वाराणसी: संसद में 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हो गई. 1 फरवरी को सरकार आम बजट पेश करने वाली है और बजट को लेकर इस बार काफी कुछ उम्मीदें हर कोई लगाए बैठा है, क्योंकि 2020 का पूरा साल कोविड-19 की वजह से आर्थिक रूप से हर किसी को परेशान करने वाला रहा है. इसलिए सरकार के सामने चुनौती है कि बजट को मजबूती के साथ हर किसी को ध्यान में रखकर बनाया जाए. सबसे ज्यादा उम्मीद उन महिलाओं व गृहिणियों ने पाल रखी हैं, जिन पर घर का खर्च चलाने की बड़ी जिम्मेदारी होती है.
'फ्री कोचिंग सेंटर खोले सरकार'
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शिक्षिका जया पांडेय ने खुलकर अपनी पीड़ा को बयां किया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कोविड-19 के दौर में हमारे सामने बड़ी चुनौती आ गई है. हालात अभी सुधरे नहीं है. बच्चों की कोचिंग क्लासेस और स्कूल खुल नहीं पाए हैं. हम लगभग 8-9 महीने से परेशान हैं. फीस नहीं आ रही है और पेरेंट्स देने की कंडीशन में भी नहीं है. ऐसे में सरकार को फ्री एजुकेशन को बढ़ावा देने की जरूरत है. जया पांडेय ने कहा कि जिस तरह से यूपी गवर्नमेंट फ्री एजुकेशन के लिए कोचिंग क्लासेस खोलने की प्लानिंग कर रही है, वैसे ही इस तरह के कोचिंग संस्थान सरकार को इस बजट में खोलने पर विचार करना चाहिए. इसके लिए सरकार को अच्छे शिक्षकों का कंपटीशन प्रोग्राम चलवा कर उन्हें मौका देना चाहिए. इससे रोजगार भी बढ़ेगा और पैरेंट्स की परेशानियां भी दूर होंगी.
'सस्ती हो शिक्षा'
वर्किंग वूमेन एक तरफ जहां सरकार से अपने स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्लान लाए जाने की बात कर रही हैं तो महंगी शिक्षा से परेशान बच्चे भी अपने पेरेंट्स पर बोझ कम करने की डिमांड सरकार से कर रहे हैं. ग्रेजुएशन के बाद कंपटीशन की तैयारी कर रही छात्रा निहारिका का कहना है कि इस बजट में सरकार को सस्ती शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए, जो सबसे महत्वपूर्ण है. हेल्थ एजुकेशन की महंगाई परिवार के साथ बच्चों को परेशान कर रही है इसलिए आत्मनिर्भर भारत की बात करने वाले प्रधानमंत्री जी को बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सस्ते शिक्षा पर ध्यान देना होगा इस बजट में.
'कम हो महंगाई'
एक तरफ जहां वर्किंग वूमेन और छात्राएं अपनी जरूरतों के हिसाब से सरकार से बजट पेश करने की मांग कर रही हैं तो वहीं घर का काम संभालने वाली महिलाएं भी सरकार को मिडिल क्लास फैमिली को ध्यान में रखकर बजट लाने की मांग कर रही हैं. घर के बजट को मेंटेन करने वाली महिलाओं का कहना है कि आज के दौर में घर का खर्च चलाना मुश्किल हो चुका है. सब्जियों और अनाज की कीमतें हर रोज बढ़ रही हैं, जिसकी वजह से घर का आम बजट बिगड़ चुका है, 100 से 200 रुपये में तो ढंग की सब्जी भी नहीं आती. ऊपर से महीने में आने वाला अनाज पहले जहां हजार- बारह सौ में मिल जाता था, अब दो हजार से ढाई हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं. बच्चों की शिक्षा भी बेहद महंगी है. गैस सिलेंडर की बढ़ रही कीमतें घर का बजट बिगाड़ रही हैं और महंगा पेट्रोल घर के कमाने वाले शख्स के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. इसलिए सरकार को इन सब चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है. ताकि महंगाई काबू में की जा सके और बाहर निकलकर कमाने वाले से लेकर घर में रहकर घर का बजट चलाने वाली महिलाओं तक को राहत मिले.