वाराणसी: काशी के सिगरा थाना क्षेत्र में यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है. एसटीएफ ने छापेमारी कर जीवनरक्षक दवाओं की बड़ी मात्रा में नकली खेप बरामद की है. हिमाचल प्रदेश से तैयार करवाकर उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग जगहों पर इन दवाओं की सप्लाई की जा रही थी. बरामद की गई दवाओं की अनुमानित कीमत लगभग साढ़े सात करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी गई है, जिसे वाराणसी के एक कॉलोनी के गोदाम से बरामद की गई है. एसटीएफ ने दवा सप्लाई करने वाले गिरोह के मुख्य सरगना को गिरफ्तार कर लिया है.
यूपी एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि बरामद दवाओं को लेकर अभी कार्रवाई की जा रही है और गोदाम में दवाओं का मिलान और अन्य संबंधिक प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि उक्त दवाओं की लगभग 300 पेटी जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 7.5 करोड़ रुपये है, उसे महेशपुर थाना मडुआडीह स्थित गोदाम से बरामद किया गया है. यहां से लगभग 4 लाख 40 हजार रुपये नकद और कूटरचित बिल और अन्य दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.
यूपी एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने नकली दवाओं की सप्लाई करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए गैंग के सरगना अशोक कुमार को कमिश्नरेट वाराणसी के थाना सिगरा अंतर्गत चर्च कॉलोनी से गिरफ्तार किया है. सरगना बुलन्दशहर का रहने वाला है. गिरोह हिमाचल प्रदेश से ब्रांडेड कंपनियों के नाम की नकली दवाएं बनवाता था. इसके बाद वाराणसी में अवैध तरीके से इन दवाओं का भंडारण किया जाता था. यहां वाराणसी सहित पूर्वांचल के अन्य जनपदों के साथ-साथ पटना, गया, पूर्णिया बिहार, कोलकाता, हैदराबाद आदि स्थानों पर सप्लाई करता था.
एसटीएफ के अनुसार, गिरफ्तार अभियुक्त से पूछताछ और गैंग के अन्य सदस्यों व बरामदगी के सम्बन्ध में पूछताछ जारी है. गोदाम से जो बरामदगी हुई है, उनमें मुख्य रूप से बड़ी ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं शामिल हैं. जो डॉक्टरों द्वारा गंभीर बीमारियों सहित रूटीन दवाओं के लिए लिखी जाती हैं.
1- monocef O
2- Gabapin nt
3- Clavam 625
4- Pan D
5- Pan 40
6- Cef AZ
7- Taxim O
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