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वाराणसी: कैदी जेल से कर रहे हैं बाबा विश्वनाथ की भक्ति - उत्तर प्रदेश समाचार

उत्तर प्रदेश के वाराणसी की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी बाबा विश्वनाथ के लिए मालाएं तैयार करते हैं. जेल के अंदर से ही इन मालाओं को बाबा विश्वनाथ के लिए भेजा जाता है.

कैदी बाबा विश्वनाथ के लिए बनाते हैं मालाएं.
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Published : Aug 6, 2019, 12:10 PM IST

वाराणसी: जिले की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी जेल के अंदर ही आने वाले जीवन को सुधारने के लिए भक्ति की शक्ति का सहारा ले रहे हैं. सेंट्रल जेल में बंद कैदी जेल में रहकर बाबा विश्वनाथ की शरण में है. जेल के अंदर होने वाले फूलों से यह कैदी नियमित बाबा विश्वनाथ के लिए पांच मालाएं तैयार करते हैं. ये मालाएं सुबह होने वाली मंगला आरती में देवा दी देव महादेव को अर्पित की जाती हैं.

कैदी बाबा विश्वनाथ के लिए बनाते हैं मालाएं.

सेंट्रल जेल में बदं कैदी बाबा विश्वनाथ के लिए बनाते हैं मालाएं

  • अयोध्या के रहने वाले आनंद बहादुर पाल हत्या के मामले में सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
  • 14 साल जेल में हो चुके हैं और अपने किए पर अब आनंद पछता रहे हैं.
  • यही वजह है कि अपने आने वाले कल को सुधारने के लिए उन्होंने बीते 14 सालों से बाबा विश्वनाथ की सेवा में अपनी जिंदगी को समर्पित कर दिया है.
  • जेल के अंदर होने वाले फूलों से यह कैदी नियमित बाबा विश्वनाथ के लिए पांच मालाएं तैयार करते हैं.
  • सुबह उठकर जेल के बगीचे में लगे अलग-अलग फूलों को तोड़ना उनको इकट्ठा करना और फिर उनको लाकर माला तैयार करना इनका नियमित काम है.
  • इस काम में आनंद के साथ और भी कई कैदी लगे रहते हैं.
  • एक-एक फूल को बड़ी ही बारीकी से धागों में पिरो कर पांच मालाएं तैयार कर जेल के अंदर से इनको बाबा विश्वनाथ के लिए भेजा जाता है.
  • ये मालाएं रोज सुबह होने वाली मंगला आरती में देवा दी देव महादेव को अर्पित की जाती हैं.
  • इतना ही नहीं हर सोमवार को सेंट्रल जेल से शाम के वक्त कई लीटर दूध भी भेजा जाता है.
  • इन कैदियों का मानना है कि हमारी जिंदगी हमारी एक गलती की वजह से बर्बाद हुई, लेकिन अब हम अपनी जिंदगी को सुधारने के लिए बाबा की शरण में आ चुके हैं.
  • हर रोज उनकी सेवा करते हैं, उनके लिए माला भेजते हैं. यही प्रार्थना करते हैं कि हमारा आने वाला कल सुधर जाए.
  • जेल में बंद कैदियों को इस भक्ति और श्रद्धा के काम के लिए पैसे भी दिए जाते हैं.

कैदियों के इस काम को भी जेल मैनुअल के हिसाब से उनके रूटीन काम में शामिल कर इसका पेमेंट होता है. कई सालों से यह काम चला आ रहा है और कैदी माला तैयार कर बाबा विश्वनाथ के लिए पैकेट बनाकर रखते हैं. जिसे जेल स्टाफ रोज ले जाकर विश्वनाथ मंदिर प्रशासन को सुपुर्द करता है और इन्हीं मालाओं से रोज सुबह बाबा विश्वनाथ का श्रृंगार कर हर रोज दिन की शुरुआत होती है. यानी जेल के अंदर से यह बंदी बाबा विश्वनाथ की आराधना कर सावन के पवित्र महीने में अपनी जिंदगी को सुधारने की कामना कर रहे हैं.
-धीरेंद्र प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर, सेंट्रल जेल

