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BSP सांसद अतुल राय प्रकरण : वाराणसी के कैंट थाना प्रभारी समेत दरोगा पर गिरी गाज, निलंबित - वाराणसी न्यूज़

बसपा सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती और इस मामले के चश्मदीद गवाह के सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह का प्रयास किए जाने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. इस घटना के बाद वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में इंस्पेक्टर कैंट राकेश कुमार सिंह और दारोगा गिरिजा शंकर यादव को निलंबित कर दिया गया है.

सांसद अतुल राय फाइल फोटो
सांसद अतुल राय फाइल फोटो
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Published : Aug 17, 2021, 2:01 PM IST

वाराणसी : बसपा सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली युवती और इस मामले के चश्मदीद गवाह द्वारा दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह का प्रयास किए जाने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. इस घटना के बाद वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में इंस्पेक्टर कैंट राकेश कुमार सिंह और दारोगा गिरिजा शंकर यादव को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही इंस्पेक्टर वेद प्रकाश राय कैंट थाने का नया प्रभारी बनाया गया है. साथ ही इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सहायक पुलिस आयुक्त कैंट रतनेश्वर सिंह को सौंपी गई है.

वहीं, इस मामले में वाराणसी पूर्व एसएसपी और वर्तमान में एसएसपी गाजियाबाद के पद पर तैनात रहे IPS अमित पाठक को पुलिस मुख्यालय, लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है.

आपको बता दें कि अतुल राय उत्तर प्रदेश की घोसी सीट से बसपा के सांसद हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मूलत: बलिया जिले की रहने वाली और वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज की पूर्व छात्रा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अतुल राय के खिलाफ रेप का आरोप लगाया था. उस समय सियासी पारा काफी गर्म था इसलिए इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था. इसके बाद 1 मई 2019 को लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद अतुल राय काफी दिनों तक इधर-उधर छिपते रहे और चुनाव प्रचार तक भी नहीं कर पाए. चुनाव जीतने के बाद 22 जून 2019 को उन्होंने सरेंडर कर दिया. जिसके बाद अतुल राय जेल में हैं.

इसे भी पढ़ें : अब अलीगढ़ होगा 'हरिगढ़' और मैनपुरी का नाम होगा 'मयन नगर' !

इसके बाद 23 नवंबर 2020 को अदालत के आदेश से अतुल के भाई पवन सिंह के प्रार्थना पत्र के आधार पर कैंट थाने में रेप पीड़िता के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया. इस मुकदमे में बीती 2 अगस्त को वाराणसी की सीजेएम कोर्ट ने रेप पीड़िता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. इस बीच 16 अगस्त 2021 को रेप का आरोप लगाने वाली लड़की और मामले के चश्मदीद गवाह ने दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की. जिसमें दोनों बुरी तरह से झुलस गए. सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा में तैनात आरएसी के जवानों ने दोनों की आग बुझाई और उन्हें अस्पताल पहुंचाया. जहां दोनों का उपचार किया जा रहा है.

वाराणसी : बसपा सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली युवती और इस मामले के चश्मदीद गवाह द्वारा दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह का प्रयास किए जाने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. इस घटना के बाद वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में इंस्पेक्टर कैंट राकेश कुमार सिंह और दारोगा गिरिजा शंकर यादव को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही इंस्पेक्टर वेद प्रकाश राय कैंट थाने का नया प्रभारी बनाया गया है. साथ ही इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सहायक पुलिस आयुक्त कैंट रतनेश्वर सिंह को सौंपी गई है.

वहीं, इस मामले में वाराणसी पूर्व एसएसपी और वर्तमान में एसएसपी गाजियाबाद के पद पर तैनात रहे IPS अमित पाठक को पुलिस मुख्यालय, लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है.

आपको बता दें कि अतुल राय उत्तर प्रदेश की घोसी सीट से बसपा के सांसद हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मूलत: बलिया जिले की रहने वाली और वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज की पूर्व छात्रा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अतुल राय के खिलाफ रेप का आरोप लगाया था. उस समय सियासी पारा काफी गर्म था इसलिए इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था. इसके बाद 1 मई 2019 को लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद अतुल राय काफी दिनों तक इधर-उधर छिपते रहे और चुनाव प्रचार तक भी नहीं कर पाए. चुनाव जीतने के बाद 22 जून 2019 को उन्होंने सरेंडर कर दिया. जिसके बाद अतुल राय जेल में हैं.

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इसके बाद 23 नवंबर 2020 को अदालत के आदेश से अतुल के भाई पवन सिंह के प्रार्थना पत्र के आधार पर कैंट थाने में रेप पीड़िता के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया. इस मुकदमे में बीती 2 अगस्त को वाराणसी की सीजेएम कोर्ट ने रेप पीड़िता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. इस बीच 16 अगस्त 2021 को रेप का आरोप लगाने वाली लड़की और मामले के चश्मदीद गवाह ने दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की. जिसमें दोनों बुरी तरह से झुलस गए. सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा में तैनात आरएसी के जवानों ने दोनों की आग बुझाई और उन्हें अस्पताल पहुंचाया. जहां दोनों का उपचार किया जा रहा है.

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