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BHU में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का होगा आयोजन, गृहमंत्री होंगे शामिल

उत्तर प्रदेश के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 17 अक्टूबर को स्कंदगुप्त विक्रमादित्य के इतिहास और स्मरण के लिए एक संगोष्ठी का आयोजन होना है. इस आयोजन में देश के गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय.
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Published : Oct 15, 2019, 12:50 AM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 17 अक्टूबर को स्कंदगुप्त विक्रमादित्य के इतिहास और स्मरण के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे. संगोष्टी का आयोजन विश्वविद्यालय के स्वातंत्रता भवन सभागार में होगा.

बीएचयू में होगी दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, गृहमंत्री होंगे शामिल.

स्कंद गुप्त के इतिहास पर होगी चर्चा
बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में दो दिवसीय आयोजित यह अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी इसलिए खास है, क्योंकि आज इतिहास में स्कंदगुप्त विक्रमादित्य को लोग भूल रहे हैं. स्कन्दगुप्त प्राचीन भारत में तीसरी से पांचवीं सदी तक शासन करने वाले गुप्त राजवंश के आठवें राजा थे. इनकी राजधानी पाटलिपुत्र थी, जो वर्तमान समय में पटना के रूप में बिहार की राजधानी है.

तीसरी से पांचवीं सदी तक रहा है गुप्त वंशजों का राज
जैसा कि 1600 साल पहले स्कन्दगुप्त ने औड़िहार से गुजरात और कश्मीर तक भारत भूमि को हूरों से मुक्त कराया था. भारत ने स्कंदगुप्त के इस कार्य के लिए इतिहास में जन समर्थन दिया.

17 और 18 अक्टूबर को भारत अध्ययन केंद्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. देश के गृहमंत्री अमित शाह उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे.
प्रो. राकेश उपाध्याय, भारत अध्ययन केंद्र, बीएचयू

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 17 अक्टूबर को स्कंदगुप्त विक्रमादित्य के इतिहास और स्मरण के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे. संगोष्टी का आयोजन विश्वविद्यालय के स्वातंत्रता भवन सभागार में होगा.

बीएचयू में होगी दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, गृहमंत्री होंगे शामिल.

स्कंद गुप्त के इतिहास पर होगी चर्चा
बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में दो दिवसीय आयोजित यह अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी इसलिए खास है, क्योंकि आज इतिहास में स्कंदगुप्त विक्रमादित्य को लोग भूल रहे हैं. स्कन्दगुप्त प्राचीन भारत में तीसरी से पांचवीं सदी तक शासन करने वाले गुप्त राजवंश के आठवें राजा थे. इनकी राजधानी पाटलिपुत्र थी, जो वर्तमान समय में पटना के रूप में बिहार की राजधानी है.

तीसरी से पांचवीं सदी तक रहा है गुप्त वंशजों का राज
जैसा कि 1600 साल पहले स्कन्दगुप्त ने औड़िहार से गुजरात और कश्मीर तक भारत भूमि को हूरों से मुक्त कराया था. भारत ने स्कंदगुप्त के इस कार्य के लिए इतिहास में जन समर्थन दिया.

17 और 18 अक्टूबर को भारत अध्ययन केंद्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. देश के गृहमंत्री अमित शाह उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे.
प्रो. राकेश उपाध्याय, भारत अध्ययन केंद्र, बीएचयू

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 17 अक्टूबर को देश के गृह मंत्री अमित शाह वीर योद्धा स्कंद गुप्त विक्रमादित्य का पुण्य स्मरण एवं भारत राष्ट्र का राजनीतिक भविष्य पर होने वाले दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे।


Body:बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में दो दिवसीय चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे इसके साथ ही यह कार्यक्रम इसलिए खास है क्योंकि आज इतिहास में स्कंद गुप्त विक्रमादित्य लोग भूल रहे हैं आज से 1600 पहले औड़िहार से गुजरात और कश्मीर तक उसके भारत भूमि को हूरों से मुक्त करा डाला। रीवा का सुप्रिया अभिलेख प्रमाण है कि भारत ने स्कंद गुप्त इस कार्य के लिए इतिहास जन समर्थन दिया।


Conclusion:कार्यक्रम के बारे में बताते हुए प्रोफेसर राकेश उपाध्याय ने बताया 17 अक्टूबर और 18 अक्टूबर को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में स्कंद गुप्त विक्रमादित्य का पुनः स्मरण और भारत राष्ट्र का राजनीति भविष्य विषय पर 2 दिन की अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। भारत अध्ययन केंद्र काशी हिंदू विश्वविद्यालय की ओर से इस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि देश के गृहमंत्री अमित शाह उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे।

बाईट :-- प्रो राकेश उपाध्याय, भारत अध्ययन केंद्र बीएचयू।
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