वाराणसी: जिले की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी जेल के अंदर ही आने वाले जीवन को सुधारने के लिए भक्ति की शक्ति का सहारा ले रहे हैं. सेंट्रल जेल में बंद कैदी जेल में रहकर बाबा विश्वनाथ की शरण में है. जेल के अंदर होने वाले फूलों से यह कैदी नियमित बाबा विश्वनाथ के लिए पांच मालाएं तैयार करते हैं. ये मालाएं सुबह होने वाली मंगला आरती में देवा दी देव महादेव को अर्पित की जाती हैं.

कैदी बाबा विश्वनाथ के लिए बनाते हैं मालाएं.

सेंट्रल जेल में बदं कैदी बाबा विश्वनाथ के लिए बनाते हैं मालाएं

  • अयोध्या के रहने वाले आनंद बहादुर पाल हत्या के मामले में सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
  • 14 साल जेल में हो चुके हैं और अपने किए पर अब आनंद पछता रहे हैं.
  • यही वजह है कि अपने आने वाले कल को सुधारने के लिए उन्होंने बीते 14 सालों से बाबा विश्वनाथ की सेवा में अपनी जिंदगी को समर्पित कर दिया है.
  • जेल के अंदर होने वाले फूलों से यह कैदी नियमित बाबा विश्वनाथ के लिए पांच मालाएं तैयार करते हैं.
  • सुबह उठकर जेल के बगीचे में लगे अलग-अलग फूलों को तोड़ना उनको इकट्ठा करना और फिर उनको लाकर माला तैयार करना इनका नियमित काम है.
  • इस काम में आनंद के साथ और भी कई कैदी लगे रहते हैं.
  • एक-एक फूल को बड़ी ही बारीकी से धागों में पिरो कर पांच मालाएं तैयार कर जेल के अंदर से इनको बाबा विश्वनाथ के लिए भेजा जाता है.
  • ये मालाएं रोज सुबह होने वाली मंगला आरती में देवा दी देव महादेव को अर्पित की जाती हैं.
  • इतना ही नहीं हर सोमवार को सेंट्रल जेल से शाम के वक्त कई लीटर दूध भी भेजा जाता है.
  • इन कैदियों का मानना है कि हमारी जिंदगी हमारी एक गलती की वजह से बर्बाद हुई, लेकिन अब हम अपनी जिंदगी को सुधारने के लिए बाबा की शरण में आ चुके हैं.
  • हर रोज उनकी सेवा करते हैं, उनके लिए माला भेजते हैं. यही प्रार्थना करते हैं कि हमारा आने वाला कल सुधर जाए.
  • जेल में बंद कैदियों को इस भक्ति और श्रद्धा के काम के लिए पैसे भी दिए जाते हैं.

कैदियों के इस काम को भी जेल मैनुअल के हिसाब से उनके रूटीन काम में शामिल कर इसका पेमेंट होता है. कई सालों से यह काम चला आ रहा है और कैदी माला तैयार कर बाबा विश्वनाथ के लिए पैकेट बनाकर रखते हैं. जिसे जेल स्टाफ रोज ले जाकर विश्वनाथ मंदिर प्रशासन को सुपुर्द करता है और इन्हीं मालाओं से रोज सुबह बाबा विश्वनाथ का श्रृंगार कर हर रोज दिन की शुरुआत होती है. यानी जेल के अंदर से यह बंदी बाबा विश्वनाथ की आराधना कर सावन के पवित्र महीने में अपनी जिंदगी को सुधारने की कामना कर रहे हैं.
-धीरेंद्र प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर, सेंट्रल जेल

