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बनारस में पर्यटकों के मायूस होने की क्या है वजह, जानने के लिए पढ़ें

उत्तर प्रदेश के काशी में दूर-दूर से आए पर्यटकों को इस समय निराश होना पड़ रहा है. दरअसल भारी बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने गंगा में नावों का संचालन बंद कर दिया है. इसी वजह से पर्यटकों में काफी निराशा देखी जा रही है.

बनारस में मायूस हो रहे हैं पर्यटक.
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Published : Sep 29, 2019, 2:45 PM IST

वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की अनोखी नगरी काशी को देखने के लिए सात समंदर पार से पर्यटक आते हैं. प्राचीन शहर दूर-दूर से आए पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. वहीं पर्यटक भी गंगा रम्य तट पर अर्ध चंद्राकर बसे शहर की छटा मां गंगा की गोद में बैठकर निहारते हैं.

बनारस में मायूस दिख रहे हैं पर्यटक.

बाढ़ के चलते निराश दिख रहे हैं पर्यटक
विश्व सहित भारत के कोने- कोने से पर्यटक मंदिर गली और घाटों के शहर को देखने आते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण देश-विदेश से आने वाले लोगों को मायूस होना पड़ा है. क्योंकि न ही वे पैदल घाट घूम पा रहे हैं और साथ ही साथ नाव संचालन बंद होने के कारण पर्यटकों को मायूसी का सामना करना पड़ा रहा है. खिड़कियां घाट से लेकर अस्सी घाट तक सारे घाट जलमग्न हैं.


ये भी पढ़ें:-मन की बात में PM मोदी की अपील- सिंगल यूज प्लॉस्टिक बैन अभियान का हिस्सा बनें

हमने काशी के बारे में सुना था बहुत ही अच्छा और बहुत ही सुंदर स्थान है. यहां हमने बहुत जगह घूमा, लेकिन हम घाटों को नहीं घूम पाए, क्योंकि जब हम यहां पहुंचे तो हमें पता चला कि यहां पर पानी ज्यादा बढ़ने के कारण बोटिंग बंद है.
सोनिया, पर्यटक

हम लोग काशी घूमने आए. ऐसे में जब हमें यहां पता चला कि यहां गंगा बढ़ी हैं, जो हमारे लिए नुकसानदायक है. इसलिए यहां पर बोटिंग बंद है. हमने बाकी स्थान तो घूम लिए, लेकिन वोटिंग नहीं कर पाए. हम दूसरी बार आएंगे तो जरूर बोटिंग करेंगे.
रोफॉर, जर्मनी पर्यटक

वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की अनोखी नगरी काशी को देखने के लिए सात समंदर पार से पर्यटक आते हैं. प्राचीन शहर दूर-दूर से आए पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. वहीं पर्यटक भी गंगा रम्य तट पर अर्ध चंद्राकर बसे शहर की छटा मां गंगा की गोद में बैठकर निहारते हैं.

बनारस में मायूस दिख रहे हैं पर्यटक.

बाढ़ के चलते निराश दिख रहे हैं पर्यटक
विश्व सहित भारत के कोने- कोने से पर्यटक मंदिर गली और घाटों के शहर को देखने आते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण देश-विदेश से आने वाले लोगों को मायूस होना पड़ा है. क्योंकि न ही वे पैदल घाट घूम पा रहे हैं और साथ ही साथ नाव संचालन बंद होने के कारण पर्यटकों को मायूसी का सामना करना पड़ा रहा है. खिड़कियां घाट से लेकर अस्सी घाट तक सारे घाट जलमग्न हैं.


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हमने काशी के बारे में सुना था बहुत ही अच्छा और बहुत ही सुंदर स्थान है. यहां हमने बहुत जगह घूमा, लेकिन हम घाटों को नहीं घूम पाए, क्योंकि जब हम यहां पहुंचे तो हमें पता चला कि यहां पर पानी ज्यादा बढ़ने के कारण बोटिंग बंद है.
सोनिया, पर्यटक

हम लोग काशी घूमने आए. ऐसे में जब हमें यहां पता चला कि यहां गंगा बढ़ी हैं, जो हमारे लिए नुकसानदायक है. इसलिए यहां पर बोटिंग बंद है. हमने बाकी स्थान तो घूम लिए, लेकिन वोटिंग नहीं कर पाए. हम दूसरी बार आएंगे तो जरूर बोटिंग करेंगे.
रोफॉर, जर्मनी पर्यटक

Intro:विश्व पर्यटन दिवस विशेष। बाबा विश्वनाथ की अनोखी नगरी काशी को देखने के लिए सात समंदर पार से पर्यटक आते हैं प्राचीन शहर दूर दूर के पर्यटक अपनी और आकर्षित करता है। गंगा रम्य तट पर अर्ध चंद्राकर बसा शहर की छटा निहारने ने के लिए मां गंगा गोद मे बैठ कर लोग आनन्द लेते है। ऐसे में मां गंगा लगातार बढ़ते जल स्तर कारण घाट के आसपास क्षेत्र पूरी तरह डूब चुका है प्रशासन द्वारा नौका विहार रोक लगा दिया गया है।


Body:विश्व सहित भारत के कोने कोने से पर्यटक मंदिर गली और घाटों के शहर को देखने आते हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण देश-विदेश से आने वाले लोगों को मायूस होना पड़ा क्योंकि ना ही वह पैदल घाट घूम पा रहे हैं और नाव संचालन बन्द होने के कारण कोकुम मायूसी का सामना करना पड़ा रहा है। विश्व पर्यटन दिवस काशी आने वाले पर्यटक काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। बात करें तो बनारस के जितने भी घाट हैं खिड़कियां घाट से लेकर अस्सी घाट तक सारे घाट जलमग्न है।


Conclusion:पर्यटक सोनिया :- हमने काशी के बारे में सुना था बहुत ही अच्छा और बहुत ही सुंदर स्थान है यह हमने यहां बहुत जनों घुमा लेकिन हम घाटों को नहीं घूम पाए क्योंकि जब हम यहां पहुंचे तो हमें पता चला कि यहां पर पानी ज्यादा बढ़ने के कारण वोटिंग बंद है। बाईट :-- सोनिया,जर्मनी,पर्यटक। रोफॉर ने बताया कि हम लोग काशी घूमने आए ऐसे में जब हमें यहां पता चला कि यहां गंगा बड़ी है जो हमारे लिए नुकसानदायक है इसलिए यहां पर वोटिंग बंद है हम बाकी स्थानों को तो घूम लिया लेकिन वोटिंग नहीं कर पाए हम दूसरी बार आएंगे तो जरूर वोटिंग करेंगे। बाईट :- रोफॉर,जर्मनी,पर्यटक अशुतोष उपध्याय 9005099684
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