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मकर संक्रांति : काशी के घाटों पर उमड़ा आस्था का हुजूम, श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

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Published : Jan 15, 2020, 9:24 AM IST

आज पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है. मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु पूजा पाठ करने में जुट गए हैं.

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मकर संक्रांति पर काशी के घाटों पर उमड़ा आस्था का हुजूम.

वाराणसी: पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मकर संक्रांति का पावन पर्व मनाया जा रहा है. धर्मनगरी काशी में मकर संक्रांति के पर्व पर गंगा घाट पर स्नान के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ा. सूर्योदय से पहले ही बड़ी संख्या में भक्तों ने गंगा में डुबकी लगाने की शुरुआत कर दी. ठंड और कोहरे के बाद भी लोगों की आस्था में कोई कमी नहीं दिखी.

काशी के घाटों पर उमड़ा आस्था का हुजूम.

ऐसी मान्यता है कि आज के ही पावन पर्व पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसके चलते सूर्य से निकलने वाली अद्भुत आभा जब श्रद्धालुओं पर पड़ती है तो उनमें नई ऊर्जा का संचार होता है और आज के ही दिन सूर्य उत्तरायण भी होते हैं क्योंकि जब खरमास की शुरुआत होती है, तो सूर्य दक्षिणायन होते हैं और सभी शुभ कार्य रुक जाते हैं, लेकिन आज सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही सभी शुभ कार्यों की शुरुआत भी हो जाती है.

इसे भी पढ़ें- 16 फरवरी को वाराणसी आ सकते हैं PM मोदी, इस कार्यक्रम में लेंगे हिस्सा

यही वजह है कि मकर संक्रांति पर्व को उत्तरायणी पर्व के नाम से भी जाना जाता है. वाराणसी के गंगा घाटों पर गुरुवार सुबह से ही हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ गंगा स्नान करने के बाद दान पुण्य करने में जुटी हुई है. गुड़, तिल, नया अनाज और चीनी गुड़ की पट्टी दान करने का महत्व माना जाता है.

वाराणसी: पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मकर संक्रांति का पावन पर्व मनाया जा रहा है. धर्मनगरी काशी में मकर संक्रांति के पर्व पर गंगा घाट पर स्नान के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ा. सूर्योदय से पहले ही बड़ी संख्या में भक्तों ने गंगा में डुबकी लगाने की शुरुआत कर दी. ठंड और कोहरे के बाद भी लोगों की आस्था में कोई कमी नहीं दिखी.

काशी के घाटों पर उमड़ा आस्था का हुजूम.

ऐसी मान्यता है कि आज के ही पावन पर्व पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसके चलते सूर्य से निकलने वाली अद्भुत आभा जब श्रद्धालुओं पर पड़ती है तो उनमें नई ऊर्जा का संचार होता है और आज के ही दिन सूर्य उत्तरायण भी होते हैं क्योंकि जब खरमास की शुरुआत होती है, तो सूर्य दक्षिणायन होते हैं और सभी शुभ कार्य रुक जाते हैं, लेकिन आज सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही सभी शुभ कार्यों की शुरुआत भी हो जाती है.

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यही वजह है कि मकर संक्रांति पर्व को उत्तरायणी पर्व के नाम से भी जाना जाता है. वाराणसी के गंगा घाटों पर गुरुवार सुबह से ही हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ गंगा स्नान करने के बाद दान पुण्य करने में जुटी हुई है. गुड़, तिल, नया अनाज और चीनी गुड़ की पट्टी दान करने का महत्व माना जाता है.

Intro:वाराणसी: आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मकर संक्रांति के पावन पर्व मनाया जा रहा है और धर्म नगरी काशी में हुए मकर संक्रांति के पर्व पर गंगा घाट पर गंगा स्नान के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ा है. सूर्योदय के पहले से ही बड़ी संख्या में भक्तों ने गंगा किनारे पहुंचकर मां गंगा में डुबकी लगाने की शुरुआत कर दी थी. सबसे बड़ी बात यह है कि ठंड और कोहरे के बाद भी वाराणसी में लोगों की आस्था जरा सी भी डगमगाती नहीं दिख रही है और लगातार संक्रांति का स्नान जारी है.


Body:वीओ-01 ऐसी मान्यता है कि आज के ही पावन पर्व पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं. जिसके चलते सूर्य से निकलने वाली अद्भुत आभा जब श्रद्धालुओं पर पड़ती है तो उनमें नई ऊर्जा का संचार होता है और आज के ही दिन सूर्य उत्तरायण भी होते हैं क्योंकि जब खरमास की शुरुआत होती है, तो सूर्य दक्षिणायन होते हैं और सभी शुभ कार्य रुक जाते हैं लेकिन आज सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही सभी शुभ कार्यों की शुरुआत भी हो जाती है.


Conclusion:वीओ-02 यही वजह है कि इस पर्व को उत्तरायणी पर्व के नाम से भी जाना जाता है वाराणसी के गंगा घाटों पर आज सुबह से ही हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ गंगा स्नान करने के बाद दान पुण्य करने में जुटी हुई है. आज के दिन गुड़ तिल नया अनाज और चीनी गुड़ की पट्टी दान करने का महत्व माना जाता है. सबसे ज्यादा महत्व खिचड़ी दान करके उसे खाने का शास्त्रों में बताया गया है जिससे आरोग्यता और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है.

बाईट- वासुदेव, तीर्थ पुरोहित
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