वाराणसी: लंका थाना की गंगाबाग कॉलोनी में एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ लंका थाने के पीछे स्थित बाढ़ राहत शिविर में रहने आई थी. रविवार को पंखे को अपनी ओर घुमाते समय उसमें उतरे करंट की चपेट में आने से महिला की मौके पर ही मौत हो गई. पहले पिता और अब मां की मौत के बाद तीनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था. बच्चों की नानी और मामा के साथ ही मोहल्ले के लोग बच्चों को संभाले हुए थे.
लंका थाना की गंगाबाग कॉलोनी में रूबी साहनी (38) महिला अपनी मां बेबी, बेटी अंजली (10), बेटे अजय (8) और कृष्णा (18) के साथ किराए पर कमरा लेकर रहती थी. लोगों के घरों में झाड़ू-पोछा का काम करने वाली रूबी के पति कल्लू की डेढ़ साल पहले मौत हो गई थी. वाराणसी में इन दिनों गंगा उफान पर है. तटवर्ती इलाके में रहने के कारण रूबी के कमरे में बाढ़ का पानी घुस गया था. इस वजह से रूबी अपने तीनों बच्चों के साथ लंका थाना के पीछे बने बाढ़ राहत शिविर में रहने आ गई थी. रविवार को राहत शिविर में लगे टेबल फैन को रूबी अपनी ओर घुमा रही थी. उसी दौरान उसमें उतरे करंट की चपेट में वह आ गई. शिविर के वॉलंटियर्स ने आनन-फानन पंखे को बंद किया और रूबी को लेकर अस्पताल गए. अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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पिता और फिर मां रूबी को खो चुके तीनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था. तीनों बच्चों को बिलखना देखकर मौके पर आए लोग भी अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पा रहे थे. बहन की मौत की सूचना पाकर भाई विक्की साहनी भी राहत शिविर पहुंचा. बेबी ने कहा कि जब तक जिंदा हूं तीनों बच्चों को पालूंगी. लोग तीनों बच्चों के साथ ही बेबी को भी ढांढस बंधा रहे थे. स्थानीय लोगों ने तीनों बच्चों की परवरिश के लिए जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है. लंका थाने की पुलिस ने कहा कि महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है. पोस्टमार्टम के बाद शव की अंत्येष्टि कराई जाएगी.