वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में प्रशासन इन दिनों बिजली बचाने को लेकर काफी सक्रिय हो चुका है. जहां एक तरफ बिजली के मीटरों की मॉनिटरिंग शुरू कर दी गई है. तो वहीं दूसरी तरफ आम जनजीवन को भी जागरूक किया जा रहा है. वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी गौरांग राठी ने सोमवार सुबह एक जागरूकता बस को हरी झंडी दिखाकर बिजली बचाने की कवायद को लोगों तक पहुंचाने के लिए योजना का शुभारंभ किया.अवेयरनेस बस के साथ-साथ प्रशासन की ओर से नुक्कड़ नाटक का भी प्रबंध किया गया.
बिजली बचाने के लिए एक जागरूकता अभियान-
शासन ने बिजली बचाने के लिए एक जागरूकता अभियान चलाया है. विकास भवन से इस जागरूकता वेन को हरी झंडी दिखाकर खुद मुख्य विकास अधिकारी ने रवाना किया. बिजली बचाने के लिए हम क्या कर सकते हैं और कितनी जरूरत है बिजली बचाने की इस बारे में जागरूकता लोगों को दी जा रही है. यह कवायद काफी दिनों से थी पर अब इसको जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है. लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा रहा है.
वह एलईडी लाइट का इस्तेमाल करें, जिससे उनका बिजली बिल काम आए. ज्यादा से ज्यादा बिजली को बचाएं. वाराणसी घनी आबादी वाला क्षेत्र है. यहां के काफी लोग ग्रामीण क्षेत्रों से भी आते हैं, इसलिए इन लोगों को जागरूक करना जरूरी है. क्योंकि इस बदलते परिवेश में जहां ग्रामीण और नगर सभी क्षेत्रों में मीटरिंग की जा रही है. तो अब मीटर के हिसाब से ही बिजली विभाग में बिल का भुगतान किया जाना है.
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बचाने पर ध्यान दें-
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की सोच होती थी कि एक बार कनेक्शन मिलने के बाद लोग काफी काफी दिनों तक बिजली का इस्तेमाल बिना भुगतान के करते थे. अब ऐसा नहीं हो पाएगा इसलिए लोगों को इस बारे में जागरूक करना जरूरी है कि वह कम से कम बिजली का इस्तेमाल करें और बिजली बचाने पर ध्यान दें. ताकि उनका बिल भी कम आए. प्रशासन की कोशिश है कि करीब 50000 की जनसंख्या को जागरूक किया जाए. अगर हम 50000 लोगों को भी अपनी तरफ से जागरूक करने की कोशिश करते हैं. तो यह टारगेट तीन से चार लाख तक आराम से पहुंच जाएगा और उम्मीद है कि अब लोग बिजली बचाने को लेकर संजीदा होंगे.
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