वाराणसी: मंगलवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ वित्तविहीन गुट के आह्वान पर पूरे प्रदेश के संयुक्त शिक्षा निदेशक (जे.डी.) कार्यालयों पर अपनी मांगों को लेकर धरने का आयोजन किया गया. जनपद वाराणसी में भी संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय पर धरने का आयोजन किया गया. इसके बाद सभी ने शास्त्री घाट पर धरना प्रदर्शन किया. शास्त्री घाट पर धरने की अध्यक्षता जिला इकाई के अध्यक्ष भानु शंकर त्रिपाठी व संचालन प्रदेश महामंत्री रामबदन यादव ने किया.
वाराणसी के शास्त्री घाट पर आयोजित धरने में संघ के प्रदेश अध्यक्ष व वाराणसी खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी लाल बिहारी यादव भी पहुंचे. यहां धरने को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा में 80% भागीदारी देने वाले 3.5 लाख शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी रोजी पाकर रोटी के लिए मोहताज हैं. शिक्षकों की स्थिति मनरेगा के मजदूरों से भी बदतर हो गई है. उनका जीवन-यापन करना दुर्लभ हो गया है. विद्यालयों के बंद होने के कारण बच्चों के अभिभावकों से फीस प्राप्त नहीं हो पा रही है, जिससे प्रबंधक मानदेय नहीं दे पा रहे हैं. इन शिक्षकों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है.
वहीं उन्होंने कहा कि आज तक न तो इनकी सेवा नियमावली बन पाई और न ही धारा में भी परिवर्तन हो सका है. वहीं मदरसा के आधुनिक शिक्षकों का केंद्र का पैसा 52 महीनों से रुका है, जो भुखमरी के शिकार हो गए हैं. कोरोना काल में मृत एडेड एवं राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को सरकार द्वारा घोषित 50 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया जा रहा है. पुरानी पेंशन की बहाली की लड़ाई चल रही है, जिस पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया. एडेड एवं राजकीय विद्यालयों में पिछड़े वर्ग एवं अनुसूचित जाति के रिक्त पदों पर भरने की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है.
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इस संबंध में बात करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ वित्तविहीन गुट ओम प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि मदरसे के आधुनिक शिक्षकों की नियमावली बनाकर उनको स्थाई किया जाए व एडेड एवं राजकीय विद्यालयों में पिछड़े वर्ग एवं अनुसूचित जाति के रिक्त पदों को विशेष अभियान चलाकर भरा जाए. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जो शिक्षक मृत हुए हैं, उनके परिवार को मृतक आश्रित में नौकरी दी जाए व 50 लाख मुआवजा दिया जाए.