Intro:स्पेशल स्टोरी-

वाराणसी: जो हाथ कभी खून से सने थे जिन हाथों से हुए अपराध की सजा जेल की कालकोठरी के पीछे सजा काटते हुए आज भी यह लोग गुजार रहे हैं जिसके वजह से अब समाज इन्हें बंदिया कैदी के नाम से जानता है उनके नाम के आगे जुड़ा यह शब्द अब इन्हें समाज से पूरी तरह से अलग कर चुका है. उनके किए की सजा इनको मिल तो रही है लेकिन अब यह जेल के अंदर है अपनी इस कारगुजारी के बाद आने वाले जीवन को सुधारने के लिए भक्ति की शक्ति का सहारा ले रहे हैं हम बात कर रहे हैं, वाराणसी सेंट्रल जेल में बंद कैदियों की जो जेल में रहकर बाबा विश्वनाथ की शरण में है कैसे यह कर रहे हैं जेल से बाबा विश्वनाथ की भक्ति जानिए स्पेशल रिपोर्ट में.

ओपनिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र


Body:वीओ-01 अयोध्या के रहने वाले आनंद बहादुर पाल हत्या के मामले में सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं 14 साल जेल में भी चुके हैं और अपने किए पर अब आनंद पछता रहे हैं. यही वजह है कि अपने आने वाले कल को सुधारने के लिए उन्होंने बीते 14 सालों से बाबा विश्वनाथ की सेवा में अपनी जिंदगी को समर्पित कर दिया है. दरअसल जेल के अंदर होने वाले फूलों से यह कैदी नियमित बाबा विश्वनाथ के लिए पांच मालाएं तैयार करते हैं अल सुबह उठकर जेल के बगीचे में लगे अलग-अलग फूलों को तोड़ना उनको इकट्ठा करना और फिर उनको लाकर माला तैयार करना इनका नियमित काम है. इस काम में आनंद के साथ और भी कई कैदी लगे रहते हैं. एक एक फूल को बड़े ही बारीकी से धागों में पिरो कर पांच मालाएं तैयार कर जेल के अंदर से इन मालाओं को बाबा विश्वनाथ के लिए भेजा जाता है जो रोज सुबह होने वाली मंगला आरती में देवा दी देव महादेव को अर्पित की जाती है. इतना ही नहीं हर सोमवार को सेंट्रल जेल से शाम के वक्त कई लीटर दूध भी भेजा जाता है क्योंकि जेल के अंदर एक गौशाला है जिस से निकलने वाले दूध से बाबा का अभिषेक करवाया जाता है. इन कैदियों का मानना है कि हमारी जिंदगी हमारी एक गलती की वजह से बर्बाद हुई लेकिन अब हम अपनी जिंदगी को सुधारने के लिए बाबा की शरण में आ चुके हैं. हर रोज उनकी सेवा करते हैं उनके लिए माला भेजते हैं यही प्रार्थना करते हैं कि हमारा आने वाला कल सुधर जाए.

बाईट- आनंद बहादुर पाल, बंदी
बाईट- बजरंगी सिंह, बंदी


Conclusion:वीओ-02 जेल में बंद कैदियों की जिंदगी को सुधारने के प्रयास में वैसे तो जेल से कई काम होते हैं लेकिन लंबे वक्त से इस भक्ति श्रद्धा के काम के लिए भी बंदियों को पैसे दिए जाते हैं. सेंट्रल जेल के डिप्टी जेलर का कहना है कि कैदियों के इस काम को भी जेल मैनुअल के हिसाब से उनके रूटीन काम में शामिल कर इसका पेमेंट होता है कई सालों से यह काम चल रहा आ रहा है और कैदी माला तैयार कर बाबा विश्वनाथ के लिए पैकेट बनाकर रखते हैं जिसे जेल स्टाफ रोज ले जाकर विश्वनाथ मंदिर प्रशासन को सुपुर्द करता है और इन्हीं मालाओं से रोज सुबह बाबा विश्वनाथ का श्रृंगार कर हर रोज दिन की शुरुआत होती है यानी जेल के अंदर से यह बंदी बाबा विश्वनाथ की आराधना कर सावन के पवित्र महीने में अपनी जिंदगी को सुधारने की कामना कर रहे हैं.

बाईट- धीरेंद्र प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर, सेंट्रल जेल

गोपाल मिश्र

9839809074

क्लोजिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र
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