प्रयागराज : संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में 12 जनवरी के माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व से पहले अखाड़ों के नागा संन्यासी और दूसरे साधु संत मेला क्षेत्र छोड़कर वाराणसी जा चुके हैं. अलग-अलग अखाड़ों के कुछ साधु संत अब भी मेला क्षेत्र में रहकर देश के कोने कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन देने के साथ ही उन्हें आशीर्वाद भी दे रहे हैं. आनंद अखाड़े के संतों ने अपना शिविर 26 फरवरी तक निरंतर जारी रखने की घोषणा की है.
संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के शिविर में ठहरे आनंद अखाड़े के नागा संन्यासी शिवज्ञानानंद सरस्वती महाराज का कहना है कि देश विदेश में रहने वाले उनके तमाम भक्त ऐसे हैं जो भीड़ या अन्य कारणों से अभी तक महाकुंभ में पुण्य की डुबकी लगाने नहीं आ पाए हैं और अपने उन्हीं भक्तों को त्रिवेणी संगम में स्नान करवाने और उन्हें आशीष देने के लिए वो महाशिवरात्रि तक मेला क्षेत्र में रुके रहेंगे. उनका कहना है कि उनके अनुयायियों को पुण्य की डुबकी लगाने में दिक्कत न हो और शिविर में रहने खाने के लिए कोई परेशानी न हो उसके लिए वो अपने शिविर को 26 फरवरी तक बनाए रखेंगे.
26 फरवरी तक शिविर में चलता रहेगा अनुष्ठान : त्रयंबकेश्वर से पहुंचे स्वामी शिवज्ञानानंद सरस्वती महाराज का कहना है कि उनके शिविर में चलने वाले धार्मिक अनुष्ठान 26 फरवरी तक चलेंगे. शिविर में सुबह-शाम आरती भोग पहले की तरह ही होगा. शिविर में विश्व कल्याण और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है.
निशुल्क रुद्राक्ष वितरण : स्वामी शिवज्ञानानन्द सरस्वती महाराज महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को बांटने के लिए सवा करोड़ रुद्राक्ष लाए थे, जिसे वे वितरित कर चुके हैं. अब भी 26 फरवरी तक रुद्राक्ष बांटते रहेंगे. यह रुद्राक्ष श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा. साथ ही उनके शिविर में स्फटिक में शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर श्रद्धालुओं को महादेव का आशीर्वाद प्रदान करवा रहे हैं.