वाराणसी: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को जारी किया. इसमें पूरे प्रदेश में वाराणसी की शालिनी ने टॉप किया है. परिणाम आने के बाद शालिनी के घर में खुशी का माहौल है. उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया. उनका कहना है कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी खुद घर बैठकर की थी. उनके पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं. शालिनी ने बीएचयू से बीए व एमए प्रथम स्थान से पास किया.
एक कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं. ऐसा ही कुछ वाराणसी की शालिनी के साथ है. शालिनी ने कभी भी गरीबी को अपनी पढ़ाई के बीच में नहीं आने दिया. उन्होंने पढ़ाई को लेकर हमेशा मेहनत की. आज उसी का नतीजा है कि उन्होंने बीएड की परीक्षा में टॉप किया. उन्होंने परीक्षा में कुल 377.66 नंबर प्राप्त किए. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी इस परीक्षा के लिए प्रयास किया था. लेकिन, अच्छे नंबर नहीं हासिल कर सकीं थीं. इसके बाद फिर तैयारी की और आज नतीजा सामने है.
घर बैठकर की परीक्षा की तैयारी
शालिनी ने अपने परीक्षा परिणाम पर खुशी जाहिर की. उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया. शालिनी ने बताया कि उन्होंने साल 2022 में भी बीएड की परीक्षा दी थी. लेकिन, अच्छे नंबर नहीं मिल सके थे. इसके बाद दोबारा से प्रयास शुरू किया. घर बैठकर ही तैयारी शुरू की. ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से सब्जेक्ट की तैयारी की. आज उसका परिणाम सबके सामने है. बता दें कि शालिनी बीएचयू की छात्रा हैं. उन्होंने बीए और एमए की पढ़ाई हिन्दी से की है.
बीएचयू से बीए व एमए प्रथम स्थान से पास
शालिनी ने बताया कि वह गांव में ही जवाहर आदर्श इंटर कॉलेज, वाराणसी से 12वीं की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद बीएचयू से बीए व एमए प्रथम स्थान से पास किया. बचपन से ही बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास भी किया. उन्होंने बताया कि वह कक्षा 6 में पढ़ते हुए घर पर ही गांव के ही बच्चों को निशुल्क शिक्षा देती थीं. वह अभी भी शाम को गांव के कुछ बच्चों को पढ़ाती हैं. शालिनी ने बताया कि वह आगे चलकर आईएएस अफसर बनना चाहती हैं.
शालिनी के पिता करते हैं मिस्त्री का काम
बता दें कि शालिनी मध्यम परिवार से हैं. उनके पिता कल्लू राम पटेल राजगीर मिस्त्री हैं. उनकी माता अनिता देवी गृहिणी हैं. शालिनी के एक भाई और तीन बहनें हैं. घर में सबकी पढ़ाई की जिम्मेदारी पिता पर ही रही है. भाई भी अपने परिवार की आर्थिक रूप से जिम्मेदारी उठाते हैं. शालिनी पटेल ने बताया कि वह पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं में भी आगे रही हैं. उन्होंने महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र बीएचयू से ईको-स्किल्ड गंगामित्र का भी प्रशिक्षण लिया है.
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