वाराणसीः जनपद के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट शैलेंद्र सिंह की अदालत ने कक्षा 4 की छात्रा से रेप और धमकाने के मामले में शिक्षामित्र को दोषी ठहराया है. शिक्षामित्र कैंट निवासी को 10 वर्ष की कठोर कैद और 24 हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया गया है. अदालत ने जुर्माने के 24 हजार रुपये में से आधी धनराशि पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है.
विशेष लोक अभियोजक संदीप कुमार जायसवाल के अनुसार मुकदमे के वादी की 12 वर्षीय बेटी नदेसर स्थित प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 4 में पढ़ती थी. जहां शिक्षामित्र कुनाल सागर उसका शारीरिक शोषण करता और किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी देता था. आरोप यह भी था कि शिक्षामित्र बच्ची को नशीला पदार्थ खिलाकर बच्ची का शारीरिक और मानसिक शोषण करता रहा.
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किसी तरह से छात्रा ने हिम्मत जुटाकर परिजनों को आपबीती सुनाई. इसके बाद परिजन बच्ची को लेकर कैंट थाने गए तो 12 अप्रैल 2014 को आरोपी शिक्षामित्र के खिलाफ दुष्कर्म और धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया था. अदालत ने पीड़िता समेत 8 गवाहों के बयान और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपी शिक्षामित्र को दोषी पाकर सजा सुनाई.
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