वाराणसीः पर्यटन विभाग एक ऐसी व्यवस्था करने जा रही है. जिसकी सहायता से अब एक साथ भक्त बाबा विश्वनाथ और आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी के दर्शन कर सकेंगे. दरअसल पर्यटन विभाग जलमार्ग से काशी विश्वनाथ और मां विंध्यवासिनी धाम को जोड़ने जा रहा है. जिससे पर्यटन को तो बढ़ावा मिलेगा ही, इसके साथ ही काशी आने वाले भक्त बाबा विश्वनाथ और मां विंध्यवासिनी के दर्शन साथ कर सकेंगे. बहुत जल्द ही पर्यटन विभाग इस सुविधा को काशी में लागू कर देगी.
शिव जी को अर्धनारीश्वर स्वरूप के भी रूप में जाना जाता है. कहा जाता है कि आदिशक्ति के बगैर महादेव अधूरे हैं और अब भक्त भी महादेव और आदिशक्ति का दर्शन कर दोनों शक्ति स्वरूपों का आशीर्वाद ले सकेंगे. इसके लिए वाराणसी पर्यटन विभाग के द्वारा एक नई शुरुआत की जा रही है. जिसके तहत श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ में दर्शन करने के उपरांत वहीं मां गंगा के तट से जल मार्ग के जरिए कुछ ही घण्टों के सफर के बाद विंध्यवासिनी धाम पहुंचेंगे, जहां वो आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी के दर्शन कर सकेंगे.
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा कई सारे प्रोजेक्ट की शुरुआत की जा रही है. इन्ही में से ये भी एक प्रोजेक्ट है. इसके तहत जलमार्ग, सड़क मार्ग के द्वारा विश्वनाथ धाम और विन्ध्यवासिनी धाम को जोड़ा जा सकेगा. इसके लिए जल्द ही इस योजना को लागू किया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि इस योजना के लागू होने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. पर्यटक काशी विश्वनाथ धाम के साथ-साथ आसपास के मंदिरों और रमणीय स्थानों पर घूम सकेंगे. इसके साथ ही जलमार्ग से विंध्यवासिनी धाम भी जा सकेंगे. जहां वो मां विंध्यवासिनी का दर्शन करेंगे. साथ ही आसपास के ऐतिहासिक धरोहर को भी देखने के लिए जा सकते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि लोग इन धरोहरों को जानेंगे. जिससे पूर्वांचल में पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा.