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वाराणसी: बुनकरों ने की मुर्रीबंदी की शुरुआत, पावरलूमों पर चढ़े ताले

यूपी के वाराणसी जिले में बुनकर गुरुवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं. बुनकरों का कहना है कि सरकार ने बुनकर समाज से वादाखिलाफी की है, जिसे लेकर इन लोगों ने 15 अक्टूबर से मुर्रीबंदी का ऐलान किया है.

बुनकरों ने की मुर्री बंदी की शुरुआत
बुनकरों ने की मुर्री बंदी की शुरुआत
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Published : Oct 15, 2020, 8:03 PM IST

वाराणसी: जिले के बुनकरों ने 15 अक्टूबर से मुर्रीबंदी का ऐलान कर दिया है. बता दें कि बुनकरों को मिलने वाली फ्लैट रेट बिजली पर सरकार ने इस साल की शुरुआत से ही रोक लगा दी है, जिसके चलते पावरलूमों के बिजली के बिल 10 गुने से अधिक आ रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कई बार हथकरघा और बुनकरों को लेकर बड़े-बड़े वादे किये थे, लेकिन वर्तमान समय में उन वादों का कोई दिखाई नहीं दे रहा है. इसके चलते प्रदेश में बुनकर एक बार फिर आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं. हालांकि बुनकरों ने पूर्व में ही अपनी मांगों को लेकर चेतावनी जारी की थी. इसी क्रम में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बुनकर गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.

बुनकरों ने वाराणसी में हुई एक अहम बैठक में 15 अक्टूबर से पावरलूमों पर ताले चढ़ाने का फैसला लिया है. बिजली बिल की समस्या से जूझ रहे बुनकरों ने सरकार से फिर से फ्लैट रेट पर बिजली उपलब्ध कराने की मांग की है.

वाराणसी के बड़ी बाजार के पार्षद रहमान अली ने बताया कि वर्ष 2006 से बुनकरों को तात्कालिक सरकार ने फ्लैट रेट पर बिजली देने का फैसला किया था, जो कि अनवरत जारी रहा, लेकिन साल 2020 की शुरुआत से ही फ्लैट रेट बिजली को रोक दिया गया. इस तरह आने वाले बिजली बिल से बुनकरों को काफी समस्या हो रही है. बुनकरों को अपने परिवार का भरण पोषण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते शहर के सभी पावरलूमों को बंद करने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती, तब तक उनका संघर्ष चलता रहेगा.

वाराणसी: जिले के बुनकरों ने 15 अक्टूबर से मुर्रीबंदी का ऐलान कर दिया है. बता दें कि बुनकरों को मिलने वाली फ्लैट रेट बिजली पर सरकार ने इस साल की शुरुआत से ही रोक लगा दी है, जिसके चलते पावरलूमों के बिजली के बिल 10 गुने से अधिक आ रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कई बार हथकरघा और बुनकरों को लेकर बड़े-बड़े वादे किये थे, लेकिन वर्तमान समय में उन वादों का कोई दिखाई नहीं दे रहा है. इसके चलते प्रदेश में बुनकर एक बार फिर आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं. हालांकि बुनकरों ने पूर्व में ही अपनी मांगों को लेकर चेतावनी जारी की थी. इसी क्रम में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बुनकर गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.

बुनकरों ने वाराणसी में हुई एक अहम बैठक में 15 अक्टूबर से पावरलूमों पर ताले चढ़ाने का फैसला लिया है. बिजली बिल की समस्या से जूझ रहे बुनकरों ने सरकार से फिर से फ्लैट रेट पर बिजली उपलब्ध कराने की मांग की है.

वाराणसी के बड़ी बाजार के पार्षद रहमान अली ने बताया कि वर्ष 2006 से बुनकरों को तात्कालिक सरकार ने फ्लैट रेट पर बिजली देने का फैसला किया था, जो कि अनवरत जारी रहा, लेकिन साल 2020 की शुरुआत से ही फ्लैट रेट बिजली को रोक दिया गया. इस तरह आने वाले बिजली बिल से बुनकरों को काफी समस्या हो रही है. बुनकरों को अपने परिवार का भरण पोषण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते शहर के सभी पावरलूमों को बंद करने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती, तब तक उनका संघर्ष चलता रहेगा.

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