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भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना

वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत काल भैरव मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, संकट मोचन मंदिर कुछ ऐसे बड़े मंदिर हैं जो अब धीरे-धीरे खुलने लगे हैं. लेकिन अभी गंगा घाटों से लेकर गलियों के अंदर मौजूद छोटे-छोटे मंदिर सिर्फ पूजापाठ के लिए ही खुले जा रहे हैं.

भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना
भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना
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Published : Jun 14, 2021, 8:33 AM IST

Updated : Jun 14, 2021, 12:21 PM IST

वाराणसी : धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में कोरोना ने यहां के मंदिरों के पंडे और पुजारियों को खासा प्रभावित किया है.

भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना

ईश्वर से प्रार्थना करने और अपने अर्जित पूण्य कर्मों को अपने यजमानों के साथ बांटकर उनके इस लोक और परलोक को सुधारने की कामना करने वाले ये पुजारी आज अपनी ही स्थिति को लेकर चिंतित दिखायी पड़ते हैं.

भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना
भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना

कोरोना के इस कठिन दौर में मंदिरों के बंद होने के बाद पुजारी समाज भुखमरी की कगार पर है. हालांकि 8 जून से विश्वनाथ मंदिर समेत कई बड़े मंदिर तमाम नियमों के साथ खोले जा चुके हैं. लेकिन अब भी छोटे मंदिरों के ताले नहीं खुले हैं.

ऐसे बहुत से मंदिर हैं जो सिर्फ पूजा-पाठ के लिए ही खोले जा रहे हैं. इसके चलते यहां पर पूजा पाठ करके अपना पेट पालने वाले पुजारी समाज के लोगों के सामने जीवन यापन का संकट पैदा हो गया है.

भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना
भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना

यह भी पढ़ें : कोरोना से मारे गए लोगों की आत्मा शांति के लिए दीपदान व श्रद्धांजलि सभा


दरअसल, वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत काल भैरव मंदिर अन्नपूर्णा मंदिर संकट मोचन मंदिर कुछ ऐसे बड़े मंदिर हैं जो अब धीरे-धीरे खुलने लगे हैं. लेकिन अभी गंगा घाटों से लेकर गलियों के अंदर मौजूद छोटे-छोटे मंदिर सिर्फ पूजापाठ के लिए ही खुले जा रहे हैं.

भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना
भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना

हालात ये है कि वाराणसी के गंगा घाटों से लेकर सड़कों तक पर जजमानों के इंतजार में पंडित आपको यहां वहां कहीं पर भी बैठे मिल जाएंगे.


हालात यह है कि वाराणसी में लगभग 35 हजार से ज्यादा पुजारी पंडित और पंडा समाज के लोगों के परिवार हैं. यानी लगभग ढाई लाख से ज्यादा की आबादी इन दिनों मंदिरों के न खुल पाने और भक्तों के साथ पर्यटकों के काशी में न आने से बुरी तरह से परेशान है.

भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना
भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना

पंडितों का करना है कि हमारे इस बुरे हालात को कौन देख रहा है. मंदिर बंद थे तो भी कोई मदद नहीं मिली. अभी जब भक्त और पर्यटक काशी से दूर हैं तो मदद की कोई उम्मीद नहीं है.

वाराणसी : धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में कोरोना ने यहां के मंदिरों के पंडे और पुजारियों को खासा प्रभावित किया है.

भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना

ईश्वर से प्रार्थना करने और अपने अर्जित पूण्य कर्मों को अपने यजमानों के साथ बांटकर उनके इस लोक और परलोक को सुधारने की कामना करने वाले ये पुजारी आज अपनी ही स्थिति को लेकर चिंतित दिखायी पड़ते हैं.

भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना
भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना

कोरोना के इस कठिन दौर में मंदिरों के बंद होने के बाद पुजारी समाज भुखमरी की कगार पर है. हालांकि 8 जून से विश्वनाथ मंदिर समेत कई बड़े मंदिर तमाम नियमों के साथ खोले जा चुके हैं. लेकिन अब भी छोटे मंदिरों के ताले नहीं खुले हैं.

ऐसे बहुत से मंदिर हैं जो सिर्फ पूजा-पाठ के लिए ही खोले जा रहे हैं. इसके चलते यहां पर पूजा पाठ करके अपना पेट पालने वाले पुजारी समाज के लोगों के सामने जीवन यापन का संकट पैदा हो गया है.

भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना
भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना

यह भी पढ़ें : कोरोना से मारे गए लोगों की आत्मा शांति के लिए दीपदान व श्रद्धांजलि सभा


दरअसल, वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत काल भैरव मंदिर अन्नपूर्णा मंदिर संकट मोचन मंदिर कुछ ऐसे बड़े मंदिर हैं जो अब धीरे-धीरे खुलने लगे हैं. लेकिन अभी गंगा घाटों से लेकर गलियों के अंदर मौजूद छोटे-छोटे मंदिर सिर्फ पूजापाठ के लिए ही खुले जा रहे हैं.

भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना
भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना

हालात ये है कि वाराणसी के गंगा घाटों से लेकर सड़कों तक पर जजमानों के इंतजार में पंडित आपको यहां वहां कहीं पर भी बैठे मिल जाएंगे.


हालात यह है कि वाराणसी में लगभग 35 हजार से ज्यादा पुजारी पंडित और पंडा समाज के लोगों के परिवार हैं. यानी लगभग ढाई लाख से ज्यादा की आबादी इन दिनों मंदिरों के न खुल पाने और भक्तों के साथ पर्यटकों के काशी में न आने से बुरी तरह से परेशान है.

भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना
भूखे पेट और आंखों में आंसू लेकर काशी के पंडित कर रहे लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना

पंडितों का करना है कि हमारे इस बुरे हालात को कौन देख रहा है. मंदिर बंद थे तो भी कोई मदद नहीं मिली. अभी जब भक्त और पर्यटक काशी से दूर हैं तो मदद की कोई उम्मीद नहीं है.

Last Updated : Jun 14, 2021, 12:21 PM IST
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