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वाराणसी: पंचकोशी यात्रा के अंतिम पड़ाव कपिलधारा में सुविधाएं नदारद

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Published : Oct 12, 2020, 12:33 AM IST

यूपी के वाराणसी के कपिलधारा में पंचकोशी यात्रा का अंतिम पड़ाव है. लेकिन कपिलधारा की ज्यादातर धर्मशालाओं पर दबंगों का कब्जा हैं. इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

वाराणसी में पंचकोशी यात्रा.
वाराणसी में पंचकोशी यात्रा.

वाराणसी: धर्म की नगरी वाराणसी में यात्रियों के विश्राम के लिए राजाओं और ट्रस्टियों ने कई धर्मशालाएं बनवाई थीं. इनमें से ज्यादातर धर्मशालाओं पर दबंग अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं. बाकी धर्मशालाओं में गंदगी का अंबार है. बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन मूक दर्शन बना हुआ है. इससे पंचकोशी यात्रा करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

वाराणसी में पंचकोशी यात्रा.

बता दें कि हिन्दू समुदाय के लोग अधिमास (मलमास) में पंचकोशी यात्रा करते हैं. पंचकोशी यात्रा कंदवा, भीमचण्डी, रामेश्वर, शिवपुर होते हुए यात्रा के अंतिम पड़ाव कपिलधारा पर जाकर खत्म होती है. जहां यात्री विश्राम करते हैं. लेकिन यहां की कई धर्मशालाओं में दबंगों का कब्जा है. यहां के पुजारी गोपाला गिरी का कहना है कि यहां पर कुल 14 धर्मशालाएं हैं. इनमें से गेट नंबर 1 पर ताला लगा हुआ है और कुछ धर्मशालाओं पर दबंगों का कब्जा है. बाकी धर्मशाला खुले तो हैं, लेकिन उनमें गंदगी का अंबार लगा है.

वाराणसी में पंचकोशी यात्रा.
कपिलधारा में श्रद्धालुओं को नहीं मिल रही सुविधाएं.

स्थानीय विनोद पाठक का कहना है कि भू-माफियाओं ने धर्मशाला पर कब्जा कर रखा है. भू-माफिया खुद को धर्मशाला का ट्रस्टी बताते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने धर्मशाला की रजिस्ट्री करायी हैं, इसलिए यहां ताला लगा है. विनोद ने बताया कि एक दो धर्मशालाएं खुली भी हैं तो वहां पर बहुत गंदगी फैली है. धर्मशाला में साफ-सफाई का बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता है.

धर्मशाला में रुके यात्रियों का कहना है कि यहां न तो बिजली है न ही साफ सफाई की व्यवस्था. यहां का रखरखाव भी बहुत ही खराब है. लोगों का कहना है कि यहां सफाई करने के लिए सफाईकर्मी भी नियुक्त है, लेकिन वो नियमित रूप से काम पर नहीं आते है.

मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि शहरी क्षेत्र के धर्मशालाओं की निगरानी नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र की धर्मशालाओं के देखरेख की जिम्मेदारी सदर तहसील को दी गई है. इसके लिए सभी धर्मशाला में ताला बंद कर उनकी चाबी तहसील में जमा कराई जा रही है. हालांकि कब्जा जमाए लोग प्रशासन के इस अभियान में आड़े आ रहे हैं. ऐसे में धर्मशाला से कब्जा हटाना भी बड़ी चुनौती बनी है.

वाराणसी: धर्म की नगरी वाराणसी में यात्रियों के विश्राम के लिए राजाओं और ट्रस्टियों ने कई धर्मशालाएं बनवाई थीं. इनमें से ज्यादातर धर्मशालाओं पर दबंग अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं. बाकी धर्मशालाओं में गंदगी का अंबार है. बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन मूक दर्शन बना हुआ है. इससे पंचकोशी यात्रा करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

वाराणसी में पंचकोशी यात्रा.

बता दें कि हिन्दू समुदाय के लोग अधिमास (मलमास) में पंचकोशी यात्रा करते हैं. पंचकोशी यात्रा कंदवा, भीमचण्डी, रामेश्वर, शिवपुर होते हुए यात्रा के अंतिम पड़ाव कपिलधारा पर जाकर खत्म होती है. जहां यात्री विश्राम करते हैं. लेकिन यहां की कई धर्मशालाओं में दबंगों का कब्जा है. यहां के पुजारी गोपाला गिरी का कहना है कि यहां पर कुल 14 धर्मशालाएं हैं. इनमें से गेट नंबर 1 पर ताला लगा हुआ है और कुछ धर्मशालाओं पर दबंगों का कब्जा है. बाकी धर्मशाला खुले तो हैं, लेकिन उनमें गंदगी का अंबार लगा है.

वाराणसी में पंचकोशी यात्रा.
कपिलधारा में श्रद्धालुओं को नहीं मिल रही सुविधाएं.

स्थानीय विनोद पाठक का कहना है कि भू-माफियाओं ने धर्मशाला पर कब्जा कर रखा है. भू-माफिया खुद को धर्मशाला का ट्रस्टी बताते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने धर्मशाला की रजिस्ट्री करायी हैं, इसलिए यहां ताला लगा है. विनोद ने बताया कि एक दो धर्मशालाएं खुली भी हैं तो वहां पर बहुत गंदगी फैली है. धर्मशाला में साफ-सफाई का बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता है.

धर्मशाला में रुके यात्रियों का कहना है कि यहां न तो बिजली है न ही साफ सफाई की व्यवस्था. यहां का रखरखाव भी बहुत ही खराब है. लोगों का कहना है कि यहां सफाई करने के लिए सफाईकर्मी भी नियुक्त है, लेकिन वो नियमित रूप से काम पर नहीं आते है.

मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि शहरी क्षेत्र के धर्मशालाओं की निगरानी नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र की धर्मशालाओं के देखरेख की जिम्मेदारी सदर तहसील को दी गई है. इसके लिए सभी धर्मशाला में ताला बंद कर उनकी चाबी तहसील में जमा कराई जा रही है. हालांकि कब्जा जमाए लोग प्रशासन के इस अभियान में आड़े आ रहे हैं. ऐसे में धर्मशाला से कब्जा हटाना भी बड़ी चुनौती बनी है.

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