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आईआईटी बीएचयू में अस्थाई कर्मचारी बैठे धरने पर - मांगों को लेकर धरना

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी बीएचयू में नॉन टीचिंग कर्मचारी सुबह होते ही, डायरेक्टर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए. करीब 200 की संख्या में धरने पर बैठे कर्मचारियों ने, आईआईटी बीएचयू प्रशासन और डायरेक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. धरने पर बैठे कर्मचारी प्रोफेसर वाइसी शर्मा को तत्काल बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं.

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आईआईटी बीएचयू में धरने पर अस्थायी कर्मचारी
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Published : Feb 24, 2020, 4:23 PM IST

वाराणसी: आईआईटी बीएचयू नॉन स्टॉप कर्मचारियों की मांग है ,कि प्रोफेसर वाइसी शर्मा को तत्काल बर्खास्त किया जाए. धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है, कि कर्मचारी संबंधित आवास और प्रमोशन पॉलिसी में अब तक जो भी कार्य हुए हैं, उन सभी से उनको अवगत कराया जाए. साथ ही अस्थाई फोरम को बहाल किया जाए. इसके अलावा कर्मचारियों को एनओसी नियमानुसार दी जाय.

वाराणसी: आईआईटी बीएचयू में अस्थाई कर्मचारी धरने पर बैठे

'मृतक पिंटू के दोषियों को मिले सजा'

धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है, कि मृतक स्टाफ पिंटू कुमार का जो भी पत्र है, उसकी जांच करायी जाए, और दोषियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई हो. आपको बता दें, कि पिंटू कुमार नामक आईआईटी बीएचयू कर्मचारी ने भेलूपुर थाना अंतर्गत खोजवा बाजार में फांसी लगाकर जान दे दी थी।

धरने पर बैठे गोपाल यादव का कहना है, कि उनकी बातें नहीं सुनी जा रही है. मृतक पिंटू कुमार ने कई बार चिट्ठी लिखा अपने ट्रांसफर के लिए. उसने मेडिकल रिपोर्ट तक लगायी थी, तब भी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद उसने शिवरात्रि के दिन फांसी लगाकर जान दे दी. हैरानी की बात तो ये है, कि पोस्टमार्टम ऑफिस के सूचना देने के बाद भी बीएचयू से कोई वहां नहीं पहुंचा. आगे वो कहते हैं, कि उनकी यही मांग है कि मृतक पिंटू के दोषियों को सजा दी जाए. साथ ही उनके पत्रों की जांच के साथ-साथ उनके यूनियन फोरम को बहाल किया जाए.

वाराणसी: आईआईटी बीएचयू नॉन स्टॉप कर्मचारियों की मांग है ,कि प्रोफेसर वाइसी शर्मा को तत्काल बर्खास्त किया जाए. धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है, कि कर्मचारी संबंधित आवास और प्रमोशन पॉलिसी में अब तक जो भी कार्य हुए हैं, उन सभी से उनको अवगत कराया जाए. साथ ही अस्थाई फोरम को बहाल किया जाए. इसके अलावा कर्मचारियों को एनओसी नियमानुसार दी जाय.

वाराणसी: आईआईटी बीएचयू में अस्थाई कर्मचारी धरने पर बैठे

'मृतक पिंटू के दोषियों को मिले सजा'

धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है, कि मृतक स्टाफ पिंटू कुमार का जो भी पत्र है, उसकी जांच करायी जाए, और दोषियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई हो. आपको बता दें, कि पिंटू कुमार नामक आईआईटी बीएचयू कर्मचारी ने भेलूपुर थाना अंतर्गत खोजवा बाजार में फांसी लगाकर जान दे दी थी।

धरने पर बैठे गोपाल यादव का कहना है, कि उनकी बातें नहीं सुनी जा रही है. मृतक पिंटू कुमार ने कई बार चिट्ठी लिखा अपने ट्रांसफर के लिए. उसने मेडिकल रिपोर्ट तक लगायी थी, तब भी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद उसने शिवरात्रि के दिन फांसी लगाकर जान दे दी. हैरानी की बात तो ये है, कि पोस्टमार्टम ऑफिस के सूचना देने के बाद भी बीएचयू से कोई वहां नहीं पहुंचा. आगे वो कहते हैं, कि उनकी यही मांग है कि मृतक पिंटू के दोषियों को सजा दी जाए. साथ ही उनके पत्रों की जांच के साथ-साथ उनके यूनियन फोरम को बहाल किया जाए.

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