वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है. प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को समय से पूरा किया जा सके इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं. इन सबके बीच यह भी बेहद जरूरी है कि इस भव्य कॉरिडोर का निर्माण आखिर हुआ तो कैसे हुआ. इसी सवाल के जवाब के लिए इस कॉरिडोर परिसर में दो म्यूजियम बनाने की प्लानिंग की गई है. इनमें एक तरफ तो बनारस की कला, संस्कृति और सभ्यता के साथ संगीत को दर्शाया जाएगा और दूसरे म्यूजियम में भव्य कॉरिडोर के तैयार होने की पूरी कहानी को बयां किया जाएगा. जानिए क्या है इस कॉरिडोर की प्लानिंग...
बनाए जाएंगे दो म्यूजियम
इस प्लानिंग के बारे में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि बनारस मैं तैयार हो रहा विश्वनाथ धाम या विश्वनाथ कॉरिडोर पूरे विश्व के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा. बस यही वजह है कि इस कॉरिडोर को भव्यतम रूप देने के साथ ही कई ऐसी बातों का भी समावेश किया जाएगा, जो अपने आप में अद्वितीय होंगी. इस वजह से यहां दो म्यूजियम बनेंगे.
एक में कला और संगीत तो दूसरे में होगा ये खास
एक म्यूजियम में बनारस की संस्कृति, सभ्यता, कला, खान-पान, संगीत से जुड़ी तमाम जानकारियां उपलब्ध होंगी. वाद्य यंत्र से लेकर तमाम बड़े कलाकारों के परिचय के साथ ही अन्य जानकारियां इस म्यूजियम में उपलब्ध हो सकेंगी. वहीं, दूसरा म्यूजियम भी बेहद महत्वपूर्ण होगा. इस म्यूजियम में विश्वनाथ धाम को तैयार करने में किस तरह की कठिनाइयां आईं, किन दिक्कतों के साथ इसे पूर्ण किया गया, क्या अनुभव रहा और किस तरह से मकानों की खरीद-फरोख्त और अन्य सारी बातें ऑडियो और वीडियो फॉर्मेट के जरिये बताई जाएंगी.
म्यूजियम में रखे जाएंगे ताले-चाबी
कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है कि दूसरे म्यूजियम में उन सभी घरों के ताले-चाबी और अन्य कागजात रखे जाएंगे, जिनकी खरीद-फरोख्त इस कॉरिडोर के निर्माण के लिए की गई है. उन्होंने बताया कि विश्वनाथ धाम तैयार करने के लिए लगभग 300 से ज्यादा घरों की खरीद-फरोख्त हुई है, इसलिए ताले-चाबी की संख्या सैकड़ों में है. 62 मंदिर सामने आए हैं, इसलिए इस म्यूजियम में इन सभी चीजों का समावेश देखने को मिलेगा.
रखे जाएंगे घरों के दस्तावेज भी
इस म्यूजियम में कॉरिडोर के लिए खरीदे गए घरों के मालिकों के तमाम कागजातों को मकान नंबर के साथ रखा जाएगा. उन तमाम घरों के कागजात भी होंगे, जिनको खरीदने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. उन मकानों की खिड़कियां दरवाजे भी होंगे, जो अपने आप में यूनिक और परंपरागत तरीके के थे. यानी कुल मिलाकर दूसरे म्यूजियम में इस पूरे कॉरिडोर निर्माण में आ रही दिक्कतों से लेकर कॉरिडोर के निर्माण के दौरान गिराए गए घरों की महत्वपूर्ण चीजों और कागजातों का समावेश किया जाएगा, ताकि यहां आने वाला हर श्रद्धालु और हर पर्यटक यह जान सके कि कितने लोगों के योगदान से इस कॉरिडोर ने भव्यतम रूप लिया.