वाराणसी : इस बार जल्दी पड़ी गर्मी और ताप घात के प्रकोप ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है. इसका परिणाम है कि अस्पतालों में ताप घात के मरीजों की भी देखे जा रहे हैं. ऐसे में वाराणसी स्वास्थ्य विभाग ने भी तैयारियां कर ली है और बकायदा जिला अस्पताल व सीएचसी में बेड को आरक्षित किया गया है. बढ़ती गर्मी से होने वाली परेशानी को देखते हुए वाराणसी स्वास्थ्य विभाग में जिला स्तरीय अस्पताल में 10 बेड, सीएचसी में दो से 5 बेड आरक्षित किए हैं.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि बढ़ती गर्मी जनहानि भी हो सकती है. इस असर को कम करने के लिए लोगों को कुछ सावधानी बरतने की जरूरत है. कड़ी धूप में लोग बिल्कुल बाहर ना निकलें. खासकर 12 से 3 बजे के बीच में किसी छायादार स्थान पर रहें. जितनी बार हो सके पानी पिएं. हल्के रंग की ढीले सूती वस्त्र पहनें और धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता चश्मे का प्रयोग करें. इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें. जिससे शरीर में पानी की कमी ना होने पाए.
डॉ. चौधरी ने बताया कि वर्तमान मौसम में बच्चों से लेकर वृद्ध जनों को बेहोशी, मांसपेशियों में जकड़न, मिर्गी का दौरा पड़ना, चिड़चिड़ापन, सिर दर्द, अधिक पसीना आना, कमजोरी, चक्कर आना, सांस का तेज चलना, उल्टी, नींद पूरी ना होना जैसे समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है. यदि किसी को ऐसी समस्या होती है तो सबसे पहले प्राथमिक उपचार दें. सबसे पहले व्यक्ति को किसी छायादार स्थान पर लेकर जाएं, तत्काल एंबुलेंस से स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर की जाए. व्यक्ति को पैर ऊपर रखकर सुलाएं. अगर बेहोश ना हो तो ठंडा पानी पिलाएं. जितना हो सके कपड़े शरीर से निकाल दें. शरीर के ऊपर पानी से स्प्रे करें. ओआरएस का घोल पिलाएं. गीले कपड़े रखें. पंखे से शरीर पर हवा डालें. इन सब से व्यक्ति को प्राथमिक उपचार दिया जा सकता है. उसके बाद चिकित्सक को दिखा कर इलाज़ कराएं.
यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ ने की सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन की मांग