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बनारस के घाटों पर घूमने का बना रहे हैं प्लान तो ये खबर आपके लिए है - श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का निर्माण

वाराणसी में चल रहे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण के चलते पर्यटकों को घूमने का मौका नहीं मिल रहा है. घाटों पर पुलिस तैनात की गई है, जिससे कि कोई भी पर्यटक निर्माण साइट पर न पहुंच सके.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण के चलते पर्यटकों
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण के चलते पर्यटकों
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Published : Jun 28, 2021, 9:47 AM IST

वाराणसी: काशी आने वाला हर पर्यटक बनारस की इन चीजों से रूबरू जरूर होना चाहता है. एक तो बनारस की गलियां दूसरे गंगा मैया और तीसरे बाबा विश्वनाथ के बाद गंगा घाट. गंगा घाट बनारस की वह खूबसूरती है, जिसको हर पर्यटक अपने कैमरे में कैद जरूर करना चाहता है. कुछ लोग गंगा से तो कुछ घाटों पर चहलकदमी करते हुए 84 घाटों की श्रृंखला का आनंद लेते हैं, लेकिन इन दिनों श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण में पर्यटकों के इस आनंद को बंद कर दिया है, क्योंकि ललिता घाट पर जिस स्थान से इस कॉरिडोर की शुरुआत हो रही है उसी स्थान से अगले घाट तक जाने के रास्ते को ही बंद कर दिया गया है. जिसकी वजह से पर्यटक घाटों की लंबी श्रृंखला पर चहलकदमी नहीं कर पा रहे हैं और ना ही बनारस की इस अद्भुत छटा का आनंद ले पा रहे हैं.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण के चलते पर्यटक मायूस
ललिता घाट से बंद हुआ रास्ता

दरअसल बनारस को घाटों की लंबी श्रृंखला के लिए जाना जाता है. रविदास घाट से लेकर भैसासुर घाट 84 घाटों कि इस लंबी श्रंखला के लिए बनारस आने वाला हर पर्यटक मन में कई विचार लेकर आता है. पर्यटकों की इच्छा होती है कि इन घाटों पर टहलते हुए बनारस के पुरातन इतिहास को जानने का मौका मिल जाए. यही वजह है कि पैदल ही घाटों पर टहल कर हर पर्यटक इसका आनंद लेता है, लेकिन इन दिनों पर्यटकों की इस इच्छा पर ग्रहण लग गया है. इसकी बड़ी वजह यह है कि ललिता घाट पर विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण का कार्य चल रहा है. इसी स्थान से कॉरिडोर की शुरुआत होनी है और यहां पर घाट को बंद कर दिया गया है.

टूट गई घाटों की कनेक्टिविटी

इस वजह से एक घाट से दूसरे घाट की कनेक्टिविटी टूट गई है और पर्यटक मायूस हो रहे हैं. हालात यह हैं कि इस घाट पर पुलिस की लंबी चौड़ी तैनाती है. 24 घंटे पुलिस यहां पर तैनात रहती है और इस ओर से आगे बढ़ने वाले पर्यटकों को रास्ते में ही रोक दिया जा रहा है, जिसकी वजह से हर कोई मायूस है.


पर्यटकों में है मायूसी

पर्यटकों का कहना है कि बनारस आने के बाद गंगा घाटों पर अगर नहीं घूमे तो बनारस का मजा ही नहीं ले पाते हैं, लेकिन कॉरिडोर की वजह से बनारस के घाटों की अद्भुत छटा देख ना पाने का मलाल दिल में जरूर रह जा रहा है. वहीं बनारस के घाटों पर घूम कर अपनी जीविका चलाने वाले भी मायूस हैं, क्योंकि यह घाट दूसरे घाट ना जा पाने की वजह से इन लोगों के सामने भी संकट पैदा होता दिखाई दे रहा है.



साहब का दावा नहीं बंद है कोई रास्ता

हालांकि इस बारे में जब काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा से बातचीत की गई तो उनका कहना था निर्माण कार्य में सावधानी की वजह से लोगों को घाट पर जाने से रोका जा रहा है. आधिकारिक तौर पर कोई घाट बंद नहीं किया गया है, न ही कनेक्टिविटी रोकी गई है, लेकिन इन सबके बीच सवाल यह उठता है कि अगर अधिकारिक तौर पर घाटों पर किसी को जाने से नहीं रोका जा रहा है तो फिर ललिता घाट पर इतना पुलिस बल क्यों तैनात है और क्या वजह है कि लोग एक गांव से दूसरे घाट तक नहीं जा पा रहे हैं. इसलिए यह जरूरी है कि घाट की सुंदरता को निहारने के लिए आने वाले पर्यटकों को इस व्यवस्था से वंचित ना किया जाए. जिससे कि काशी की सुंदरता निहार कर पर्यटक भी अपने आप को संतुष्ट कर सकें.

