वाराणसी: बनारस में गंगा (Ganga River) और वरुणा नदी (Varuna River) उफान पर हैं. गंगा में तेजी से बढ़ते जलस्तर की वजह से वरुणा नदी का पानी वापस लौट रहा है, जिससे नदी किनारे बसे गावों में पानी भर गया और तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. पीड़ित परिवारों तक शासन स्तर और प्रशासनिक अधिकारी मदद पहुंचाने की कवायद कर रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को योगी सरकार (Yogi Government) में मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी (Minister Neelkanth Tiwari) लोगों की मदद करने के लिए एनडीआरएफ (NDRF) की नाव पर सवार होकर पहुंचे तो, लेकिन मंत्री जी का वीआईपी (VIP) अंदाज मुसीबत की इस घड़ी में भी देखने को मिला. मंत्री नीलकंठ तिवारी एनडीआरएफ की जिस रबर बोट (Inflatable Boat) पर सवार होकर लोगों की मदद करने पहुंचे थे, उस गोट पर लाल रंग के मखमल का कपड़ा बिछाया गया था, ताकि मंत्री जी को बैठने में कोई दिक्कत न हो.
दरअसल, बाढ़ से बिगड़ते हालात को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कमान संभाली है. सीएम स्वयं अलग-अलग जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेकर बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं. सीएम ने अपने मंत्रियों को भी बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा लेने और व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए है. इस क्रम में पर्यटन मंत्री (tourism minister) डॉ. नीलकंठ तिवारी भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद करने के लिए निकल पड़े.
बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री बांटने के लिए निकले डॉ. नीलकंठ तिवारी जिस रबर की बोट से पहुंचे थे. उस बोट पर लाल रंग का मखमल का कपड़ा बिछाया गया था, जबकि एनडीआरएफ के जवान हर रोज अपनी जान पर खेलकर लोगों की मदद कर रहे हैं और उनकी जान भी बचा रहे हैं. हालांकि, केंद्र की मोदी और राज्य की योगी सरकार ने अपने मंत्रियों को वीआईपी कल्चर से परहेज करने की सीख दी है, लेकिन मुसीबत की इस घड़ी में भी मदद के नाम पर आगे आए मंत्री महोदय का यह वीआईपी अंदाज कितना सही है यह सोचने वाली बात है.
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आपको बता दें कि वाराणसी में इन दिनों गंगा नदी ऊफान पर है. यहां गंगा खतरे के निशान को पार कर 45 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. यहां महाश्मशान मणिकर्णिका घाट (Manikarnika ghat) भी पानी में डूब गया है. यहां सिर्फ एक छत सहारा बची हुई हैं, जिस पर शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. ऐसे में यहां अपने परिजनों के शवों का अंतिम संस्कार कराने के लिए आने वाले लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.