वाराणसी: महाकुंभ क्षेत्र से संतों का काशी पहुंचना शुरू हो गया है. श्री महंत, महामण्डलेश्वर और अन्य संत काशी पहुंच रहे हैं. सबसे पहले जूना अखाड़े के संन्यासी काशी पहुंचे हैं, जो जपेश्वर महादेव पर पड़ाव डालेंगे. इन संतों के साथ नागा संत भी शामिल हैं. ढोल नगाड़े के साथ वे महादेव की नगरी काशी में प्रवेश कर रहे हैं, जहां उनका फूलों से स्वागत किया जा रहा है.
बता दें कि, जपेश्वर महादेव से ये संन्यासी हनुमान घाट पहुंचेंगे और महाशिवरात्रि तक वहीं रहेंगे. माघी पूर्णिमा के बाद बाकी सभी अखाड़ों के संन्यासी, संत और महंत नागा संन्यासियों के साथ काशी पहुंचेंगे. ये संत महंत काशी में रहेंगे और इनके अखाड़ों की परम्परा के अनुसार काशी में अपना धार्मिक अनुष्ठान पूरा करेंगे. सभी पदों पर आसीन संत, महंत और महामंडलेश्वर अपनी उपाधि का नवीनिकरण भी करेंगे. महाशिवरात्रि पर सभी अखाड़ों का जुलूस अपने मठ, मंदिर से निकलकर शहर भ्रमण के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगा.
काशी में डेरा डालेंगे नागा संन्यासी: जूना अखाड़ा अध्यक्ष प्रेम गिरि महाराज ने बताया कि महाशिवरात्रि को हम सभी काशी में गंगा स्नान करेंगे और उसके बाद बाबा विश्वनाथ की बारात में शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि 12 फरवरी को पेशवाई होगी. बैजनाथ से पंचगंगा घाट के लिए रवाना होंगे. जहां पर सभी लोग स्नान करेंगे.
इस बार का कुंभ बेहद खास: उन्होंने बताया कि इस बार का महाकुंभ बेहद खास रहा है. इतनी संख्या में श्रद्धालु पहले कभी नहीं आए. 1974 से कुंभ देख रहा हूं लेकिन जिस तरीके से आज तक भीड़ हो रही है, ऐसी तस्वीर कभी नहीं देखी. यह सनातन धर्म की विजय है और लोगों को महाकुंभ में आने पर साधु-संतों का आशीर्वाद भी मिल रहा है.कहा कि, साधु-संतों का आशीर्वाद सरकार को भी है और यही वजह है कि दिल्ली में जीत हुई है. आगे भी ऐसी ही विजय होती रहेगी.
अखाड़ों के लिए रवाना हुए संत: ग़ौरतलब हो कि, वाराणसी के चांदपुर में जूना अखाड़े का स्वागत किया गया, जहां पर डीएम व आला पुलिस अफसर ने उनके साथ फलाहार किया. वहीं बाकी अखाड़ों के साधु-संत काशी के लिए रवाना हो गए हैं. वहीं अखाड़ों के काशी प्रवेश पर सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद की गई है. साधु संतों और नागाओं के प्रवेश मार्ग पर ट्रैफिक एडवाजरी भी जारी कर दी गई. बड़ी गाड़ियों को रोक दिया गया है. साथ ही आलाधिकारी ख़ुद मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं.