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'उड़ान' में दिखी आत्मनिर्भर भारत की झलक, 'हस्तकला' से महिलाएं हो रहीं सशक्त

यूपी के वाराणसी में हस्तकला (handicraft) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उड़ान सावन मेले (udan savan mela ) का आयोजन किया गया है. यहां महिलाओं द्वारा अलग-अलग हैंडीक्राफ्ट के स्टॉल लगाए गए हैं, लेकिन यहां तीन सहेलियों द्वारा लगाया गया स्टॉल काफी सुर्खियां बटोर रहा है.

उड़ान सावन मेला.
उड़ान सावन मेला.
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Published : Aug 19, 2021, 8:07 AM IST

वाराणसी: हस्तकला (handicraft) को बढ़ावा देने व महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से वाराणसी में उड़ान सावन मेले (udan savan mela) का आयोजन किया गया हैं, जिसके तहत महिलाओं ने अलग-अलग हैंडीक्राफ्ट (handicraft) स्टॉल लगाए गए हैं. यूं तो यहां लगाए सभी स्टॉल खास हैं, लेकिन इसमें एक स्टॉल काफी चर्चा का विषय रहा है, जो तीन सहेलियों द्वारा तैयार किया गया है. खास बात यह है कि इस स्टॉल में सभी सामान हैंडमेड हैं. साथ ही इसके जरिए अन्य कई महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है.

वाराणसी में लगा उड़ान सावन मेला.
उड़ान को आयोजित करने वाली समाजसेविका सोनी जायसवाल बताती हैं कि उन्होंने महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से उड़ान मेले (udan mela) का आयोजन किया है. इस मेले में कुल 25 से 30 स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें सभी ऑनर महिलाएं है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में जो महिलाएं हैंडीक्राफ्ट (women handicraft) का काम करती थीं, उन्होंने अलग-अलग तरीके के अपने सामानों को बनाया तो जरूर, लेकिन उन्हें डिस्प्ले करने का मौका नहीं मिला और कहीं न कहीं इससे उनके आत्मविश्वास में भी कमी आई, लेकिन हम सब ने मिलकर उड़ान के तहत इस मेले का आयोजन किया, जिसमें महिलाओं को अपने हैंडीक्राफ्ट (handicraft) व अन्य सामानों को डिस्प्ले करने का मौका मिल रहा है.
इससे न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि उन्हें दो पैसे की आमदनी भी होगी, जिससे महिलाएं सशक्त होंगी. उड़ान में तरह-तरह के स्टॉल लगाए गए थे, लेकिन एक स्टॉल बेहद खास था, जो तीन सहेलियों के द्वारा तैयार किया गया था.
बता दें कि यह तीनों सहेलियां कोरोना काल में अपनी जॉब को छोड़कर के एक हैंडीक्राफ्ट का व्यापार शुरू की है, जिसके तहत रॉ-मैटेरियल के सामानों का प्रयोग कर वह अलग-अलग तरीके के घरेलू व साज-सज्जा के सामान बनाते हैं. तीनों सहेलियों ने बताया कि कोरोना काल में उनकी नौकरियां चली गईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने अपने हुनर के सहारे हैंडीक्राफ्ट का व्यापार पुटुकुवा (putukuwa) के नाम से शुरू किया, जिसका अर्थ है 'भावनाओं के साथ कला बनाना'. तीनों युवतियां रॉ-मैटेरियल से अलग-अलग तरीके के सामान तैयार कर ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों प्रकार से इसकी बिक्री करती हैं. यह प्रोडक्ट लोगों को खासा पसंद भी आ रहा है.
इसे भी पढ़ें- 150 साल पुराना संभल का हैंडीक्राफ्ट उद्योग, विदेशों में भी है पहचान

इसे भी पढ़ें-34 देश के प्रतिनिधियों ने दीनदयाल हस्तकला संकुल का किया भ्रमण
उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय से अब वह अन्य घरेलू महिलाओं को भी जोड़ रखी हैं, जो अपने घर में अपने दिनचर्या के काम को करने के साथ-साथ हैंडीक्राफ्ट का काम भी करती हैं. उन्होंने बताया कि हैंडीक्राफ्ट में बुकमार्क, कॉफी टेबल मैट, डायरी, अलग-अलग तरीके के स्टीकर, ईयर रिंग व अन्य साज-सज्जा के सामान तैयार किए जाते हैं.

