वाराणसी : प्रदेश सरकार 22 फरवरी को अपना बजट पेश करने वाली है. इसे लेकर समाज के हर वर्ग की ढेर सारी उम्मीदें हैं क्योंकि यह सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है. इस बजट में सभी वर्गों के साथ महिलाओं के लिए क्या होना चाहिए, महिलाओं की सरकार से क्या उम्मीद है, इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने महिलाओं से खास बातचीत की.
महंगाई पर अंकुश लगाए सरकार
ईटीवी भारत से बातचीत में गृहिणी बबिता ने बताया कि महंगाई पर रोक लगाने के साथ-साथ हम लोगों के लिए रोजगार भी होना चाहिए. क्योंकि जब रोजगार होगा, तभी हम महंगाई व अन्य खर्च को भी वहन कर सकते हैं. हमें उम्मीद है कि सरकार इस बजट में इन मुद्दों को शामिल करेगी, क्योंकि बजट से सबसे ज्यादा प्रभाव गृहिणी के गृहस्थी पर पड़ता है, उसके खर्चों पर पड़ता है. वहीं दूसरी महिला रीता का कहना रहा कि कोरोना महामारी के कारण वैसे ही हमारी पूरी गृहस्थी खराब हो चुकी है. महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि हम परिवार व बच्चों के लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए सरकार को महंगाई को नियंत्रित करने वाला बजट लाना चाहिए.
मनोरंजन व सर्विस टैक्स में होनी चाहिए छूट
आकांक्षा मिश्रा ने बताया कि महिलाओं के लिए गृहस्थी के साथ-साथ लाइफस्टाइल फैशन कॉस्मेटिक्स इन सभी चीजों की जरूरत होती है. लेकिन इन दिनों इनकी कीमतों में भी इतना इजाफा हुआ है कि हम खुद का ध्यान नहीं रख पा रहे हैं. पहले तो हम 1 महीने में कभी पार्लर चले जाया करते थे, खुद के लिए कुछ खरीद लेते थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण हमने सारे एक्सपेंसेस बंद कर दिए. हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इन पर लगने वाले टैक्स को कम करेगी. इसके साथ ही अन्य सर्विस टैक्स व मनोरंजन टैक्स को भी कम किया जाए, जिससे कि हम अपने परिवार के साथ आसानी से इन चीजों का उपयोग कर सकें. क्योंकि अभी हम किसी भी और बढ़ने वाली महंगाई के लिए तैयार नहीं हैं.
तीन तलाक व परित्यक्ता महिलाओं के लिए सरकार उपलब्ध कराएं आर्थिक सुविधा
वंदना चतुर्वेदी ने बताया कि इस बजट में हम महिलाओं के लिए यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि जो परित्यक्ता व तीन तलाक की महिलाएं हैं, उनके लिए सरकार आर्थिक सुविधाएं लेकर आए. उन्होंने बताया कि पहले सरकार की ओर से कहा गया था कि इन महिलाओं के लिए 6000 रुपये प्रतिमाह प्रदान किया जाएगा तो सरकार को मदद देनी चाहिए. ये बहुत बड़ी रकम तो नहीं है, लेकिन जीवन जीने के लिए थोड़ी मदद जरूर करेगी. उम्मीद है कि सरकार इस ओर जरूर ध्यान देगी.
मूलभूत जरूरत की चीजों के दामों में होनी चाहिए कटौती
वंदना चतुर्वेदी ने बताया कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार लग्जरी आइटम को छोड़ कर मूलभूत जरूरत के सामानों में जरूर छूट लेकर आएगी, क्योंकि वह हमारे दिनचर्या से जुड़ी होती हैं. मूलभूत सामानों में अन्य कई जरूरत के सामान वर्तमान में जुड़ चुके हैं. उन्हीं में से एक है- आर्टिफिशियल ज्वेलरी. उन्होंने बताया कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार महिलाओं के एसेसिरीज पर भी थोड़ी छूट ले करके आएगी, क्योंकि सोना हम एक संपत्ति के रूप में खरीदते हैं. हमारे पास इतना बजट नहीं होता कि हम सोने के आभूषण ज्यादातर बनाए, लेकिन जो आर्टिफिशियल ज्वेलरी है, उसे हम कम दामों में खरीद करके अपने सभी ड्रेस के साथ मैच करते हैं. वह हमारे लिए एक जरूरत के सामानों के रूप में आती है, उम्मीद है कि सरकार इस ओर भी ध्यान देगी.