वाराणसी: काशी आने वाला हर पर्यटक बनारस की इन चीजों से रूबरू जरूर होना चाहता है. एक तो बनारस की गलियां दूसरे गंगा मैया और तीसरे बाबा विश्वनाथ के बाद गंगा घाट. गंगा घाट बनारस की वह खूबसूरती है, जिसको हर पर्यटक अपने कैमरे में कैद जरूर करना चाहता है. कुछ लोग गंगा से तो कुछ घाटों पर चहलकदमी करते हुए 84 घाटों की श्रृंखला का आनंद लेते हैं, लेकिन इन दिनों श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण में पर्यटकों के इस आनंद को बंद कर दिया है, क्योंकि ललिता घाट पर जिस स्थान से इस कॉरिडोर की शुरुआत हो रही है उसी स्थान से अगले घाट तक जाने के रास्ते को ही बंद कर दिया गया है. जिसकी वजह से पर्यटक घाटों की लंबी श्रृंखला पर चहलकदमी नहीं कर पा रहे हैं और ना ही बनारस की इस अद्भुत छटा का आनंद ले पा रहे हैं.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण के चलते पर्यटक मायूस
ललिता घाट से बंद हुआ रास्ता

दरअसल बनारस को घाटों की लंबी श्रृंखला के लिए जाना जाता है. रविदास घाट से लेकर भैसासुर घाट 84 घाटों कि इस लंबी श्रंखला के लिए बनारस आने वाला हर पर्यटक मन में कई विचार लेकर आता है. पर्यटकों की इच्छा होती है कि इन घाटों पर टहलते हुए बनारस के पुरातन इतिहास को जानने का मौका मिल जाए. यही वजह है कि पैदल ही घाटों पर टहल कर हर पर्यटक इसका आनंद लेता है, लेकिन इन दिनों पर्यटकों की इस इच्छा पर ग्रहण लग गया है. इसकी बड़ी वजह यह है कि ललिता घाट पर विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण का कार्य चल रहा है. इसी स्थान से कॉरिडोर की शुरुआत होनी है और यहां पर घाट को बंद कर दिया गया है.

टूट गई घाटों की कनेक्टिविटी

इस वजह से एक घाट से दूसरे घाट की कनेक्टिविटी टूट गई है और पर्यटक मायूस हो रहे हैं. हालात यह हैं कि इस घाट पर पुलिस की लंबी चौड़ी तैनाती है. 24 घंटे पुलिस यहां पर तैनात रहती है और इस ओर से आगे बढ़ने वाले पर्यटकों को रास्ते में ही रोक दिया जा रहा है, जिसकी वजह से हर कोई मायूस है.


पर्यटकों में है मायूसी

पर्यटकों का कहना है कि बनारस आने के बाद गंगा घाटों पर अगर नहीं घूमे तो बनारस का मजा ही नहीं ले पाते हैं, लेकिन कॉरिडोर की वजह से बनारस के घाटों की अद्भुत छटा देख ना पाने का मलाल दिल में जरूर रह जा रहा है. वहीं बनारस के घाटों पर घूम कर अपनी जीविका चलाने वाले भी मायूस हैं, क्योंकि यह घाट दूसरे घाट ना जा पाने की वजह से इन लोगों के सामने भी संकट पैदा होता दिखाई दे रहा है.



साहब का दावा नहीं बंद है कोई रास्ता

हालांकि इस बारे में जब काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा से बातचीत की गई तो उनका कहना था निर्माण कार्य में सावधानी की वजह से लोगों को घाट पर जाने से रोका जा रहा है. आधिकारिक तौर पर कोई घाट बंद नहीं किया गया है, न ही कनेक्टिविटी रोकी गई है, लेकिन इन सबके बीच सवाल यह उठता है कि अगर अधिकारिक तौर पर घाटों पर किसी को जाने से नहीं रोका जा रहा है तो फिर ललिता घाट पर इतना पुलिस बल क्यों तैनात है और क्या वजह है कि लोग एक गांव से दूसरे घाट तक नहीं जा पा रहे हैं. इसलिए यह जरूरी है कि घाट की सुंदरता को निहारने के लिए आने वाले पर्यटकों को इस व्यवस्था से वंचित ना किया जाए. जिससे कि काशी की सुंदरता निहार कर पर्यटक भी अपने आप को संतुष्ट कर सकें.

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