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लंपी वायरस से जंग में अलर्ट मोड पर विभाग, 63 हजार डोज से पशुओं को किया जा रहा सुरक्षित

वाराणसी में लंपी वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए 63 हजार वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है.

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Published : Sep 25, 2022, 7:18 PM IST

वाराणसी: लंपी वायरस (Lumpy virus in Varanasi) से वाराणसी जनपद में पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए विभाग अलर्ट मोड पर है. इसके तहत जनपद को 63000 एहतियातन वैक्सीन की डोज भी प्राप्त हो गई है. इसे लगवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने खंडवार टीमों का भी गठन कर दिया है, जल्द ही सभी टीमें अलग-अलग हिस्सों में जाकर के पशुओं का टीकाकरण कर उन्हें सुरक्षित करेंगी.

ये हैं लक्षण
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि गाय और भैसों का कभी-कभी पूरा शरीर गोंठों से ढ़क जाता है. गांठे नेक्रोटिक और अल्सरेटिव भी हो सकते है, जिससे मक्खियों द्वारा अन्य स्वस्थ्य पशुओं में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. गम्भीर रूप से प्रभावित जानवरों का वजन घट जाता है, शरीर कमजोर हो जाता है.

यह भी पढ़ें- वाराणसी में PFI के गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के परिवार से मिला कम्युनिस्ट फ्रंट का प्रतिनिधिमंडल

ऐसे करें बचाव
उन्होंने बताया कि यदि कोई पशु इस बिमारी से प्रभावित है तो सबसे पहले प्रभावित पशु को स्वस्थ्य पशु से अलग करें. पशुओं को स्वच्छ पानी पिलायें. पशु के दूध को अच्छी तरह उबाल कर पियें. पशुओं को मच्छरों, मक्खियों, किलनी आदि से बचाने के लिए पशुओं के शरीर पर कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें. पशु बाड़ें और पशु खलिहान की फिनायल/सोडियम हाइपोक्लोराइट इत्यादि का छिड़काव करें. कहा कि बीमार पशुओं की देख भाल करने वाले व्यक्ति को स्वस्थ्य पशुओं के बाड़े से दूर रहना चाहिए. फागिंग के लिए स्थानीय स्तर पर नीम के पत्तों का धुंआ करें.

टीकाकरण के लिए मिले, 63000 डोज
उन्होंने बताया कि रोग की जानकारी होने पर तत्काल निकटतम पशुचिकित्साधिकारी को सूचित करें. यदि किसी पशु की मृत्यु होती है तो शव को खुलें में न फेंके और मृत पशुओं को गहरा गढ्ढा खोदकर नमक आदि डालकर दफनाएं. उन्होंने बताया कि जनपद वाराणसी में 63000 डोज एलएसडी वैक्सीन प्राप्त हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा टीमों का गठन कर सभी पशुओं को वैक्सीन से आच्छादित किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- मुकुल गोयल को लेकर यूपीएससी और योगी सरकार में तकरार, सरकार ने कहा- नहीं थे डीजीपी के लायक

इन टीमों से संपर्क कर करा सकते है टीकाकरण
बता दें कि, एलएसडी टीकाकरण के लिए विकास खण्डवार टीमों का गठन किया गया है. डॉ आशीष कुमार वर्मा, हरहुआ 7398108082, डॉ लवलेश सिंह, काशी विद्यापीठ 7379678759, डॉ रामअधार चौधरी, चिरईगांव 7752906800, डॉ सन्तोष राव, आराजीलाइन 9782633798, जितेन्द्र कुमार, पहड़िया 9415201727, कमल नयन सिंह, बच्छांव 8840450138, ऋषिकान्त सिंह यादव, टिकरी 9335418025, देवेन्द्र सिंह, राजघाट- 9170013322 और दिनेश कुमार यादव, बीएचयू 9415253301 से सम्पर्क किया जा सकता है. वहीं, शहर में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने नगर निगम क्षेत्र में 5 पशुधन प्रसार अधिकारी एलएसडी टीकाकरण के लिए तैनात किए गए हैं. कमल नयन सिंह, बछाव (9415992189),दिनेश यादव, बीएचयू ( 9415253301), ऋषिकांत सिंह यादव, टिकरी (9335418025),सुषमा गौतम, कंदवा(8869968215),जितेद्र कुमार, पहाड़िया (99415201727).

