वाराणसीः जिले में बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या के साथ निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन सख्त हो गया है. बेवजह रेमडेसिविर इंजेक्शन लिखने पर दो निजी अस्पतालों को प्रशासन ने नोटिस भेजा है. साथ ही अन्य अस्पतालों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अस्पतालों की मनमानी रही तो उनके अस्पताल के लाइसेंस को भी निरस्त किया जाएगा.
मनमानी करने वाले अस्पतालों की खैर नहीं
जिलाधिकारी ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि लगातार निजी अस्पतालों की मनमानी का मामला सामने आ रहा है. यदि अब कोई भी अस्पताल निश्चित मूल्य से ज्यादा इंजेक्शन की कीमत लेता है या फिर अन्य सुविधाओं की कीमत लेता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसी के तहत बिना आवश्यकता मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लिखने पर शहर के दो निजी अस्पतालों को नोटिस जारी की गई.
इमोशन के साथ नहीं खेलें चिकित्सक
उन्होंने कहा कि यदि निजी अस्पतालों की मनमानी बढ़ी तो आगे उनके अस्पताल को बंद कराकर उनके लाइसेंस को भी निरस्त कराया जाएगा. सभी अस्पताल और डॉक्टरों को यह चेतावनी है कि वह मरीजों के इमोशन के साथ खेले नहीं, उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित न करें. यदि किसी के द्वारा ऐसा किया जाएगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.
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निजी पैथलैब में 700 रुपये में होगी कोरोना जांच
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वीबी सिंह ने बताया कि जनपद में कई निजी और सरकारी चिकित्सालयों में कोविड की जांच की जा रही है. लगातार बढ़ रहे संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए निजी पैथोलॉजी में भी कोरोना जांच की व्यवस्था को शुरू की गई है, जहां पर 700 रुपये का भुगतान करके कोरोना जांच कराया जा सकता है. इसके साथ ही निजी पैथोलॉजी से सैंपल कलेक्शन के लिए घर पर बुलाने पर 900 रुपये देना होगा. यदि कोई भी पैथलैब अपनी मनमानी करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.