वाराणसी : प्रदेश भर में अधिकांश नदियां उफान पर हैं, जिसके कारण 466 गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. हालांकि यूपी सरकार बाढ़ ग्रसित इलाकों में लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. प्रदेश भर में लगातार राहत एवं बचाव कार्य जारी है. इसी क्रम में मंगलवार की शाम को यूपी सरकार के स्टांप एवं न्यायालय शुल्क पंजीयन राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल ने सर्किट हाउस में बैठक की. बैठक के दौरान वाराणसी जिले में नदियों के बढ़े जलस्तर को लेकर चर्चा हुई. बैठक में जिला प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद रहे. बता दें, कि वाराणसी जिले में गंगा और वरुणा नदी उफान पर है. जिसके कारण निचले व तटवर्ती इलाकों में जलभराव हो गया है.
जलभराव के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है. बाढ़ पीड़ितों को त्वरित एवं प्रभावी ढंग से राहत मिले इसके लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. इसी क्रम में मंगलवार को यूपी के राज्य मंत्री ने रविंद्र जायसवाल ने बाढ़ से प्रभावित इलाकों में बचावा एवं राहत कार्य पहुंचाने को लेकर बैठक की. बैठक के दौरान मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बाढ़ ग्रसित इलाकों में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की.
इस दौरान मंत्री रविंद्र जायसवाल ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित लोगों व पशुओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराने की उचित व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही बाढ़ चौकियों पर ही चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं.
बाढ़ चौकियों पर कुत्ता एवं सांप के काटने का इंजेक्शन की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराई जाए. जिससे आमजन को दिक्कत न हो. मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों ने अपने घरों को छोड़कर राहत शिविर में शरण ली है. राहत शिविर में रह रहे लोगों के घरों की निगरानी के लिए पुलिस की वोट जिस पर हूंटर लगा हो लगातार गस्त करती रहे. राज्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में पोर्टेबल टॉयलेट की व्यवस्था की जाए, ताकि गंदगी न हो. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराया जाए, जिनके मकान या जिनकी फसलों को क्षति हुई है. ऐसे लोगों को सर्वे के बाद आर्थिक सहायता दी जाएगी.
जिससे आम लोगों में अपने सामान और घर की सुरक्षा की भावना बनी रहे. बता दें, कि वाराणसी में बाढ़ से निपटने के लिए प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ की टीम के अलावा बचाव कार्य के लिए 85 नावों की व्यवस्था की गई हैं. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए 7 कम्युनिटी किचन बनाए गए हैं. कम्युनिटी किचन के द्वारा प्रभावित लोगों को कच्चा-पक्का भोजन दिया जा रहा है. प्रभावित लोगों को बुधवार से प्रत्येक परिवार को आधा लीटर दूध और पानी की बोतलें भी वितरित की जाएगी.
इसे पढ़ें- गंगा-यमुना नदियां बह रहीं खतरे के निशान से ऊपर, घर की छतों पर रहने को लोग मजबूर