वाराणसी: काशी तीन दिनों तक इंटरनेशनल टेंपल कन्वेंशन एंड एक्सपो का आयोजन देश के मंदिरों के लिए एक मील का पत्थर साबित होने जा रहा है. इसकी बड़ी वजह है कि एक तरफ जहां अपने आप में संपन्न और पूरी तरह से तैयार बड़े मंदिर समाज सेवा के साथ लोगों की मदद के लिए आगे आते हैं, तो अब उन छोटे मंदिरों को भी स्थापित करने का काम होगा जो गांव-गांव या गलियों में हैं. इसे लेकर 3 दिनों के मंथन के बाद कई ऐसे मुद्दे सामने आए हैं, जिसके जरिए अब मंदिरों को एक साथ जोड़ने के अलावा पब्लिक की चढ़ावे के पैसे का इस्तेमाल पब्लिक के ऊपर ही करने की सहमति बनी है. जिसमें देश के बड़े मंदिरों ने हाथ आगे बढ़ाया है.
टेंपल कनेक्ट के चेयरमैन श्रीप्रसाद लाड और संयोजक और संस्थापक गिरीश कुलकर्णी ने अंतिम दिन मीडिया से बातचात करते हुए बताया कि 'हमारे इस आयोजन के जरिए 97 देशों के 9782 मंदिरों को कनेक्ट किया गया है. आगे हम 23 लाख मंदिरों को जोड़ने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. उत्तर भारत से अकेले 84 से ज्यादा मंदिरों को हम इस आयोजन के जरिए एक दूसरे से कनेक्ट करने का काम कर रहे हैं'.
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टेंपल कनेक्ट के चेयरमैन ने बताया कि 'हमने इस कार्यक्रम के जरिए यह निष्कर्ष निकाला है कि जो भी पर्यटन स्थल जैसे गोवा है. वहां पर लोग सिर्फ मौज मस्ती के लिए जाते हैं. जबकि, ऐसा 500 से ज्यादा मंदिरों का पूरा एक समूह है, जो गोवा में पुरातन समय से स्थापित है. इसलिए गोवा सरकार हमारे साथ मिलकर अब मंदिरों के जरिए एक पर्यटन को नई ऊंचाइयां गोवा में देने की तैयारी कर रही है. इसके अलावा दक्षिण भारत के मंदिरों को भी हम अपने प्लान के जरिए कनेक्ट करने और दक्षिण और उत्तर को जोड़कर एक मंदिरों के जरिए टूरिस्ट प्लान तैयार करने का काम करने जा रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार ने भी जल्द ही इस तरह का आयोजन अपने राज्य और मुंबई में अलग से करने के लिए हमें आमंत्रित किया है. असम समेत कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी हमसे संपर्क किया है'.
प्रसाद लाड ने बताया, 'हमारा मानना है कि हम मंदिरों के जरिए वह सारे काम कर सके जिसके लिए उम्मीद भरी निगाहों से आम आदमी मंदिरों की तरफ देखता है. यानी भगवान के पास आता है भगवान के सामने वह अपनी इच्छाएं रखता है और उन्हें पूरा करने का काम भी भगवान के तौर पर हम सभी का है. इसलिए जैसे यूपीएससी की तैयारी करवाने से लेकर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के अलावा मंदिर में भोजन की व्यवस्था से लेकर जरूरतमंदों के लिए पढ़ाई और मेडिकल की सुविधा उपलब्ध करवाना और अन्य कार्य करने के साथ सामाजिक सरोकार से जुड़ने के लिए बड़े मंदिरों ने हामी भरी है. सबसे बड़ी बात यह है कि हमने इस आयोजन के जरिए हर घर मंदिर के कांसेप्ट को भी लोगों तक पहुंचाया है. भारत के 300 मंदिरों में दुनिया भर के 25 लाख श्रद्धालुओं को जोड़ने का काम हम हर घर मंदिर प्लान के तहत करने वाले हैं'.
टेंपल कनेक्ट के फाउंडर गिरीश कुलकर्णी ने बताया कि 'बड़े ट्रस्ट और टेंपल ने हमारे जरिए छोटे मंदिरों को सीधे कनेक्ट करने का प्लान बनाया है. इसमें तिरुपति ट्रस्ट ने 57000 मंदिरों के रेनोवेशन का बीड़ा उठाया है. इसके अलावा साईं नाथ मंदिर ट्रस्ट के लोगों ने भी अपने मंदिर से बाहर निकलकर दूसरे मंदिरों के कायाकल्प के लिए हामी भरी है. इसके अतिरिक्त अयोध्या के राम मंदिर के विकास को लेकर भी प्रेजेंटेशन रखा गया है. अयोध्या नगरी के विकास का प्लान भी यहां रखा गया है'.
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