वाराणसी: बनारस में चीजों को बेहतर करने के उद्देश्य से सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट आपस में कोआर्डिनेशन के साथ बेहतर कार्य करने के लिए कई प्लान तैयार कर रही है. इन प्लान से लोगों की जिंदगी में सुधार होने के साथ ही बनारस के व्यापक विस्तार में काफी सहूलियत होगी. लेकिन, सरकारी तंत्र इन योजनाओं को किस तरह से क्रियान्वित करते हुए उन्हें आगे बढ़ाता है, इसकी बानगी देखनी हो तो आपको वाराणसी नगर निगम का रुख करना पड़ेगा. इसकी बड़ी वजह यह है कि बनारस नगर निगम में प्लान तैयार होने के बाद खरीद फरोख्त कर लाए गए महंगे महंगे सामान किस तरह से बर्बाद होते हैं वह आपको साफ तौर पर दिखाई देगा. क्योंकि इन दिनों बनारस में फ्यूल सेविंग और एनर्जी सेविंग को लेकर पीएम मोदी और सीएम योगी के प्लान के अनुरूप लाई गई कचरा गाड़ियां खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई हैं.
हालात यह है कि, महीनों से लाखों रुपये खर्च करके मंगाई गए इन गाड़ियों के लिए अब तक की चार्जिंग पॉइंट की व्यवस्था न होने के कारण इनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. इसके कारण इनमें से कुछ गाड़ियां खराब भी हो गई है और बाकी खराब होने की तरफ अग्रसर है. बनारस के नगर निगम के स्टोर रूम में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो यहां पर हरे और सफेद रंग की अनोखी ई-कचरा गाड़ियां दिखाई दी. इन्हें ई कचरा गाड़ियां इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि, वाराणसी नगर निगम देश के उन गिने-चुने नगर निगम में शामिल हुआ है, जहां कचरा उठान के लिए ई रिक्शे पर विशेष गाड़ियों को तैयार कर लाया गया है.
बनारस में भी लगभग ढाई लाख रुपये की कीमत पर कचरा गाड़ी को खरीदने का प्लान तैयार कर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 25 ई कचरा गाड़ियां खरीदी गई. लगभग 62 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर इन गाड़ियों को बनारस में आये लगभग डेढ़ महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. लेकिन, इनके संचालन की प्रॉपर व्यवस्था न होने की वजह से यह ई-कचरा गाड़ियां अब तक नगर निगम के इसी गोदाम में खुले आसमान के नीचे पड़ी खराब हो रही हैं.
ईटीवी भारत ने खुद अपने स्तर पर जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि यहां पर खड़ी इन ई-कचरा गाड़ियों में से कई पर लिखा हुआ था कि, यह गाड़ी खराब है. किसी में स्टार्टिंग की समस्या है तो किसी की बैटरी चार्ज नही हो रही. जब पड़ताल आगे बढ़ाई तो पता चला कि इन गाड़ियों को मंगवा तो लिया गया है, लेकिन इनके चार्जिंग पॉइंट अभी है ही नहीं. जिसकी वजह से इन्हें संचालित करना संभव नहीं है.
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इस प्लान के लिए जब हमने यहां के स्टोर इंचार्ज से बात की तो उनका कहना था कि गाड़ियों के रखरखाव की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए चार्जिंग प्वाइंट बनाने का काम चल रहा है. जैसे ही चार्जिंग प्वाइंट बन जाएगा तो, इनका प्रॉपर संचालन शुरू होगा. इसके बाद जब हमने इस पूरे मामले पर नगर आयुक्त प्रणव सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि इनकी कचरा गाड़ियों को मंगाने के पीछे का मकसद फ्यूल और एनर्जी सेविंग को बढ़ावा देना है.
इस उद्देश्य से इन ई कचरा गाड़ियों को बनारस के तमाम इलाकों में संचालित किया जाना है. लेकिन, जब उनसे पूछा गया कि इनका संचालन क्यों नहीं हो रहा और यह खुले आसमान के नीचे क्यों पानी में है. तो जवाब देते हुए नगर आयुक्त ने कहा कि अभी इसके लिए हमारा प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है. बेनियाबाग मैदान के पास एक ई चार्जिंग प्वाइंट सेंटर बनाया जा रहा है. यहां पर टीन शेड भी लगाए जाएंगे. जिसमें इन ई कचरा गाड़ियों को खड़ा किया जाएगा. यहीं से इनको शहर भर में कचरा उठाने के लिए संचालित किया जाएगा.
फिलहाल अभी नगर निगम प्लान तैयार तो कर रहा है. लेकिन, प्लान बनने से पहले ही कचरा गाड़ियों का खुले आसमान के नीचे पड़ा रहना निश्चित तौर पर पूरी व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर रहा है. बिना पुख्ता प्लान बनाएं किसी चीज की खरीद फरोख्त कर उसे खराब करने का क्या मकसद है. इसका फायदा जब जनता को नहीं मिल पाएगा तो आखिर ऐसे प्लान का लाभ क्या है.
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