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मंत्री नारायण राणे का सिर कलम करने पर 51 लाख का इनाम, विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष का ऐलान - महाराष्ट्र

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की, जिसके बाद उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. वाराणसी के रहने वाले विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक (Arun Pathak) ने नारायण राणे का सिर कलम (Beheading) करने वाले को 51 लाख रुपए का इनाम (Reward) देने की घोषणा की है.

मंत्री नारायण राणे का सिर
मंत्री नारायण राणे का सिर
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Published : Aug 26, 2021, 8:07 AM IST

वाराणसी : विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक (Arun Pathak) ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) का सिर कलम (Beheading) करने वाले को 51 लाख रुपए का इनाम (Reward) देने का एलान किया है. बनारस के भेलूपुर क्षेत्र में रहने वाले अरुण पाठक ने फेसबुक और ट्विटर पर नारायण राणे के खिलाफ कई आपत्तिजनक पोस्ट भी किए हैं.

अरुण पाठक पहले शिवसैनिक थे. महाराष्ट्र में कांग्रेस से गठबंधन के बाद उन्होंने शिवसेना छोड़कर विश्व हिन्दू सेना बना ली थी. इससे पहले अरुण पाठक तब चर्चा में आए थे जब एक नेपाली युवक का गंगा किनारे सिर मुंडवाकर जयश्रीराम लिखवाया गया और उसका वीडियो वायरल हुआ था. उस मामले में भी पुलिस ने अरुण पाठक को ही मुख्य आरोपी बताया और केस दर्ज किया था. इस समय भी तीन मुकदमों में पुलिस को अरुण पाठक की तलाश है.

अरुण पाठक ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है. अपनी फेसबुक पर उन्होंने लिखा है "जिस पॉकेटमार और टिकट ब्लैक में बेचने वाले को बाला साहेब ने दया करके शिव सैनिक बनाया, उसे मुख्यमंत्री भी बनाया. उसने घटिया काम किया. सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए बाला साहेब के बेटे पर आक्रमण किया. ऐसे आदमी का सिर कलम करना चाहिए और यह जो करेगा उसे मैं 51 लाख रुपए का इनाम दूंगा"

इसके साथ ही अरुण पाठक ने ट्विटर एकाउंट पर भी मंत्री के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए लिखा "मैं तुझसे वादा करता हूं एहसान फरामोश नारायण राणे कि तेरे मरने के बाद काशी में तेरी अस्थियां विसर्जित नहीं करने दूंगा. तेरी आत्मा सदियों तक भटकते रहेगी."

वाराणसी के भेलूपुर क्षेत्र में रहने वाले अरुण पाठक पहले शिव सेना के नेता हुआ करते थे. उनका मुंबई आना-जाना लगा रहता था और ठाकरे परिवार के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा थी. वह खुद को बाला साहब ठाकरे का अनन्य भक्त और कट्‌टर हिंदू बताते थे. शिव सेना और कांग्रेस ने महाराष्ट्र में जब सरकार बनाई तो अरुण पाठक ने इसका विरोध किया और फिर उन्होंने विश्व हिंदू सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया.

नेपाली युवक के मुंडन मामले में वांछित है अरुण पाठक

16 जुलाई 2020 को नेपाली राष्ट्रपति द्वारा दिए गए अयोध्या और श्रीराम पर बयान के विरोध में अरुण पाठक और कई अन्य लोगों ने मिलकर जल संस्थान वाराणसी में रहने वाले एक नेपाली युवक का गंगा तट पर मुंडन कर उससे जय श्रीराम के नारे लगाए थे. इस घटना के बाद से ही विश्व हिन्दू संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण पाठक फरार है.

क्यों रखा इनाम

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान दावा किया था कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ये भूल गए थे कि देश कब आजाद हुआ था. उन्होंने ये भी दावा किया था साल भूलने के बाद उन्होंने अपने सहयोगी से पूछा था. इस पर राणे ने कहा था, 'ये शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को ये नहीं पता कि हमें आजाद हुए कितने साल हो गए. अपने भाषण के दौरान उन्होंने पीछे मुड़कर अपने सहयोगी से पूछा था. अगर मैं वहा होता तो उन्हें जोरदार थप्पड़ मारता.'

