदेव तिराहा से धर्मपाल चौराहा तक प्रोमिनाड स्ट्रीट बनाई जाएगी. इस स्ट्रीट में सड़क पाथवे, वेंडिंग जोन, स्ट्रीट लाइट, बैठने की व्यवस्था, ग्रीनरी होगी और बिजली वायर से लेकर सीवर तक सब अंडरग्राउंड होगा. इसके अलावा बड़े पैमाने पर यहां सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे. पर्यटन के विकास को बढ़ावा देने के लिए सारनाथ के डियर पार्क के रूप में चार करोड़ की धनराशि खर्च कर इसे भी विकसित किया जाएगा, जिसके लिए प्रभागीय वन अधिकारी को प्रोजेक्ट बनाए जाने के निर्देश मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने दे दिए हैं.
अधिकारी के मुताबिक सारनाथ आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए इसकी कनेक्टिविटी रिंग रोड से होकर जाएगी, जिससे लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट बाबतपुर से पर्यटकों को सारनाथ पहुंचने में महज 20 मिनट का वक्त लगेगा. बुद्धा थीम पार्क के पास वाहन पार्किंग के साथ ही पर्यटकों के लिए गोल्फ कोर्ट की सुविधा और फूड कोर्ट की व्यवस्था भी होगी. इसके अलावा रामनगर, काशीपुर, चुरामनपुर, फुलवरिया में हस्तशिल्प स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाए जाने के लिए भी वर्ल्ड बैंक के मानक के अनुसार प्रोजेक्ट बनाकर भेजने के निर्देश दिए गए हैं.