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महाकुंभ से पहले गंगा-युमना के जल की शुद्धता पर सुनवाई, NGT कोर्ट ने आदेश किया सुरक्षित - MAHAKUMBH 2025

कोर्ट ने कहा-मेला शुरू होने से पहले पानी होना चाहिए नहाने और आचमन योग्य.

गंगा-यमुना में प्रदषण पर एनजीटी कोर्ट ने सुरक्षित किया आदेश.
गंगा-यमुना में प्रदषण पर एनजीटी कोर्ट ने सुरक्षित किया आदेश. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 23, 2024, 4:32 PM IST

वाराणसी : प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान गंगा-यमुना में बिना शोधित पानी को जाने से रोकने के लिए दायर याचिका पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण, प्रधान पीठ, चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव एवं विशेषज्ञ सदस्य डा. ए. सेंथिल वेल की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता सह अधिवक्ता सौरभ तिवारी एवं राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद एनजीटी ने आदेश सुरक्षित रख लिया है.

गंगा-यमुना में प्रदषण पर एनजीटी कोर्ट ने सुरक्षित किया आदेश. (Video Credit; ETV Bharat)

इस बारे में याचिकाकर्ता और वरिष्ठ एडवोकेट सौरभ तिवारी ने बताया कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना में अनट्रीटेड सीवरेज वाटर को गिरने से रोकने के लिए कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई है. बताया कि इस दौरान एनजीटी कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है. लास्ट सुनवाई जो 16 दिसंबर को हुई थी, उसमें मुजे कहा था कि कोई ऑब्जेक्शन अगर फाइल करना हो तो कर सकते हैं. इसलिए मैंने 21 दिसंबर को एक रिपोर्ट फाइल की थी. जिसमें मैंने तीन लोकेशन दारागंज, महदौली और गंगापुरी रसूलाबाद की असलियत और वर्तमान हालत की तस्वीरों, वीडियो और रिपोर्ट कोर्ट में पेश किए हैं. इनमें से दो जगह पर तो वॉटर डिस्चार्ज बहुत ज्यादा था. जिसका वीडियो फोटो मैंने कोर्ट में दायर किया है. जबकि तीसरी जगह पर यहां पर पानी का डायवर्जन था और सुबह शाम यहां पर ज्यादा डिस्चार्ज होता है. इन सभी चीजों को फोटो में रिकॉर्ड किया और कोर्ट के समक्ष रखा है.

बताया कि कोर्ट ने सब कुछ देखने के बाद सरकार से पूछा कि क्या हालत है वर्तमान में. जिस पर उनके वकील द्वारा कहा गया कि जिस लोकेशन पर डिस्चार्ज हो रहा है, उस पर हम काम कर रहे हैं. यह प्रक्रिया जारी है. स्टेट गवर्नमेंट के एडिशनल एडवोकेट जनरल ने कहा कि हम 30 बीओडी के नीचे डिस्चार्ज रखेंगे. जिसपर कोर्ट ने कहा कि डिफरेंट एजेंसीज से इसकी निगरानी करवाईये, ताकि डिफरेंट क्वालिटी पर चींजे साफ हों. कोर्ट ने यह भी कहा कि जो लोग कुंभ में फ्लोटिंग पापुलेशन के रूप में आएंगे, वह तो चले जाएंगे लेकिन जो लोग वहां रहेंगे, कल्पवास करेंगे, उनकी प्रॉब्लम को ध्यान में रखें. उनकी हेल्थ का ध्यान रखा जाए. कोर्ट ने यह भी पूछा है कि पोस्ट मेला मैनेजमेंट में गंदगी के निस्तारण का क्या प्लान है, लेकिन अभी भी पानी आचमन योग्य नहीं है. इसलिए कोर्ट ने कहा है कि उम्मीद है कि मेला शुरु होने से पहले पानी नहाने और आचमन योग्य होगा. फिलहाल कोर्ट में आदेश सुरक्षित कर लिया है.

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