वाराणसी: लंपी वायरस (Lumpy virus in Varanasi) से वाराणसी जनपद में पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए विभाग अलर्ट मोड पर है. इसके तहत जनपद को 63000 एहतियातन वैक्सीन की डोज भी प्राप्त हो गई है. इसे लगवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने खंडवार टीमों का भी गठन कर दिया है, जल्द ही सभी टीमें अलग-अलग हिस्सों में जाकर के पशुओं का टीकाकरण कर उन्हें सुरक्षित करेंगी.

ये हैं लक्षण
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि गाय और भैसों का कभी-कभी पूरा शरीर गोंठों से ढ़क जाता है. गांठे नेक्रोटिक और अल्सरेटिव भी हो सकते है, जिससे मक्खियों द्वारा अन्य स्वस्थ्य पशुओं में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. गम्भीर रूप से प्रभावित जानवरों का वजन घट जाता है, शरीर कमजोर हो जाता है.

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ऐसे करें बचाव
उन्होंने बताया कि यदि कोई पशु इस बिमारी से प्रभावित है तो सबसे पहले प्रभावित पशु को स्वस्थ्य पशु से अलग करें. पशुओं को स्वच्छ पानी पिलायें. पशु के दूध को अच्छी तरह उबाल कर पियें. पशुओं को मच्छरों, मक्खियों, किलनी आदि से बचाने के लिए पशुओं के शरीर पर कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें. पशु बाड़ें और पशु खलिहान की फिनायल/सोडियम हाइपोक्लोराइट इत्यादि का छिड़काव करें. कहा कि बीमार पशुओं की देख भाल करने वाले व्यक्ति को स्वस्थ्य पशुओं के बाड़े से दूर रहना चाहिए. फागिंग के लिए स्थानीय स्तर पर नीम के पत्तों का धुंआ करें.

टीकाकरण के लिए मिले, 63000 डोज
उन्होंने बताया कि रोग की जानकारी होने पर तत्काल निकटतम पशुचिकित्साधिकारी को सूचित करें. यदि किसी पशु की मृत्यु होती है तो शव को खुलें में न फेंके और मृत पशुओं को गहरा गढ्ढा खोदकर नमक आदि डालकर दफनाएं. उन्होंने बताया कि जनपद वाराणसी में 63000 डोज एलएसडी वैक्सीन प्राप्त हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा टीमों का गठन कर सभी पशुओं को वैक्सीन से आच्छादित किया जा रहा है.

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इन टीमों से संपर्क कर करा सकते है टीकाकरण
बता दें कि, एलएसडी टीकाकरण के लिए विकास खण्डवार टीमों का गठन किया गया है. डॉ आशीष कुमार वर्मा, हरहुआ 7398108082, डॉ लवलेश सिंह, काशी विद्यापीठ 7379678759, डॉ रामअधार चौधरी, चिरईगांव 7752906800, डॉ सन्तोष राव, आराजीलाइन 9782633798, जितेन्द्र कुमार, पहड़िया 9415201727, कमल नयन सिंह, बच्छांव 8840450138, ऋषिकान्त सिंह यादव, टिकरी 9335418025, देवेन्द्र सिंह, राजघाट- 9170013322 और दिनेश कुमार यादव, बीएचयू 9415253301 से सम्पर्क किया जा सकता है. वहीं, शहर में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने नगर निगम क्षेत्र में 5 पशुधन प्रसार अधिकारी एलएसडी टीकाकरण के लिए तैनात किए गए हैं. कमल नयन सिंह, बछाव (9415992189),दिनेश यादव, बीएचयू ( 9415253301), ऋषिकांत सिंह यादव, टिकरी (9335418025),सुषमा गौतम, कंदवा(8869968215),जितेद्र कुमार, पहाड़िया (99415201727).

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