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पकड़े गए PFI के दो सदस्य हैं, ज्ञानवापी प्रकरण के लिए लोगों को कर रहे थे एकजुट - Two members of PFI arrested

बनारस से गिरफ्तार PFI दोनों सदस्य सगे भाई है. पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ज्ञानवापी प्रकरण के लिए लोगों को एकजुट और चंदा जुटाने का काम कर रहे थे.

बनारस
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Published : Sep 24, 2022, 9:31 PM IST

वाराणसी: जनपद के आदमपुर थाना क्षेत्र से पीएफआई के कथित दो सदस्यों को एटीएस ने हिरासत में लिया है. इन सदस्यों से लगातार पूछताछ जारी है. पकड़े गए इन सदस्यों का नाम रिजवान अहमद और मोहम्मद शाहिद है, जो सगे भाई है. मूल रूप से आदमपुर थाना क्षेत्र के अनारबाग के रहने वाले रिजवान और वसीम ताने बाने (बुनकर) का काम करते है.

गुरुवार सुबह एटीएस की टीम ने इन दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. इन दोनों को शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया. अपर सिविल जज जूनियर डिविजन अलकाजी की अदालत में दोनों की पेशी हुई. जहां इन दोनों को 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है.

पकड़े गए पीएफआई के दो सदस्य

एटीएस के सोर्सेज की मानें तो इन दोनों को 2 दिन पहले वाराणसी के आदमपुर इलाके से हिरासत में लिया गया था. एनआईए की पूरे देश में चल रही कार्रवाई के क्रम में इन दोनों का नाम वाराणसी में एक्टिव पीएफआई सदस्यों के रूप में सामने आया था. जिसके बाद इन दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई.

सूत्रों की माने तो इन लोगों के पास से दो मोबाइल फोन के अलावा पीएफआई से जुड़े तमाम हैंड बिल, पंपलेट और अन्य चीजें भी बरामद हुई हैं. अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इन दोनों से प्रारंभिक पूछताछ में बहुत ऐसी बातें सामने आई हैं जो देश के माहौल को बिगाड़ने के लिए षड्यंत्र रचने के लिए तैयार की जा रही थी. इसमें ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण(Gyanvapi Shringar Gauri Case) को लेकर पीएफआई के द्वारा पहले ही नाराजगी जताए जाने के बाद अपने केस को मजबूत करने के लिए चंदा जुटाने का काम(Fundraising for PFI) इन दोनों को सौंपा गया था.

ये दोनों वाराणसी के अलावा आसपास के जिलों में भी कई लोगों से संपर्क में थे. उनके पास से बरामद मोबाइल फोन पर बहुत सी चीजें मिली हैं, जो आगे काफी कारगर साबित हो सकती हैं. इसके अतिरिक्त इनके पास से मिले मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड फोन कॉल्स की भी लंबी चौड़ी फेयर लिस्ट मिली है. जिसमें दिल्ली के अलावा कर्नाटक के बहुत से नंबर शामिल हैं. इन सभी को अलग-अलग चिड़ियों में डिजिटल दस्तावेज के रूप में तैयार करके कोर्ट के सामने आज प्रस्तुत भी किया गया है.

वहीं इनके परिजनों की माने तो दोनो भाईयो में से बड़ा भाई शाहिद बेगुनाह है, जबकि छोटा भाई रिजवान सरकार के खिलाफ होने वाले प्रोटेस्ट में शामिल हो चुका है और पहले भी हिरासत में लिया जा चुका है. पकड़े गए सदस्य के पिता अब्दुल मातिन ने बताया की एटीएस की टीम इन दोनों से पूछताछ के बाद बड़े भाई वसीम को बेगुनाह पाते हुए छोड़ने की बात कही थी. वहीं छोटे बेटे को कहां ले गई है किसी को कुछ नहीं पता.

गुरुवार को देश के विभिन्न राज्यों में एनआईए और एटीएस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए पीएफआई के सदस्यों के यहां छापेमारी कर हिरासत में लिया है. वाराणसी में पीएफआई के सदस्य को हिरासत में लिए जाने की खबर से पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ था. आरोपी के परिजन लगातार मिडिया में दावा कर रहे है की उनका एक बेटा सिर्फ 2019 में वाराणसी के बेनियाबाग में हुए एनआरसी के प्रोटेस्ट में शामिल था. इसके बाद से लगातार पुलिस टीम इससे पूछताछ के लिए आती रहती है.

यह भी पढे़ं:PFI के लिए चंदा उगाही करते थे वाराणसी में पकड़े गए युवक, कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा



वहीं, शुक्रवार को दोनों को जब कोर्ट में पेश किया गया. उस समय कुछ वकील अंदर मौजूद थे. बार एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने बातचीत करते हुए बताया कि पुलिस के द्वारा इन दोनों के खिलाफ कई साक्ष्य कोर्ट के समक्ष रखे गए हैं और दोनों ने अपना नाम स्वयं कोर्ट के सामने बताया है. पुलिस ने कोर्ट के सामने यह बात रखी है कि यह दोनों ज्ञानवापी प्रकरण में फंड जुटाने(Fund raising in Gyanvapi case) के उद्देश्य से बनारस में ईएसआई के लिए कार्य कर रहे थे. देश के साथ प्रदेश और बनारस का माहौल बिगाड़ने की साजिश रची जा रही थी. फिलहाल पुलिस इन को रिमांड पर लेने की कोशिश कर रही है. इन को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

