वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में 2019 लोकसभा में वोटर्स वोट न डालने की चेतावनी पहले ही दे चुके हैं. अब जब चुनाव नजदीक हैं, तब भी यहां की आम जनता चुनाव के बहिष्कार के पूरे मूड में है. इसकी वजह स्वच्छ भारत मिशन को पूरे देश में पायलट प्रोजेक्ट की तरह चलाने वाले पीएम के ही संसदीय क्षेत्र में कूड़े के अंबार के बीच लोग जीने को मजबूर हैं.
स्वच्छता मिशन के नाम पर वाहवाही बटोरती सरकार हो और वहीं दूसरी ओर स्वच्छता को पलीता लगाता उसी सरकार के नेता का संसदीय क्षेत्र. कुछ ऐसा ही हाल है पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का. वाराणसी के कैंट स्टेशन के सामने से गुजरेंगे तो कूड़े का अंबार आपका स्वागत करता नजर आएगा. गंदगी, बदबू और खराब हालातों का ये नजारा आपको परेशान कर देगा.
बनारस के विजयापुरम कॉलोनी में मोहल्ले के लोग गंदगी और बदबू में रहने को मजबूर हैं. यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि लगातार प्रशासन से मदद मांगने पर भी कोई कार्रवाई होती नहीं दिखी.
यहां के विधायक, सभासद सभी वर्तमान सरकार से हैं, लेकिन किसी को भी इस बात की कोई चिंता नहीं कि स्वच्छता अभियान जैसी सरकारी योजना को वाराणसी में ही पलीता लग रहा है. इस गंदगी के बीच जिंदगी काट रहे लोगों और उनके परिवारवालों का गुस्सा इतना बढ़ गया है कि इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में ये पूरी बस्ती वोट देने से पीछे हट रही है.
विजयापुरम की इस बस्ती में गंदगी के कारण न जाने कितने ही लोगों की जान चली गई. बनारस के इस मोहल्ले में रह रहे लोगों का कहना है कि जितनी सफाई वो खुद कर सकते हैं, वो करते हैं, लेकिन जो काम प्रशासन को करना चाहिए, वो यहां नहीं हो रहा है. पिछले कई सालों से ये बस्ती इसी तरह गंदगी के बीच जिंदगियों को पनपा रही है. पिछली कई सरकारों से अपील करते-करते निराश हो चुके विजयापुरम के निवासी इस साल ये एलान कर चुके हैं कि वो 2019 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. जब तक इस मोहल्ले में सफाई नहीं हो जाती वो आगे किसी भी चुनाव में भाग नहीं लेंगे.