इसे भी पढ़ें- खिचड़ी से बने इस शिवलिंग में विराजते हैं पांच देवी देवता, यहां की है विशेष महिमा

वाराणसी: हस्तकला (handicraft) को बढ़ावा देने व महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से वाराणसी में उड़ान सावन मेले (udan savan mela) का आयोजन किया गया हैं, जिसके तहत महिलाओं ने अलग-अलग हैंडीक्राफ्ट (handicraft) स्टॉल लगाए गए हैं. यूं तो यहां लगाए सभी स्टॉल खास हैं, लेकिन इसमें एक स्टॉल काफी चर्चा का विषय रहा है, जो तीन सहेलियों द्वारा तैयार किया गया है. खास बात यह है कि इस स्टॉल में सभी सामान हैंडमेड हैं. साथ ही इसके जरिए अन्य कई महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है.

वाराणसी में लगा उड़ान सावन मेला.
उड़ान को आयोजित करने वाली समाजसेविका सोनी जायसवाल बताती हैं कि उन्होंने महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से उड़ान मेले (udan mela) का आयोजन किया है. इस मेले में कुल 25 से 30 स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें सभी ऑनर महिलाएं है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में जो महिलाएं हैंडीक्राफ्ट (women handicraft) का काम करती थीं, उन्होंने अलग-अलग तरीके के अपने सामानों को बनाया तो जरूर, लेकिन उन्हें डिस्प्ले करने का मौका नहीं मिला और कहीं न कहीं इससे उनके आत्मविश्वास में भी कमी आई, लेकिन हम सब ने मिलकर उड़ान के तहत इस मेले का आयोजन किया, जिसमें महिलाओं को अपने हैंडीक्राफ्ट (handicraft) व अन्य सामानों को डिस्प्ले करने का मौका मिल रहा है.
इससे न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि उन्हें दो पैसे की आमदनी भी होगी, जिससे महिलाएं सशक्त होंगी. उड़ान में तरह-तरह के स्टॉल लगाए गए थे, लेकिन एक स्टॉल बेहद खास था, जो तीन सहेलियों के द्वारा तैयार किया गया था.
बता दें कि यह तीनों सहेलियां कोरोना काल में अपनी जॉब को छोड़कर के एक हैंडीक्राफ्ट का व्यापार शुरू की है, जिसके तहत रॉ-मैटेरियल के सामानों का प्रयोग कर वह अलग-अलग तरीके के घरेलू व साज-सज्जा के सामान बनाते हैं. तीनों सहेलियों ने बताया कि कोरोना काल में उनकी नौकरियां चली गईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने अपने हुनर के सहारे हैंडीक्राफ्ट का व्यापार पुटुकुवा (putukuwa) के नाम से शुरू किया, जिसका अर्थ है 'भावनाओं के साथ कला बनाना'. तीनों युवतियां रॉ-मैटेरियल से अलग-अलग तरीके के सामान तैयार कर ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों प्रकार से इसकी बिक्री करती हैं. यह प्रोडक्ट लोगों को खासा पसंद भी आ रहा है.
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उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय से अब वह अन्य घरेलू महिलाओं को भी जोड़ रखी हैं, जो अपने घर में अपने दिनचर्या के काम को करने के साथ-साथ हैंडीक्राफ्ट का काम भी करती हैं. उन्होंने बताया कि हैंडीक्राफ्ट में बुकमार्क, कॉफी टेबल मैट, डायरी, अलग-अलग तरीके के स्टीकर, ईयर रिंग व अन्य साज-सज्जा के सामान तैयार किए जाते हैं.

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