वाराणसी: पहाड़ों पर हो रही बारिश की वजह से काशी में गंगा खतरे के निशान तक पहुंचने वाली है. केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो मंगलवार सुबह 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 69.60 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से महज 1.66 मीटर दूर है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा समस्या शवों का दाह संस्कार के लिए आने वाले लोगों को हो रही है. महाश्मशान मणिकर्णिका घाट के नीचे का पूरा इलाका डूब चुका है.
दरअसल महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर वाराणसी और आसपास के जिलों के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में शवों को दाह संस्कार के लिए लाया जाता है. यहां जिस प्लेटफार्म पर दाह संस्कार किया जाता है, वह इन दिनों पूरी तरह से पानी में डूबा हुआ है. गंगा बनारस की गलियों में घुस चुकी है और पूरा इलाके में हालात खराब हैं. इस वजह से अब छतों के ऊपर शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है. यहां भी सिर्फ 10 शवों को ही एक बार में जलाया जा सकता है, जिसके कारण आसपास के खाली स्थान पर लोग शवों को रखकर दाह संस्कार के लिए लंबा इंतजार कर रहे हैं.
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शवों को जलाने के लिए 5 से 6 घंटे का वक्त लग रहा है, जिसके बाद दाह संस्कार की जगह मिल पा रही है. एक तरफ जहां शवों के दाह संस्कार और इन्हें मुक्ति दिलाने की चाह में यहां आए लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं मणिकर्णिका तीर्थ पर धर्म-कर्म का कार्य भी पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. यहां के हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं और मणिकर्णिका तीर्थ पर मौजूद सभी मंदिर पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं. गंगा अब बनारस की गलियों में घुस चुकी है, जो लोगों को डराने का भी काम कर रही है.