वाराणसी : विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक (Arun Pathak) ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) का सिर कलम (Beheading) करने वाले को 51 लाख रुपए का इनाम (Reward) देने का एलान किया है. बनारस के भेलूपुर क्षेत्र में रहने वाले अरुण पाठक ने फेसबुक और ट्विटर पर नारायण राणे के खिलाफ कई आपत्तिजनक पोस्ट भी किए हैं.

अरुण पाठक पहले शिवसैनिक थे. महाराष्ट्र में कांग्रेस से गठबंधन के बाद उन्होंने शिवसेना छोड़कर विश्व हिन्दू सेना बना ली थी. इससे पहले अरुण पाठक तब चर्चा में आए थे जब एक नेपाली युवक का गंगा किनारे सिर मुंडवाकर जयश्रीराम लिखवाया गया और उसका वीडियो वायरल हुआ था. उस मामले में भी पुलिस ने अरुण पाठक को ही मुख्य आरोपी बताया और केस दर्ज किया था. इस समय भी तीन मुकदमों में पुलिस को अरुण पाठक की तलाश है.

अरुण पाठक ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है. अपनी फेसबुक पर उन्होंने लिखा है "जिस पॉकेटमार और टिकट ब्लैक में बेचने वाले को बाला साहेब ने दया करके शिव सैनिक बनाया, उसे मुख्यमंत्री भी बनाया. उसने घटिया काम किया. सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए बाला साहेब के बेटे पर आक्रमण किया. ऐसे आदमी का सिर कलम करना चाहिए और यह जो करेगा उसे मैं 51 लाख रुपए का इनाम दूंगा"

इसके साथ ही अरुण पाठक ने ट्विटर एकाउंट पर भी मंत्री के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए लिखा "मैं तुझसे वादा करता हूं एहसान फरामोश नारायण राणे कि तेरे मरने के बाद काशी में तेरी अस्थियां विसर्जित नहीं करने दूंगा. तेरी आत्मा सदियों तक भटकते रहेगी."

वाराणसी के भेलूपुर क्षेत्र में रहने वाले अरुण पाठक पहले शिव सेना के नेता हुआ करते थे. उनका मुंबई आना-जाना लगा रहता था और ठाकरे परिवार के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा थी. वह खुद को बाला साहब ठाकरे का अनन्य भक्त और कट्‌टर हिंदू बताते थे. शिव सेना और कांग्रेस ने महाराष्ट्र में जब सरकार बनाई तो अरुण पाठक ने इसका विरोध किया और फिर उन्होंने विश्व हिंदू सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया.

नेपाली युवक के मुंडन मामले में वांछित है अरुण पाठक

16 जुलाई 2020 को नेपाली राष्ट्रपति द्वारा दिए गए अयोध्या और श्रीराम पर बयान के विरोध में अरुण पाठक और कई अन्य लोगों ने मिलकर जल संस्थान वाराणसी में रहने वाले एक नेपाली युवक का गंगा तट पर मुंडन कर उससे जय श्रीराम के नारे लगाए थे. इस घटना के बाद से ही विश्व हिन्दू संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण पाठक फरार है.

क्यों रखा इनाम

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान दावा किया था कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ये भूल गए थे कि देश कब आजाद हुआ था. उन्होंने ये भी दावा किया था साल भूलने के बाद उन्होंने अपने सहयोगी से पूछा था. इस पर राणे ने कहा था, 'ये शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को ये नहीं पता कि हमें आजाद हुए कितने साल हो गए. अपने भाषण के दौरान उन्होंने पीछे मुड़कर अपने सहयोगी से पूछा था. अगर मैं वहा होता तो उन्हें जोरदार थप्पड़ मारता.'

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