वाराणसी: 2022 के विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election 2022) से पहले कांग्रेस अपनी सियासी जमीन को उत्तर प्रदेश में मजबूत करने की पूरी कोशिश कर रही है. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस के अन्य कद्दावर नेता उत्तर प्रदेश में अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. हर पार्टी की तरह ही कांग्रेस की भी सबसे मजबूत कड़ी उसके पुराने कार्यकर्ता हैं. लेकिन खिसक चुकी सियासी जमीन के साथ ही कार्यकर्ता भी अब कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे कार्यकर्ता अब भी हैं जो कांग्रेस के झंडा बरदार बने हुए हैं.
पचासों साल से कांग्रेस (Associated with Congress for fifty years) के अलावा किसी अन्य पार्टी के बारे में सोचा तक नहीं. ऐसे ही हैं बनारस के गुलाब सोनकर, 70 साल की उम्र से ज्यादा के पड़ाव पर पहुंच चुके गुलाब इंदिरा गांधी के समय से पक्के कांग्रेसी हैं. कितनी सरकारें आई और गई, कितनी पार्टियां बनी और खत्म हुई, लेकिन गुलाब कांग्रेस का झंडा छोड़ने को तैयार नहीं हुए. शायद यही वजह है कि आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ वाराणसी में कांग्रेस की आवाज बुलंद करने वाला यह पुराना कांग्रेसी आपको जिला मुख्यालय पर हाथों में कांग्रेस का झंडा थामे जरूर मिल जाएगा.
हाथों में हमेशा दिखता है कांग्रेसी झंडा
जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर मंडुवाडीह इलाके में रहने वाले गुलाब सोनकर फल और सब्जी बेचने का काम करते थे. लेकिन उम्र होने के साथ ही बेटे ने पिता को घर पर रहकर आराम करने को कहा. खैर, गुलाब ने आराम को तवज्जो न देकर पुराने कांग्रेसी होने के नाते कांग्रेस के झंडे को चुनावों से पहले बुलंद करने की ठान ली और सुबह होने के साथ ही गुलाब निकल पड़ते हैं.
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20 साल की उम्र से कांग्रेसी
गुलाब ने बताया कि 20 साल की उम्र में वे इंदिरा गांधी को देखकर प्रेरित हुए थे. उन्होंने कांग्रेस का साथ देने की ठानी. पहले से ही पिता और दादा कांग्रेस से जुड़े थे. इसलिए उन्होंने पिता और दादा के नक्शे कदम पर चलते हुए कांग्रेसी होने और जीवन भर कांग्रेस के साथ रहने का प्रण कर लिया. समय बदलते गए यूपी से कांग्रेस बाहर होती गई. लेकिन गुलाब का कांग्रेस के प्रति समर्पण कम नहीं हुआ. केंद्र में भी कांग्रेस की सियासी जमीन डोलने लगी और कितने पुराने कांग्रेसियों पार्टी से किनारा कर लिए, लेकिन गुलाब ने न ही पार्टी छोड़ी और न ही पार्टी के प्रति अपना समर्पण कम होने दिया.
प्रचार के लिए निकल जाते हैं अमेठी-रायबरेली
2004 में जब सोनिया गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ा तब गुलाब वहां पहुंच गए. वहां इनसे हाथापाई हुई, जिसके बाद सोनिया गांधी ने खुद गुलाब से मुलाकात कर उनका हाल जाना. गुलाब का कहना है कि कांग्रेस भले ही कमजोर हो गई हो. लेकिन आने वाले वक्त में वापस आएगी. पूरे देश में प्रधानमंत्री मोदी ने महंगाई बढ़ाकर जनता को परेशान कर दिया है. इसलिए अब कांग्रेस ही विकल्प है.
नंगे पांव रहने का प्रण
सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस का यह झंडाबरदार एक तरफ हाथों में झंडा थामे रहता है तो दूसरी तरफ धोती कुर्ते के साथ नंगे पांव प्रचार के लिए निकल जाता है. गुलाब के नंगे पांव रहने की भी एक कहानी है. गुलाब बताते हैं उन्होंने यह प्रण लिया है कि जब तक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं आ जाती, तब तक न ही वे जूता पहनेंगे और न ही चप्पल. नंगे पांव रहकर वे कांग्रेस के लिए भगवान से प्रार्थना करते रहेंगे.
यही वजह है कि आज भी गुलाब सोनकर बिना चप्पल और जूते के पूरे बनारस में तो घूमते ही हैं, साथ ही चुनावी समय में कांग्रेस के लिए दूर-दूर तक प्रचार के लिए भी निकल जाते हैं. बस हाथों में झंडा और धोती कुर्ता और सदरी पहनकर गुलाब कांग्रेस के प्रति अपना समर्पण बीते कई सालों से दिखा रहे हैं. जो निश्चित तौर पर आज के दलबदलू नेताओं के लिए एक बड़ी सीख है.
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