यह भी पढे़ं:एटीएस ने मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली और गाजियाबाद में की छापेमारी, पीएफआई के चार सदस्यों को किया गिरफ्तार

वाराणसी: जनपद के आदमपुर थाना क्षेत्र से पीएफआई के कथित दो सदस्यों को एटीएस ने हिरासत में लिया है. इन सदस्यों से लगातार पूछताछ जारी है. पकड़े गए इन सदस्यों का नाम रिजवान अहमद और मोहम्मद शाहिद है, जो सगे भाई है. मूल रूप से आदमपुर थाना क्षेत्र के अनारबाग के रहने वाले रिजवान और वसीम ताने बाने (बुनकर) का काम करते है.

गुरुवार सुबह एटीएस की टीम ने इन दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. इन दोनों को शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया. अपर सिविल जज जूनियर डिविजन अलकाजी की अदालत में दोनों की पेशी हुई. जहां इन दोनों को 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है.

पकड़े गए पीएफआई के दो सदस्य

एटीएस के सोर्सेज की मानें तो इन दोनों को 2 दिन पहले वाराणसी के आदमपुर इलाके से हिरासत में लिया गया था. एनआईए की पूरे देश में चल रही कार्रवाई के क्रम में इन दोनों का नाम वाराणसी में एक्टिव पीएफआई सदस्यों के रूप में सामने आया था. जिसके बाद इन दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई.

सूत्रों की माने तो इन लोगों के पास से दो मोबाइल फोन के अलावा पीएफआई से जुड़े तमाम हैंड बिल, पंपलेट और अन्य चीजें भी बरामद हुई हैं. अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इन दोनों से प्रारंभिक पूछताछ में बहुत ऐसी बातें सामने आई हैं जो देश के माहौल को बिगाड़ने के लिए षड्यंत्र रचने के लिए तैयार की जा रही थी. इसमें ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण(Gyanvapi Shringar Gauri Case) को लेकर पीएफआई के द्वारा पहले ही नाराजगी जताए जाने के बाद अपने केस को मजबूत करने के लिए चंदा जुटाने का काम(Fundraising for PFI) इन दोनों को सौंपा गया था.

ये दोनों वाराणसी के अलावा आसपास के जिलों में भी कई लोगों से संपर्क में थे. उनके पास से बरामद मोबाइल फोन पर बहुत सी चीजें मिली हैं, जो आगे काफी कारगर साबित हो सकती हैं. इसके अतिरिक्त इनके पास से मिले मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड फोन कॉल्स की भी लंबी चौड़ी फेयर लिस्ट मिली है. जिसमें दिल्ली के अलावा कर्नाटक के बहुत से नंबर शामिल हैं. इन सभी को अलग-अलग चिड़ियों में डिजिटल दस्तावेज के रूप में तैयार करके कोर्ट के सामने आज प्रस्तुत भी किया गया है.

वहीं इनके परिजनों की माने तो दोनो भाईयो में से बड़ा भाई शाहिद बेगुनाह है, जबकि छोटा भाई रिजवान सरकार के खिलाफ होने वाले प्रोटेस्ट में शामिल हो चुका है और पहले भी हिरासत में लिया जा चुका है. पकड़े गए सदस्य के पिता अब्दुल मातिन ने बताया की एटीएस की टीम इन दोनों से पूछताछ के बाद बड़े भाई वसीम को बेगुनाह पाते हुए छोड़ने की बात कही थी. वहीं छोटे बेटे को कहां ले गई है किसी को कुछ नहीं पता.

गुरुवार को देश के विभिन्न राज्यों में एनआईए और एटीएस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए पीएफआई के सदस्यों के यहां छापेमारी कर हिरासत में लिया है. वाराणसी में पीएफआई के सदस्य को हिरासत में लिए जाने की खबर से पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ था. आरोपी के परिजन लगातार मिडिया में दावा कर रहे है की उनका एक बेटा सिर्फ 2019 में वाराणसी के बेनियाबाग में हुए एनआरसी के प्रोटेस्ट में शामिल था. इसके बाद से लगातार पुलिस टीम इससे पूछताछ के लिए आती रहती है.

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वहीं, शुक्रवार को दोनों को जब कोर्ट में पेश किया गया. उस समय कुछ वकील अंदर मौजूद थे. बार एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने बातचीत करते हुए बताया कि पुलिस के द्वारा इन दोनों के खिलाफ कई साक्ष्य कोर्ट के समक्ष रखे गए हैं और दोनों ने अपना नाम स्वयं कोर्ट के सामने बताया है. पुलिस ने कोर्ट के सामने यह बात रखी है कि यह दोनों ज्ञानवापी प्रकरण में फंड जुटाने(Fund raising in Gyanvapi case) के उद्देश्य से बनारस में ईएसआई के लिए कार्य कर रहे थे. देश के साथ प्रदेश और बनारस का माहौल बिगाड़ने की साजिश रची जा रही थी. फिलहाल पुलिस इन को रिमांड पर लेने की कोशिश कर रही है. इन को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

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