वाराणासीः पिलोरी गांव की अनिता पटेल (27 वर्ष) अपने मासूम बेटे प्रिंस (5 वर्ष) और बेटी सृष्टि (3 वर्ष) के साथ गहरे पानी भरे पुराने कुएं में कूद गई. थाना प्रभारी सुनील दत्त दुबे के अनुसार, खेत में काम कर रहे किसानों की नजर कुएं में कूद रही अनीता पर पड़ गई. उन्होंने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को जानकारी दी और बचाव में जुट गए. ग्रामीणों की मदद से विवाहिता को तो सकुशल बाहर निकाल लिया गया, किंतु मासूम बच्चों की जान नहीं बचाई जा सकी. अनीता के पति अजीत पटेल ने इस मामले में तहरीर दी, जिसके आधार पर बच्चों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. अनीता ने ऐसा कदम क्यों उठाया, इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है.
घर में ही खोल रखी है दुकान
कछवां थानांतर्गत आही गांव निवासी स्व. बिरजू पटेल के दो पुत्रों में छोटा पुत्र अजीत पटेल मजदूरी का काम कर परिवार का जीविकोपार्जन करता है. अजीत की पत्नी प्राइमरी विद्यालय के पास खेत में मड़ई लगा गुमटी में टॉफी-बिस्किट की दुकान चलाती है. पुलिस ने बताया कि खेत से तोड़े गए मटर को लेकर गुरुवार की सुबह पति साइकिल से राजातालाब सब्जी मंडी बेचने चला गया. पति के जाने के बाद किसी बात से नाराज पत्नी बेटे प्रिंस और बेटी सृष्टि को साथ लेकर पैदल घर से करीब दो किमी. दूर पिलोरी गांव पहुंच गई. यहीं बने ब्रिटिश काल के कुएं के गहरे पानी में मासूम बच्चों को ढकेल खुद भी कूद पड़ी.
अंगूर मंगा के कहां चला गया
रोते बिलखते पिता अजीत ने बताया कि सुबह वह जब मटर बेचने मंडी के लिए निकल रहे तो बेटे प्रिंस ने कहा था. पापा अंगूर लेते आना. झोले में अंगूर लेकर जब अजीत घर पहुंचे तो बेटे के मौत की खबर लगी. वह बेसुध हो गया कि अंगूर मंगा के हमार ललवा कहा चलल गइलह. अजीत का कहना है कि पत्नी से उसका कोई विवाद नहीं था.
मड़ई बयां कर रही थी आर्थिक तंगी की दास्तान
कछवां गांव में अजीत पटेल प्राथमिक स्कूल के निकट पत्नी और बच्चों संग मड़ई में रहकर जीवन यापन करता है. मड़ई के अंदर गुमटी समेत चारपाई-बिस्तर और भोजन पकाने का चूल्हा-बर्तन पड़ा रहा. मड़ई के पीछे ही साढ़े छह बिस्वा खेत भी है. ग्रामप्रधान महंगू राम वर्मा का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम भेजा गया था. अजीत को जल्द ही आवास मिलने वाला है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.