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Gyanvapi Case: अखिलेश और ओवैसी के खिलाफ दाखिल किया गया मुकदमा कोर्ट ने किया खारिज - ज्ञानवापी केस में फैसला

Gyanvapi Case में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी प्रकरण पर कोर्ट ने फैसला सुना दिया है.

Gyanvapi Case
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Published : Feb 15, 2023, 4:26 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर अलग-अलग न्यायालय में सुनवाई चल रही है. इस क्रम में वाराणसी के एसीजेएम एमपी एमएलए कोर्ट में भी एक महत्वपूर्ण प्रकरण पर सुनवाई हुई. वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से ज्ञानवापी मामले में गलत बयानबाजी करने को लेकर समाजवादी पार्टी मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और वजूखाने में गंदगी फैलाने के मामले में दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए बुधवार कोर्ट ने फैसला सुनाया. ज्ञानवापी प्रकरण में अखिलेश और ओवैसी के खिलाफ मई 2022 में दाखिल किया गया मुकदमा कोर्ट ने खारिज कर दिया है. एसीजेएम पंचम उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने मामले में अखिलेश यादव व ओवैसी पर लगाए गए आरोपों के आधार पर अपराधी प्रवृत्ति का मामला न होने की बात कही. मुकदमा दर्ज करने की मांग करने वाला प्रार्थना पत्र दाखिल करने वाले अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने कहा रिवीजन दाखिल किया जाएगा.


दरअसल मामले को लेकर जब कमीशन कार्रवाई ज्ञानवापी परिसर में की गई थी, तो वहां वजू खाने में एक शिवलिंग नुमा पत्थर मिला था. इसे लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया था हिंदू पक्षकार इसे शिवलिंग बता रहे हैं, जबकि प्रतिवादी यानी मुस्लिम पक्ष की तरफ से लगातार इसे फव्वारा बताया जा रहा है. इसे लेकर उस वक्त समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसे लेकर बयान दिया था.

इतना ही नहीं यहां पर जुटी भीड़ और लोगों द्वारा दिए गए बयान को भी आधार बनाते हुए हरिशंकर पांडेय की तरफ से प्रार्थना पत्र दाखिल कर अखिलेश ओवैसी समेत लगभग 2000 अज्ञात और अंजुमन इंतजा मियां के पदाधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है. इसे लेकर कोर्ट में कल सुनवाई होनी थी लेकिन किसी वजह से कोर्ट आगे नहीं बढ़ सका, जिसके कारण इस मामले पर पहले से ही सुरक्षित रखे गए फैसले को आज सुनाई देने की उम्मीद जताई जा रही है. हरी शंकर पांडेय का कहना है कि इस मामले में आज फैसला आ सकता है. वहीं एक अन्य मामले में एमपी जिला जज न्यायालय में सुनवाई होनी है. यह प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष की तरफ से रिवीजन दाखिल किए गए केस पर सुनवाई का प्रकरण है.

ये भी पढ़ें- Kanpur Dehat : मां-बेटी की जलकर हुई मौत का देखें लाइव वीडियो, कैसे जल्लाद बने अधिकारी

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर अलग-अलग न्यायालय में सुनवाई चल रही है. इस क्रम में वाराणसी के एसीजेएम एमपी एमएलए कोर्ट में भी एक महत्वपूर्ण प्रकरण पर सुनवाई हुई. वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से ज्ञानवापी मामले में गलत बयानबाजी करने को लेकर समाजवादी पार्टी मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और वजूखाने में गंदगी फैलाने के मामले में दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए बुधवार कोर्ट ने फैसला सुनाया. ज्ञानवापी प्रकरण में अखिलेश और ओवैसी के खिलाफ मई 2022 में दाखिल किया गया मुकदमा कोर्ट ने खारिज कर दिया है. एसीजेएम पंचम उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने मामले में अखिलेश यादव व ओवैसी पर लगाए गए आरोपों के आधार पर अपराधी प्रवृत्ति का मामला न होने की बात कही. मुकदमा दर्ज करने की मांग करने वाला प्रार्थना पत्र दाखिल करने वाले अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने कहा रिवीजन दाखिल किया जाएगा.


दरअसल मामले को लेकर जब कमीशन कार्रवाई ज्ञानवापी परिसर में की गई थी, तो वहां वजू खाने में एक शिवलिंग नुमा पत्थर मिला था. इसे लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया था हिंदू पक्षकार इसे शिवलिंग बता रहे हैं, जबकि प्रतिवादी यानी मुस्लिम पक्ष की तरफ से लगातार इसे फव्वारा बताया जा रहा है. इसे लेकर उस वक्त समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसे लेकर बयान दिया था.

इतना ही नहीं यहां पर जुटी भीड़ और लोगों द्वारा दिए गए बयान को भी आधार बनाते हुए हरिशंकर पांडेय की तरफ से प्रार्थना पत्र दाखिल कर अखिलेश ओवैसी समेत लगभग 2000 अज्ञात और अंजुमन इंतजा मियां के पदाधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है. इसे लेकर कोर्ट में कल सुनवाई होनी थी लेकिन किसी वजह से कोर्ट आगे नहीं बढ़ सका, जिसके कारण इस मामले पर पहले से ही सुरक्षित रखे गए फैसले को आज सुनाई देने की उम्मीद जताई जा रही है. हरी शंकर पांडेय का कहना है कि इस मामले में आज फैसला आ सकता है. वहीं एक अन्य मामले में एमपी जिला जज न्यायालय में सुनवाई होनी है. यह प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष की तरफ से रिवीजन दाखिल किए गए केस पर सुनवाई का प्रकरण है.

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